वाजपेयी सरकार में रक्षामंत्री रहे जॉर्ज फर्नांडिस का लंबी बीमारी के बाद निधन
Advertisement
trendingNow1493513

वाजपेयी सरकार में रक्षामंत्री रहे जॉर्ज फर्नांडिस का लंबी बीमारी के बाद निधन

जॉर्ज के रक्षामंत्री रहते हुए ही भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था.  भारतीय संसद की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार इनका जन्म मैंगलोर में 3 जून 1930 को हुआ.

जॉर्ज फर्नांडिस लंबे समय से अल्जाइमर से ग्रसित थे.

नई दिल्ली: पूर्व रक्षामंत्री मंत्री और महान समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस का 88 वर्ष की अवस्था में मंगलवार को निधन हो गया. वे लंबे समय पर से बीमार चल रहे थे. अल्जाइमर से पीड़ित होने के चलते वे काफी समय से बिस्तर पर ही थे. बताया जा रहा है कि पिछले कुछ समय से वह स्वाइन फ्लू से भी पीड़ित थे. डॉक्टरों ने बताया है कि स्वाइन फ्लू के चलते ही उनकी मौत हुई है. जॉर्ज के रक्षामंत्री रहते हुए ही भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था.  अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई में पहली बार केंद्र में कार्यकाल पूरा करने वाली गठबंधन सरकार में जॉर्ज रक्षामंत्री रहे. भारतीय संसद की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार इनका जन्म मैंगलोर में 3 जून 1930 को हुआ. 

  1. देश के जाने माने समाजवादी नेताओं में जॉर्ज फर्नांडिस एक रहे
  2. जॉर्ज फर्नांडिस की छवि एक विद्रोही नेता की रही
  3. पूर्व पीएम वाजपेयी के काफी करीबी रहे जॉर्ज 

जॉर्ज फर्नांडिस 10 भाषाओं के जानकार हैं - हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, मराठी, कन्नड़, उर्दू, मलयाली, तुलु, कोंकणी और लैटिन. उनकी मां किंग जॉर्ज फिफ्थ की बड़ी प्रशंसक थीं. उन्हीं के नाम पर अपने छह बच्चों में से सबसे बड़े का नाम उन्होंने जॉर्ज रखा.

मंगलौर में पले-बढ़े फर्नांडिस जब 16 साल के हुए तो एक क्रिश्चियन मिशनरी में पादरी बनने की शिक्षा लेने भेजे गए. पर चर्च में पाखंड देखकर उनका उससे मोहभंग हो गया. उन्होंने 18 साल की उम्र में चर्च छोड़ दिया और रोजगार की तलाश में बंबई चले आए.

ये भी पढ़ें: क्या आपको याद हैं जार्ज फर्नांडिस? आडवाणी ने उन्हें 'बागी' बताया है

जॉर्ज खुद बताते हैं कि इस दौरान वे चौपाटी की बेंच पर सोया करते थे और लगातार सोशलिस्ट पार्टी और ट्रेड यूनियन आंदोलन के कार्यक्रमों में हिस्सा लेते थे. फर्नांडिस की शुरुआती छवि एक जबरदस्त विद्रोही की थी. उस वक्त मुखर वक्ता राम मनोहर लोहिया, फर्नांडिस की प्रेरणा थे.

ये भी पढ़ें: मजदूरों की हड़ताल कराकर मुंबईकरों को परेशान करते थे जॉर्ज फर्नांडिस : शिवसेना

1950 आते-आते वे टैक्सी ड्राइवर यूनियन के बेताज बादशाह बन गए. बिखरे बाल, और पतले चेहरे वाले फर्नांडिस, तुड़े-मुड़े खादी के कुर्ते-पायजामे, घिसी हुई चप्पलों और चश्मे में खांटी एक्टिविस्ट लगा करते थे. कुछ लोग तभी से उन्हें ‘अनथक विद्रोही’ (रिबेल विद्आउट ए पॉज़) कहने लगे थे. जंजीरों में जकड़ा उनकी एक तस्वीर इमरजेंसी की पूरी कहानी बयां करती है.

Trending news