एक तरफ किसान Republic Day 2021 पर ट्रैक्टर परेड निकालने पर अड़े हुए हैं तो सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से इस परेड पर रोक लगाने की मांग की गई है ताकि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में किसी तरह की बाधा न आये.
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नई दिल्ली: केंद्र के कृषि कानूनों (Farm Law 2020) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने एक बार फिर कहा है कि वे गणतंत्र दिवस (Republic Day) के अवसर पर दिल्ली में अपनी प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड निकालेंगे. यूनियन नेता योगेंद्र यादव ने सिंघू बॉर्डर प्रदर्शन स्थल पर मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘हम गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में बाहरी रिंग रोड पर ट्रैक्टर परेड करेंगे. परेड बहुत शांतिपूर्ण होगी. गणतंत्र दिवस परेड में कोई भी व्यवधान नहीं होगा. किसान अपने ट्रैक्टरों पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लगाएंगे.’
किसानों को परेशान किये जाने का आरोप
एक अन्य किसान यूनियन नेता दर्शन पाल सिंह ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) उन लोगों के खिलाफ मामले दर्ज कर रही है जो विरोध प्रदर्शन (Farmers Protest) का हिस्सा हैं या इसका समर्थन कर रहे हैं. पाल ने कहा, ‘सभी किसान यूनियन इसकी निंदा करती हैं.’ पाल का इशारा एनआईए द्वारा उन समन की ओर था जिन्हें प्रतिबंधित संगठन 'सिख्स फॉर जस्टिस' संगठन से जुड़े एक मामले में किसान यूनियन नेता को कथित तौर पर जारी किया गया है.
सरकार कानून निरस्त नहीं करेगी
मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान दिल्ली के विभिन्न बार्डर पर एक महीने से ज्यादा समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने इन कानूनों को किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से प्रमुख कृषि सुधारों के रूप में प्रस्तुत किया है, लेकिन प्रदर्शनकारी किसान चिंता जता रहे हैं कि ये कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और एपीएमसी (APMC) व्यवस्था को कमजोर करेंगे, उन्हें बड़े कॉर्पोरेट की दया पर छोड़ देंगे. सरकार का कहना है कि ये आशंकाएं गलत हैं. सरकार कानूनों को निरस्त करने से इनकार कर चुकी है.
मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
एक तरफ किसान ट्रैक्टर परेड पर अड़े हुए हैं तो सरकारी अथॉरिटीज ने प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च या ऐसे किसी अन्य प्रकार के विरोध प्रदर्शन पर रोक की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया है ताकि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में किसी तरह की बाधा न आये.
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