पूछताछ के लिए सीबीआई द्वारा सम्मन किए जाने के बावजूद सोमवार को एजेंसी के अधिकारियों के समक्ष उपस्थित नहीं हुए.
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कोलकाता: कोलकाता पुलिस के पूर्व आयुक्त राजीव कुमार सारदा चिटफंड मामले में पूछताछ के लिए सीबीआई द्वारा सम्मन किए जाने के बावजूद सोमवार को एजेंसी के अधिकारियों के समक्ष उपस्थित नहीं हुए. अधिकारियों ने बताया कि कुमार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को एक पत्र भेजकर मामले में उसके अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए और समय मांगा है. सीआईडी के एक अधिकारी साल्ट लेक सिटी में सीबीआई कार्यालय पहुंचे और एक पत्र सौंपा. इस पत्र में कुमार ने कहा है कि वह तीन दिन की छुट्टी पर हैं, इसलिए नहीं आ पाएंगे.
CBI Sources: Kolkata former Commissioner Rajeev Kumar has not yet joined the probe, earlier CBI had issued summons asking him to appear before agency officials in Kolkata in the morning today, but he has not turned up yet
— ANI (@ANI) May 27, 2019
सीबीआई सूत्रों ने कहा कि एजेंसी को पूछताछ से रोकने के लिए कुमार कोई कानूनी कदम नहीं उठा पाएं, इसके लिए अधिकारी बारासात अदालत में मौजूद थे. सीबीआई ने रविवार को आईपीएस अधिकारी को सोमवार को एजेंसी के साल्ट लेक कार्यालय में सम्मन किया था. सारदा मामले की जांच के सिलसिले में आवास पर कुमार से मुलाकात नहीं होने के बाद यह कदम उठाया गया था.
शारदा चिटफंड घोटाले की जांच कर रही सीबीआई की मांग पर यह लुकआउट नोटिस जारी किया गया है. इसके मुताबिक अब अगले एक साल तक अगर राजीव कुमार विदेश जाने के लिए एयरपोर्ट या बंदरगाह का इस्तेमाल करेंगे तो उन्हें हिरासत में लिया जा सकेगा. इसके बाद उन्हें सीबीआई को भी सौंपा जा सकेगा.
इससे पहले अधिकारियों ने रविवार को बताया कि सीबीआई ने कुमार को देश छोड़ने से रोकने के लिए और उनके किसी भी संभावित कदम के बारे में एजेंसी को सूचित करने के लिए इस सप्ताह सभी हवाईअड्डों और आव्रजन अधिकारियों को सतर्क किया है.एजेंसी 2500 करोड़ रुपये के सारदा पोंजी घोटाले में 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी कुमार से हिरासत में पूछताछ करना चाहती है.
वह इस मामले की जांच सीबीआई के संभालने से पहले पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष जांच दल की अगुवाई कर रहे थे. सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय से कहा था कि कुमार से हिरासत में पूछताछ जरूरी है क्योंकि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे और वह एजेंसी द्वारा उनसे पूछताछ में रखे गये सवालों पर टालमटोल तथा अड़ियल रवैया अपना रहे हैं.
सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि कुमार एसआईटी की जांच के प्रभारी थे और उन्होंने आरोपियों से जब्त मोबाइल फोन तथा लैपटॉप को जब्ती मुक्त करने की अनुमति दी थी जिनमें घोटाले में राजनीतिक पदाधिकारियों की कथित संलिप्तता का महत्वपूर्ण रिकॉर्ड था.
सारदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई जांच के घेरे में फंसे पश्चिम बंगाल के आईपीएस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी राजीव कुमार ने बुधवार को दोबारा सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से झटका पाए राजीव कुमार की ओर से बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई याचिका में अग्रिम जमानत की मांग की गई है. इसके साथ ही राजीव कुमार ने मामले की जांच कर रही सीबीआई पर भी गंभीर आरोप लगाए थे.