नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) का विरोध (Farmers Protest) कर रहे किसानों और सरकार के बीच आज कोई बीच का रास्ता निकल सकता है. दिल्ली के विज्ञान भवन में हो रही पांचवें दौर की वार्ता के लिए सरकार ने कुछ नए प्रस्ताव तैयार किए हैं. जिन पर किसानों से बातचीत चल रही है.
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नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों का विरोध (Farmers Protest) कर रहे किसानों और सरकार के बीच पांचवें दौर की वार्ता जारी है. विज्ञान भवन में दोपहर करीब 2 बजे शुरू हुई बैठक में 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधि और सरकार के मंत्री चर्चा कर रहे हैं. वहीं वार्ता से पहले किसानों ने सिंघु बॉर्डर पर बैठक करके तीनों कृषि कानूनों (New Farm Laws) को रद्द करने की मांग की. पढ़ें इस बड़ी खबर का Live Updates:
इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और मंडी पर किसानों को लिखित में आश्वासन देने के लिए तैयार है. जान लें कि किसान आंदोलन (Farmers Protest) में शुरुआत से ये मांग की जा रही है.
उधर किसानों के प्रतिनिधियों की सरकार के साथ पांचवें दौर की बातचीत विज्ञान भवन में शुरू हो गई है. इसमें सरकार की तरफ से तीन केंद्रीय मंत्री और दो मंत्रालय के अधिकारी शामिल हैं.
आज सरकार और किसानों के बीच पांचवें दौर की बातचीत होगी. उससे पहले प्रधानमंत्री मोदी के आवास पर आज बड़ी बैठक हुई. बताया जा रहा है कि किसानों से बातचीत से पहले समाधान की रणनीति पर चर्चा हुई. किसानों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी की बैठक खत्म हो चुकी है. प्रधानमंत्री आवास पर 2 घंटे तक बैठक चली. इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद रहे.
प्रधानमंत्री मोदी के आवास पर हुई मीटिंग में जाने से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'आज किसानों के साथ दोपहर 2 बजे मीटिंग होनी है. मुझे उम्मीद है कि किसान सकारात्मक रूप से सोचेंगे और आंदोलन को खत्म कर देंगे.'
किसान आंदोलन का आज 10 वां दिन है. दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर किसानों के साथ जवान भी तैनात हैं. ठंड से बचने के लिए किसान अलाव का सहारा ले रहे हैं. किसानों ने कहा है कि केंद्र से बातचीत का आज कोई नतीजा नहीं निकला तो वो संसद का घेराव करेंगे.
उधर दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने डेरा डाल दिया है. किसान सड़क पर ही भोजन बना रहे हैं. किसान आंदोलन के साथ सेहत का भी पूरा ध्यान रख रहे हैं. केंद्र सरकार से आर-पार की लड़ाई में लगे किसान अपनी सेहत से समझौता नहीं कर रहे हैं.
वहीं दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर भी किसानों का जमावड़ा है. किसानों के आंदोलन की वजह से जाम के हालात बने हुए हैं और लोगों को कई तरह की परेशानियां भी हो रही हैं, लेकिन किसान अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. किसान केंद्र सरकार से नए कृषि कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है. बैठक से पहले जो संकेत मिल रहे हैं उसमें दोनों ही ओर से कोई झुकने को तैयार नहीं हैं, लेकिन किसानों ने आज की बैठक में समाधान निकलने की उम्मीद जताई है. ऐसे में किसानों के साथ पांचवीं बैठक में बात बनेगी या नहीं इस पर हर किसी की निगाहें हैं.
प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सरकार को अल्टीमेटम दिया है. किसानों ने पांचवीं बैठक से पहले सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाकर तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की. किसानों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं तो वो दिल्ली आने वाले बाकी रास्ते भी जाम कर देंगे. किसानों ने कहा कि मंडी खत्म ना हो, एमएसपी लागू रहे. उन्होंने 26 जनवरी को दिल्ली में परेड करने की चेतावनी भी दी.
बता दें कि किसानों ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं. किसानों ने केंद्र सरकार से किसान आयोग के गठन की मांग की है. प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि कृषि कानून पर आर-पार की लड़ाई होगी. उन्होंने सरकार को खुले में आकर बात करने की सलाह भी दी.
जान लें कि किसान आंदोलन की वजह से दिल्ली के 5 बॉर्डर को बंद रखा गया है. किसानों को दिल्ली के बाहर रोकने के लिए पुलिस ने दिल्ली समेत NCR की कई सीमाओं और रास्तों को बंद कर रखा है. ऐसे में आने-जाने वालों को परेशानी ना हो इसके लिए दिल्ली पुलिस लगातार ट्रैफिक अलर्ट जारी कर रही है.
पीएम मोदी और उद्योगपतियों के पुतले फूंकने का ऐलान
किसानों ने सिंघु बॉर्डर पर हुई बैठक में किसान संगठनों ने प्रधानमंत्री मोदी और कुछ उद्योगपतियों के पुतले फूंकने का भी ऐलान किया. किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद करने का ऐलान भी किया किया. उधर दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन (Farmers Protest) से आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस आंदोलन की वजह से दिल्ली बॉर्डर की कई सड़कें बंद है. जिसके चलते दिल्ली के लोगों को अपने काम पर आने जाने में दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं. इसे देखते हुए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई.
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सड़कें खाली करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल
याचिकाकर्ता ने शाहीनबाग मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए मांग की कि आंदोलन के नाम पर पब्लिक प्लेस को घेरा नहीं जा सकता है. प्रदर्शन तयशुदा जगह पर होना चाहिए. ऐसे में दिल्ली की बंद सड़कों को जल्द खाली करवाया जाए. इसी बीच दिल्ली में ट्रैफिक को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. दिल्ली के लोगों को ये कहा गया है कि किसान आंदोलन (Farmers Protest) के चलते वो Outer Ring Road, GTK road, NH 44 का इस्तेमाल न करें.
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किसान आंदोलन के चलते बंद हैं दिल्ली के कई लिंक रोड़
किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) के चलते चिल्ला बैराज के पास नोएडा-दिल्ली लिंक रोड पर यातायात बंद कर दिया गया है. लोगों को दिल्ली आने-जाने के लिए नोएडा लिंक रोड से बचने और DND का उपयोग करने की सलाह दी गई है. जिसके चलते DND पर जाम लग रहा है. गाजीपुर की सीमा के रास्ते गाजियाबाद से दिल्ली आने वालों के लिए भी ये निर्देश जारी किए गए हैं कि वो यातायात के लिए NH24 का इस्तेमाल न करें. इस रास्ते से जाने वालों को भी दिल्ली आने के लिए DND का उपयोग करने की सलाह दी गई है.
किसानों के समर्थन में आज कई विपक्षी दल करेंगे प्रदर्शन
किसान आंदोलन (Farmers Protest) के समर्थन में अब कई राज्यों में भी सरकार और विपक्ष धरना प्रदर्शन करने जा रहे हैं. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने शुक्रवार को TMC की ओर से डेरेक ओ' ब्रायन को हरियाणा-दिल्ली सीमा पर विरोध कर रहे किसानों से मुलाकात करने भेजा. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी इस कानून के खिलाफ आज गांधी मैदान में महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने धरना देने जा रहे हैं.
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