Chhattisgarh Encounter: कांकेर एनकाउंटर के बाद नक्सलियों में छाया खौफ, 2 दिन चुप्पी के बाद जारी किया ये बयान
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Chhattisgarh Encounter: कांकेर एनकाउंटर के बाद नक्सलियों में छाया खौफ, 2 दिन चुप्पी के बाद जारी किया ये बयान

Kanker Encounter Update: छत्तीसगढ़ के कांकेर एनकाउंटर के बाद नक्सलियों में सुरक्षाबलों का खौफ समा गया है. दो दिन तक चुप्पी साधे रखने के बाद अब जाकर नक्सलियों का पहला बयान सामने आया है. 

Chhattisgarh Encounter: कांकेर एनकाउंटर के बाद नक्सलियों में छाया खौफ, 2 दिन चुप्पी के बाद जारी किया ये बयान

Chhattisgarh Encounter Update: छत्तीसगढ़ के कांकेर में हुए एनकाउंटर में 29 नक्सलियों के मारे जाने के बाद नक्सलवादी संगठन हताश और हैरान हैं. घटना के 2 दिन बाद नक्सलियों से जुड़े एक फ्रंटल ग्रुप क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन ने एक बयान जारी कर घटना पर प्रतिक्रिया जताई है. संगठन ने मरने वाले नक्सलियों में से 27 के नाम भी बताए हैं. जबकि 2 नामों पर कहा है कि वह अभी उनकी पहचान नहीं पाई है. 

एनकाउंटर के बाद इस नक्सली संगठन ने जारी किया बयान

क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन की ओर से यह बयान प्रवक्ता रामको हिचामी ने सोशल मीडिया पर जारी किया. इस बयान में दावा किया गया कि प्रसारित होने वाले मृतकों के कुछ नाम गलत हैं. मृतकों में सीपीआई (माओवादी) के डिविजनल कमेटी सदस्य और वारंगल के निवासी शंकर का नाम तो शामिल है, लेकिन संगठन की डिविजनल कमेटी मेंबर सदस्य ललिता का इसमें कोई उल्लेख नहीं है. जबकि एनकाउंटर के बाद पुलिस ने दावा किया था कि मारे गए लोगों में शंकर राव और ललिता दोनों शामिल थे.

शीर्ष माओवादी नेताओं ने कैडर्स को धोखा दे दिया- आईजी

बस्तर के आईजी पी. सुंदरराज ने कहा कि इस एनकाउंटर के बाद नक्सली बुरी तरह हताश हैं. नक्सलियों के मुख्य संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया माओवादी (Communist Party of India Maoist) की ओर से बयान देने के बजाय एक सहयोगी संगठन की ओर से प्रेस रिलीज जारी करवाई गई है. कुल मिलाकर यह यह बचे-खुचे लोकल कैडर्स का मनोबल ऊंचा बनाए रखने की कोशिश है, जिन्हें उनके शीर्ष नेतृत्व ने धोखा दे दिया है. 

'पहले हर मुद्दे पर जारी करते थे बयान, अब पीछे छुप गए'

छत्तीसगढ़ के पुलिस अधिकारी ने बताया, पहले यह देखा गया है कि सीपीआई माओवादी केंद्रीय समिति/क्षेत्रीय ब्यूरो स्तर की संस्थाएं हर मुद्दे पर इस तरह की प्रेस विज्ञप्तियां देती थीं. लेकिन कांकेर एनकाउंटर पर माओवादी शीर्ष नेतृत्व एक प्रेस नोट जारी करने के लिए भी खुद को संगठित भी नहीं कर सका. इससे पता चलता है कि निचले स्तर के कैडरों को उनके वरिष्ठ नेताओं ने छोड़ दिया है.

हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल हों नक्सली

आईजी ने कहा कि मजबूरी में, KAMS ने उग्रवादियों के मनोबल की खातिर एक प्रेस नोट जारी किया है, जो पहले ही निचले स्तर पर पहुंच चुका है. उन्होंने अब लोकल कैडर्स को शीर्ष माओवादी नेताओं के असली और क्रूर चेहरे का एहसास हो गया है, जो दशकों से उनका शोषण और दुरुपयोग कर रहा है.

उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि स्थानीय कैडर हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो जाएं. आईजी ने बताया कि पुलिस ने अब तक मारे गए 29 में से नौ नक्सलियों की पहचान कर ली है. जबकि बाकी नक्सलियों के बारे में डिटेल जुटाई जा रही है. 

(एजेंसी पीटीआई)

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