Lokesh Sharma alleged Ashok Gehlot: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा ने बड़ा खुलासा किया. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला. क्या लगा है आरोप.
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Lokesh Sharma: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के बीच राजस्थान की राजनीति (Rajasthan Politics) में एक नया बवाल मच गया है. राजस्थान में अभी दूसरे चरण का मतदान होना बाकी है. इसी बीच राजनीति के जादूगर' कहे जाने वाले राजस्थान के अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) पर बड़ा आरोप लगा है. यह आरोप किसी और ने नहीं बल्कि राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री के OSD रहे लोकेश शर्मा (Lokesh Sharma PC) ने प्रेस कॉफ्रेंस करके लगाया है.
राजस्थान की सियासी पारा चढ़ा
लोकेश ने अपने खुलासे में बताया कि 2020 में जब गहलोत सरकार पर संकट के बादल छाए थे, तब एक ऑडियो टेप वायरल हुआ था. जिसके आधार पर भाजपा पर कांग्रेस विधायकों के खरीद-फरोख्त की बात कही गई थी. इस ऑडियो टेप के बारे में लोकेश शर्मा ने बताया कि यह ऑडियो टेप मुझे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक पेन ड्राइव में दी थी. और कहा था कि इसे मीडिया तक पहुंचाओ.' लेकिन अब राजनीति के जादूगर'खुद के ही जाल में फंस गए हैं.
जानें क्या हुआ खुलासा
लोकेश शर्मा ने फोन टैपिंग मामले पर बड़ा खुलासा करते हुए कहा, यह ऑडियो क्लिप मुझे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा दी गई थी. गहलोत ने यह ऑडियो क्लिप एक पेन ड्राइव के माध्यम से मुझे दी थी, जिसको मैंने लैपटॉप में ट्रांसफर करके अपने फोन से मीडिया में सर्कुलेट किया था. ओएसडी लोकेश शर्मा ने यह भी बताया कि मीडिया में सर्कुलेट करने के बाद जब खबर नहीं चली तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बेचैन हो गए और मुझे बार-बार फोन करके खबर कहां है, यह पूछ रहे थे.
गजेंद्र सिंह शेखावत से गहलोत का बदला
ओएसडी लोकेश शर्मा ने कहा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से अपने बेटे की हार का बदला लेना चाहते थे. इसलिए शेखावत की छवि खराब करने के लिए यह ऑडियो क्लिप वायरल करवाई गई. जिससे राज्य में यह संदेश जाए कि बीजेपी के लोग कांग्रेस की सरकार गिराना चाहते हैं.
सोशल मीडिया से नहीं मिला था ऑडियो
लोकेश ने कहा कि ये ऑडियो मुझे सोशल मीडिया से नहीं मिला था. अशोक गहलोत ने मुझे पेन ड्राइव के जरिए सभी ऑडियो क्लिप दी थी. वहीं लोकेश शर्मा ने कहा कि उस दौरान जब अखबारों में खबरें छपीं. मुकदमे दर्ज हुए. कौन लोग है, जो सरकार गिराना चाहते हैं. इससे गजेंद्र सिंह को जोड़ा गया. ऐसी मंशा थी कि इस पूरे खेल के पीछे बीजेपी है. लेकिन, हम सभी ने सुना सचिन पायलट ने कहा था- हम लोगों की सुनवाई नहीं हुई थी. इसलिए एकत्र होकर आलाकमान तक अपनी बात पहुंचाना चाहते थे.
पायलट के लोगों पर थी निगरानी
लोकेश शर्मा ने बताया कि अशोक गहलोत को जैसे ही पता चला कि लोगों को पता चल रहा है कि उन्होंने सारा षड्यंत्र रचा था, फिर उन्होंने उन सभी के फोन सर्विलांस पर लगवा दिए जो उनके विरोध में थे. या सचिन पायलट ग्रुप में शामिल थे. सभी का मूवमेंट पता किया जा रहा था और कॉल रिकार्ड किया जा रहा था. बंदीबाड़े में रखे गए कई विधायकों के फोन भी सर्विलांस पर थे. तत्कालीन मुख्यमंत्री के आवास पर इस बात पर चर्चा हुई कि गजेंद्र सिंह शेखावत और सचिन पायलट की छवि को कैसे खराब किया जाए.
2020 में क्या हुआ था?
आपको बता दें कि 20202 में सचिन पायलट कैंप की बगावत के बाद सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप लगे थे. गहलोत खेमे ने विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए कुछ ऑडियो वायरल हुए थे. इसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर कांग्रेस के तत्कालीन विधायक भंवरलाल शर्मा के साथ गहलोत सरकार को गिराने के लिए सौदेबाजी का आरोप लगाया गया था. इस मुद्दे पर विधानसभा के बजट सत्र में जमकर हंगामा हुआ था. सदन में भी यह मामला उठा था. विधानसभा में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने माना था कि मुख्यमंत्री के OSD ने ऑडियो वायरल किए थे.
चुनाव के बाद बागी बने लोकेश?
पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से टिकट नहीं मिलने के बाद से बगावती सुर अपनाए हुए हैं. खासतौर से कभी सबसे करीबी नेता रहे पूर्व सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ ही शर्मा लगातार हमलावर हैं. चुनाव परिणाम के तुरंत बाद लोकेश शर्मा ने सोशल मीडिया पर लिखा था- मैं नतीजों से आहत जरूर हूं, लेकिन अचंभित नहीं हूं. कांग्रेस पार्टी राजस्थान में निसंदेह रिवाज बदल सकती थी, लेकिन अशोक गहलोत कभी कोई बदलाव नहीं चाहते थे. यह कांग्रेस की नहीं बल्कि अशोक गहलोत जी की हार है. गहलोत के चेहरे पर, उनको फ्री हैंड देकर, उनके नेतृत्व में पार्टी ने चुनाव लड़ा और उनके मुताबिक हर सीट पर वे खुद चुनाव लड़ रहे थे.
शर्मा के पास अशोक का काला चिठ्ठा?
लंबे वक्त तक कांग्रेस पार्टी से जुड़ाव और पूर्व सीएम अशोक गहलोत से नज़दीकी होने के चलते लोकेश शर्मा कई बातों के ‘राज़दार’ माने जाते हैं. कई लोगों का यह मानना है कि लोकेश इस तरह के खुलासे इसलिए कर रहे हैं कि उन्हें बीजेपी में एंट्री मिल जाए. अगर ऐसा हुआ तो भाजपा में एंट्री से कांग्रेस सरकार में हुए अन्य घोटालों की पोल खुल सकती है. वहीं रीट पेपर लीक से लेकर लाल डायरी प्रकरण और विधायकों के सामूहिक इस्तीफे जैसे गरमाये रहे मामलों को लेकर भी बड़े खुलासे हो सकते हैं.
गहलोत का अब तक नहीं आया इस पर बयान
अभी तक इस मामले में अशोक गहलोत की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. शर्मा के आरोपों का जवाब देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी ने कहा, 'वह संगठन के सदस्य नहीं हैं और वह बीजेपी नेताओं के संपर्क में हैं. इसलिए, वह उनके निर्देशों पर काम कर रहे हैं.”