देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) की वर्तमान स्थिति के बीच रूस की कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) स्पूतनिक वी (Sputnik V) भी कारगर साबित होगी. गौरतलब है कि इस बीच फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन और अमेरिका ने भी देश के मौजूदा हालातों में मदद का भरोसा दिया है.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी की दूसरी लहर (Corona Second Wave India) से मची तबाही के बीच मंगलवार को दो अच्छी खबरें सामने आईं. एक तरफ देश में कोरोना के नए मामलों में कुछ कमी देखने को मिली वहीं दूसरी ओर देशवासियों को कोरोना से बचाने के लिए एक और ब्रह्मास्त्र यानी रूस (Russia) की कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) स्पुतनिक वी (Sputnik V) भारत पहुंचने वाली है.
गौरतलब है कि भारत में इस समय दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना वैक्सीनेशन अभियान जारी है. सरकार ने हालात पर काबू पाने के लिए अमेरिका, यूरोप, रूस और जापान के ड्रग रेगुलेटर्स की मंजूरी वाली कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे चुकी है अब इसी सिलसिले में भारत को रूस की कोविड-19 वैक्सीन स्पुतनिक वी (Sputnik V ) की पहली खेप 1 मई को मिलेगी.
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ये जानकारी रूसी डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (RDIF) के प्रमुख किरिल दिमित्रिक (Kirill Dmitriev) ने दी है. हालांकि अभी तक ये साफ नहीं हुआ है कि इस पहली खेप में कितनी डोज होंगी.
माना जा रहा है कि देश में कोरोना की वर्तमान स्थिति के बीच रूस की ये कोरोना वैक्सीन भी रामबाण साबित हो सकती है. गौरतलब है कि इस बीच फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन और अमेरिका ने भी देश के मौजूदा हालातों में मदद का भरोसा दिया है. कुछ देशों ने तो भारत को तत्काल चिकित्सा सहायता भेजने का वादा किया है. इसी बीच भारत सरकार देशवासियों को सुरक्षित रखने और बीमारों को बेहतर उपचार देने के लिए दिन-रात काम कर रही है.
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मिली जानकारी के अनुसार, रूस काफी पहले ही भारत के साथ वैक्सीन की एक साल में 850 मिलियन से अधिक खुराक के लिए पांच प्रमुख भारतीय निर्माताओं के साथ समझौते पर दस्तखत कर चुका है. वहीं वैक्सीन की ग्लोबल मार्केटिंग करने वाली RDIF का कहना है कि उम्मीद है कि भारत में वैक्सीन का उत्पादन गर्मियों तक 50 मिलियन डोज तक पहुंच जाएगा.