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नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) के अमल पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है, लेकिन अब भी किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) जारी है और किसान लगातार कानूनों को वापस करने की मांग कर रहे हैं. इस बीच किसान संगठनों और सरकार के बीच शुक्रवार को 9वें दौर की बातचीत होनी है.
भारतीय किसान यूनियन के महासचिव राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा, 'सरकार से कल (15 जनवरी) वार्ता के लिए जाएंगे. इसके साथ ही 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालेंगे और हमें जितना आतंकवादी कहेंगे, उतनी तगड़ी परेड निकलेगी.' उन्होंने कहा, 'ट्रैक्टर रैली को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है. इसके बाद सोमवार को बात करेंगे. इसके बाद 23 जनवरी को देश के अलग-अलग राज्यों के गवर्नर का घेराव करेंगे.'
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केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से अपील की है कि कोर्ट किसान संगठनों की गणतंत्र दिवस को प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाए, क्योंकि ऐसी रैली से विश्व में देश के सम्मान को ठेस पहुंचेगी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है और सोमवार को इस मामले की सुनवाई होगी. बता दें कि किसानों ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में टैक्टर परेड निकालने की चेतावनी दी है. इससे पहले किसानों ने 7 जनवरी को दिल्ली के चारों तरफ ट्रैक्टर रैली निकाली थी.
बता दें कि केंद्र सरकार और किसान संगठन के नेताओं के बीच अब तक 8 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई भी सहमति नहीं बन पाई है. किसान नेता लगातार तीनों कृषि कानूनों को काला कानून करार देते हुए इन्हें रद्द कराने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार प्रावधानों में बदलाव करते हुए इन्हें बरकरार रखने की जिद्द पर अड़ी है. किसानों का साफ कहना है कि वे कानून रद्द होने तक प्रदर्शन जारी रखेंगे. अब किसान संगठन और सरकार के बीच 9वें दौर की बातचीत 15 जनवरी को होनी है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट (Supre Court) ने 12 जनवरी को याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्रीय कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी थी. इसके साथ ही कोर्ट ने इस मसले को सुलझाने के लिए एक कमेटी का गठन किया था, जिसमें कुल चार लोगों को शामिल किया गया है. कमेटी में भारतीय किसान यूनियन के एचएस मान, डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, कृषि विशेषज्ञ अशोक गुलाटी और शेतकारी संगठन के अध्यक्ष अनिल धनवत शामिल हैं.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) के हर पक्ष से बात करेगी और सीधे सर्वोच्च अदालत को ही रिपोर्ट करेगी. कमेटी अगले दस दिन में अपनी पहली बैठक करेगी और बैठक के दो महीने के भीतर सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.