विज्ञान भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar), रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) और सोम प्रकाश (Som Prakash) ने किसान नेताओं के साथ बातचीत की. ये बातचीत बेनतीजा रही.
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नई दिल्ली: सरकार और किसान नेताओं के बीच जारी बैठक अब खत्म हो गई है. यह बैठक बेनतीजा रही, किसानों और सरकार में किसी मुद्दे पर सहमति नहीं बन सकी. जानकारी के मुताबिक सरकार और किसानों के बीच अगली बैठक अब 3 दिसंबर को होगी. किसानों का आंदोलन अभी जारी रहेगा. बता दें कि दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar), पीयूष गोयल (Piyush Goyal) और सोम प्रकाश (Som Prakash) ने किसान नेताओं के साथ बातचीत की. इस बैठक में 32 किसान संगठनों के नेता शामिल हुए.
मीटिंग खत्म होने के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बैठक अच्छी रही और हमने फैसला किया है कि अगली वार्ता 3 दिसंबर को होगी. हम चाहते थे कि एक कमेटी बनाई जाए लेकिन किसान नेता चाहते थे कि सभी के साथ बातचीत हो, हमें इससे कोई समस्या नहीं है.
The meeting was good and we have decided that the talks will be held on 3rd December. We wanted a small group to be constituted but farmers' leaders wanted that the talks should be held with everyone, we do not have problem with it: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar https://t.co/73zml1sb0r pic.twitter.com/9pm3kMgfLk
— ANI (@ANI) December 1, 2020
किसान प्रतिनिधिमंडल के सदस्य चंदा सिंह ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ हमारा आंदोलन जारी रहेगा. हम सरकार से निश्चित रूप से कुछ लेकर ही वापस जाएंगे. वो चाहे गोलियां हों या फिर शांतिपूर्ण समाधान. चंदा सिंह ने कहा कि हम सरकार के साथ बातचीत के लिए वापस आएंगे. बता दें कि चंदा सिंह, आज दिल्ली में हुई बैठक में शामिल हुए थे.
Our movement against Farm Laws will continue & we'll definitely take back something from the Govt, be it bullets or a peaceful solution. We'll come back for more discussions with them: Chanda Singh, Member of Farmers' Delegation who met Union Agriculture Minister in Delhi today pic.twitter.com/YgenF7koXN
— ANI (@ANI) December 1, 2020
इस बीच सिंधु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर किसान प्रदर्शनकारियों से AAP नेता आतिशी मार्लेना ने मुलाकात की. उन्होंने कहा, 'MSP की गारंटी को तो कानून में आना ही होगा. जो सरकार वादा करती थी कि हम स्वामीनाथन कमेटी की बातें मानेंगे, डेढ़ गुना MSP बढ़ाएंगे. उसे कानूनी तरीके से हटा दिया.'
इधर, केंद्रीय मंत्री जनरल वी.के. सिंह का कहना है कि जो चीज किसान के हित में है, वह की गई है. स्वामीनाथन आयोग में मांग की गई थी कि किसान के पास अपनी फसल बेचने की स्वतंत्रता होनी चाहिए वह किसी चीज से बंधा न रहे. सरकार ने यह कर दिया. उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि किसान को परेशानी नहीं हो रही, बाकी लोगों को हो रही है. विपक्ष के साथ उन लोगों का हाथ है जो कमीशन खाते हैं.
सांगवान खाप के प्रधान और चरखी दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान का कहना है कि हरियाणा की तमाम खाप किसानों के साथ हैं. उन्होंने कहा, 'मैंने कल सांगवान खाप की बैठक की और हम दिल्ली कूच कर रहे हैं. मैंने सरकार को निर्दलीय विधायक होने के नाते जो समर्थन दिया था उसे वापिस लेने की घोषणा करता हूं.'
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किसानों की अपील
आपको बता दें कि लगातार छठे दिन दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है. पंजाब और हरियाणा के किसानों के बाद अब यूपी के अलग-अलग हिस्सों से किसान नोएडा की तरफ बढ़ रहे हैं. किसानों ने ZEE NEWS के जरिए सरकार से अपील की है कि MSP पर भ्रम दूर करें.
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ट्रूडो के बयान पर विदेश मंत्रालय को आपत्ति
इस बीच कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि हालात चिंताजनक हैं. शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के अधिकारों की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा खड़ा रहेगा. भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्रूडो के इस बयान पर आपत्ति जताई है.