भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने किसान आंदोलन को जाट आंदोलन कहे जाने पर नाराजगी जताई है. टिकैत का दावा है यह देश के किसानों का आंदोलन है.
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नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों (New Farm Law) के खिलाफ पिछले करीब ढाई महीने से गाजीपुर बॉर्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने राज्यसभा में दिए गए पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. टिकैत ने कहा कि कहा कि मसले को सुलझाने के बजाय सरकार उसे लगातार उलझा रही है.
राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि हमने कब कहा कि MSP खत्म हो जाएगा. MSP को अनिवार्य बनाने के लिए कानून बनाया चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi) यदि किसानों से बातचीत करना चाहते हैं को उनका किसान मोर्चा उनसे बात करेगा. टिकैत ने पीएम मोदी को चैलेंज दिया कि जैसे वे लोगों से गैस सिलिंडर छोड़ने की अपील करते हैं, वैसी ही अपील एक बार सांसद-विधायकों से पेंशन छोड़ने की भी कर दें.
किसान आंदोलन (Farmers Protest) को जाट आंदोलन बताए जाने पर राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि ये मसला पहले पंजाब का और हरियाणा का था. फिर जाटों का बना. अब यह आंदोलन छोटे बड़े किसानों का हो गया है. सभी किसान एक हैं, छोटा बड़ा क्या है. राकेश टिकैत ने कहा कि देश मे भूख पर व्यापार नही होगा. अनाज की कीमत भूख पर तय नही होगी. देश मे पानी से सस्ता दूध बिकता है. उसका भी रेट तय होगा.
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इससे पहले राज्य सभा (Rajya Sabha) में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने किसान आंदोलन (Farmers Protest) की आड़ में राजनीति कर रहे विपक्ष को करारा दवाब दिया. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि आज विपक्ष कृषि रिफॉर्म्स पर यू टर्न क्यों ले रहा है? प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि कुछ लोग नए कृषि कानूनों पर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, कानून को लेकर किसानों की हर शंका का समाधान किया जाएगा. किसानों की बड़ी मांग पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, 'MSP को कोई खत्म नहीं कर सकता. MSP था, MSP है और MSP रहेगा.'
पीएम मोदी (Narendra Modi) ने कहा, किसानों और सरकार के बीच बातचीत के रास्ते कतई बंद नहीं हुए हैं. कृषि मंत्री लगातार किसानों के संपर्क में हैं. उन्होंने किसानों को संदेश देते हुए कहा, नए कृषि कानून देश में बड़ा परिवर्तन लाने वाले साबित होंगे. उन्होंने कहा कि कानून लागू होने का मतलब यह कतई नहीं है कि बाद में कोई परिवर्तन नहीं हो सकता. भविष्य में भी कहीं कोई कमी नजर आए तो उसे सुधारा जाएगा. साथ ही किसानों की मंडी व्यवस्था मांग पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह और बेहतर होगी और MSP को कतई खत्म नहीं किया जा रहा. उन्होंने किसानों से आंदोलन समाप्त करने की अपील की.
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विपक्ष को जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा, 'शरद पवार, कांग्रेस और हर सरकार ने कृषि सुधारों की वकालत की है. लेकिन आज मैं हैरान हूं कि उन्होंने अचानक यूटर्न क्यों ले लिया. आप आंदोलन के मुद्दों को लेकर इस सरकार को घेर लेते लेकिन साथ-साथ किसानों को कहते कि बदलाव बहुत जरूरी है तो देश आगे बढ़ता. मनमोहन सिंह जी ने किसान को उपज बेचने की आजादी दिलाने, भारत को एक कृषि बाजार दिलाने के संबंध में अपना इरादा व्यक्त किया था. लोगों को गर्व होना चाहिए कि देखिए मनमोहन सिंह जी ने कहा था, वो मोदी को करना पड़ रहा है.'
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