‘प्रणब दा’ के नाम से मशहूर मुखर्जी 2012 से 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे थे.
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नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया जाएगा. पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे. वह यूपीए सरकार के दोनों कार्यकाल में महत्वपूर्ण पदों पर रहे. इस पुरस्कार के लिए चुने जाने पर आभार जताते हुए मुखर्जी ने कहा, "मुझे अपने महान देश के लोगों से उससे कही अधिक मिला है जितना मैंने उन्हें दिया है."
मुखर्जी ने एक ट्वीट किया, "मैं भारत के लोगों के प्रति पूरी विनम्रता और कृतज्ञता की भावना के साथ इस महान सम्मान भारत रत्न को स्वीकार करता हूं. मैंने हमेशा कहा है और मैं दोहराता हूं कि मुझे अपने महान देश के लोगों से उससे कही अधिक मिला है जितना मैंने उन्हें दिया है."
मुखर्जी 1982 में 47 वर्ष की उम्र में देश के सबसे कम उम्र के वित्त मंत्री बने थे. वर्ष 2004 से उन्होंने तीन महत्वपूर्ण मंत्रालयों विदेश मंत्रालय, रक्षा और वित्त मंत्रालय का कामकाज संभाला था. ‘प्रणब दा’ के नाम से मशहूर मुखर्जी 2012 से 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे थे. पिछले वर्ष नागपुर में आरएसएस के एक कार्यक्रम में शामिल होने पर मुखर्जी को कुछ लोगों से आलोचना का सामना करना पड़ा था.
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा पर खुशी जताते कहा कि मुखर्जी ने अपने निस्वार्थ कार्यों से देश की विकास यात्रा में मजबूत छाप छोड़ी है. पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘प्रणब दा हमारे समय के उत्कृष्ट राजनेता हैं. उन्होंने दशकों तक देश की निस्वार्थ और अथक सेवा की है और देश की विकास यात्रा पर मजबूत छाप छोड़ी है. उनकी बुद्धिमत्ता और मेधा के सानी बहुत कम लोग होंगे. प्रसन्नता है कि उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा की गई है."
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न से सम्मानित करने की भारत सरकार की घोषणा के बाद मुखर्जी को बधाई दी और कहा कि उनकी पार्टी को गर्व है कि कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे एक व्यक्ति के योगदान को पहचान और सम्मान दिया गया है.
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'प्रणब दा, भारत रत्न के लिए बधाई. कांग्रेस पार्टी को गर्व है कि जनसेवा एवं राष्ट्र निर्माण में हमारे एक अपने के असीम योगदान को पहचान और सम्मान मिला है.' उन्होंने भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख को भारत रत्न (मरणोपरांत) दिए जाने की घोषणा पर भी खुशी जताई."