भारत में पढ़ाएंगे अमेरिकी शिक्षक, ओबामा लगाएंगे मुहर
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भारत में पढ़ाएंगे अमेरिकी शिक्षक, ओबामा लगाएंगे मुहर

भारत के विद्यार्थी विदेशों के बेहतरीन शिक्षाविदों से शिक्षा पा सकें ऐसे एक कार्यक्रम पर सरकार काम कर रही है जिस पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की यात्रा के दौरान अंतिम मुहर लग सकती है।

नई दिल्ली : भारत के विद्यार्थी विदेशों के बेहतरीन शिक्षाविदों से शिक्षा पा सकें ऐसे एक कार्यक्रम पर सरकार काम कर रही है जिस पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की यात्रा के दौरान अंतिम मुहर लग सकती है।

इस कार्यक्रम के तहत संस्थानों में आने वाले अंतरराष्ट्रीय शिक्षाविदों को 20 दिन के प्रशिक्षण सत्र के लिए उतना ही मानदेय दिया जा सकेगा जितना अमेरिका में मिलता है। इन शिक्षाविदों के केंद्र सरकार से सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों मसलन आईआईटी, केंद्रीय विश्वविद्यालयों और ए ग्रेड के संस्थानों में पढ़ाने की उम्मीद है जिसकी औपचारिकताएं ओबामा की यात्रा से पहले पूरी कर ली जाएंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिका ने भारत के उस प्रस्ताव पर सहमति दिखाई थी जिसमें प्रत्येक वर्ष 1000 अमेरिकी शिक्षाविद भारत में आकर शिक्षा प्रदान करेंगे। यह प्रस्ताव ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर एकेडमिक नेटवर्क्‍स (जियान) पहल के तहत लाया गया था।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘बेहतरीन शिक्षाविदों को आकर्षित किया जा सके इसके लिए उन्हें बेहतर भुगतान देने पर जोर दिया जा रहा है। 8,000 अमेरिकी डॉलर 15 दिन और 12,000 अमेरिकी डॉलर 20 दिन के सत्र के लिए देने पर विचार किया जा रहा है।’

पिछले बुधवार को मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट किया कि एक अमेरिकी विश्वविद्यालय में गणित के प्रोफेसर मंजुल भार्गव जियान का हिस्सा होंगे। गौरतलब है कि मंजुल ने हाल ही में स्मृति से मुलाकात की थी और वह भारतीय मूल के पहले अमेरिकी गणितज्ञ हैं जिन्हें फील्ड्स मेडल से नवाजा गया है जिसे गणित का नोबेल पुरस्कार भी कहते हैं। मंत्रालय की कोशिश है कि इस प्रस्ताव को ओबामा के 25 जनवरी को भारत आने से पहले तैयार कर लिया जाए।

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