Farooq Abdullah on Article 370: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म हुए 4 साल से ज्यादा हो चुके हैं. इसके बावजूद फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के दिल से यह आर्टिकल निकल नहीं पा रहा है.
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Farooq Abdullah on Article 370 and Jammu Kashmir: सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 370 पर दायर कई याचिकाओं को खारिज कर चुकी है. इसके बावजूद कश्मीर के पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं के दिल से यह अनुच्छेद बाहर नहीं निकल पा रहा है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के सुप्रीमो फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को फिर अनुच्छेद 370 को याद किया. अब्दुल्ला ने कहा कि हम
हम अनुच्छेद 370 नहीं लाए थे. इसे महाराजा हरि सिंह ने लागू किया था. वे राज्य के लोगों की जमीन छिन जाने के डर से चिंतित थे.
'पंजाब वाले औने-पौने दामों में न खरीद लें जमीन'
जम्मू में सोमवार को मीडिया से बात करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'हम अनुच्छेद 370 नहीं लाए थे. उसे लाने वाले महाराज हरि सिंह थे, जिन्होंने वर्ष 1947 में इसे लागू किया. इसे लागू करने की वजह यह डर था कि आजादी के बाद कहीं पंजाब के लोग जम्मू कश्मीर में आकर गरीब लोगों से उनकी जमीन औने-पौने दामों में न खरीद लें. इसके इसके साथ ही उन्होंने स्थानीय लोगों के लिए सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया. यह सब अनुच्छेद 370 की वजह से ही हो पाया.'
'जम्मू वालों ने बहुत ढोल बजाए लेकिन...'
जम्मू के लोगों पर तंज कसते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा, जब राज्य में अनुच्छेद 370 लागू था तो यहां की सभी नौकरियां स्थानीय लोगों के लिए रिजर्व थी. लेकिन जब यह अनुच्छेद हटा तो जम्मू के लोग बहुत खुश हुए और खुशी में ढोल बजाए. उन्हें ऐसा लगा कि पता नहीं क्या मिलने वाला है. लेकिन अब उन्हें असलियत में अहसास हो रहा है कि उनके साथ क्या हो रहा है. जम्मू के लिए एक नौकरी निकली, उस पर भी केरल से आकर यहां नियुक्त हो गया. क्या हमारे लोगों में वह योग्यता नहीं है कि वे पुलिस-प्रशासन में ऊंचे पदों पर जा सकें.
'बंद पड़े स्कूल-कॉलेज खुलवाए'
फारूक अब्दुल्ला ने अपनी सरकार की तारीफ करते हुए कहा, जो लोग आज राष्ट्रवादी होने का दावा कर रहे हैं, वे 1996 में कहां थे, जब लोग आतंकवाद के डर से श्रीनगर जाने से डरते थे. उस वक्त मैंने फैसला किया कि अगर लोगों को बचाना है तो चुनाव लड़ना ही होगा. इसके बाद हमने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. हमने सड़कें- पुल बनाए. हमने रहबर ए तालीम स्कीम शुरू कर बंद पड़े स्कूल खुलवाए.
#WATCH | Jammu, J&K: Addressing a press conference National Conference MP Farooq Abdullah says, "...We didn't bring Article 370. This was introduced and implemented by Maharaja Hari Singh in 1947... It was only out of fear, that the people of Punjab would come here after… pic.twitter.com/yVhWOc4ab8
— ANI (@ANI) January 8, 2024
'हिंदू-मुस्लिम में नहीं किया भेद'
जम्मू- कश्मीर के पूर्व सीएम ने कहा, 'मैंने कभी भी हिंदू-मुस्लिम में कोई भेदभाव नहीं किया. वर्ष 1996 की बात है, तब डीजीपी के पास विजिट के नाम पर केवल गाड़ी हुआ करती थी. मैंने डीजीपी को हेलीकॉप्टर दिया और कहा कि इसमें बैठकर प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों में विजिट कीजिए और वहां के लोगों को पुलिस फोर्स में भर्ती करिए. इस काम में हमने कभी भी हिंदू-मुस्लिम में भेदभाव नहीं किया. हमने यह भी नहीं देखा कि आप श्रीनगर से हैं या जम्मू से.'
'अगर भगवान राम पूरी दुनिया के हैं तो..'
फारूक अब्दुल्ला ने अयोध्या में 22 जनवरी को राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर भी अपनी बात रखी. अब्दुल्ला ने कहा, भगवान राम केवल उनके ही नहीं बल्कि वे सबके हैं. उनकी किताबों में भी लिखा है कि भगवान राम पूरी दुनिया के हैं. लेकिन उन लोगों ने उन्हें केवल अपना बना लिया है. अब चुनाव में वे आएंगे और कहेंगे कि राम मंदिर हमने बनाया है, हमें वोट दो. इससे वे भले ही जीत जाएं लेकिन देश असल में तब जीतेगा, जब सब लोग मिलकर साथ चलेंगे.