गडकरी ने जब रिजेक्ट कर दी 11 हजार करोड़ की फाइल, प्रोजेक्ट में 5 हजार करोड़ की हुई बचत
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गडकरी ने जब रिजेक्ट कर दी 11 हजार करोड़ की फाइल, प्रोजेक्ट में 5 हजार करोड़ की हुई बचत

जोजिला टनल (Zojila Tunnel) का निर्माण पूरा होने के बाद लद्दाख की राजधानी लेह और जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के बीच 12 महीने आवागमन जारी रहेगा. वहीं लेह और श्रीनगर के बीच यात्रा में 3 घंटे का समय कम लगेगा.

नितिन गडकरी

नई दिल्ली: एशिया की सबसे लंबी जोजिला सुरंग (Zojila Tunnel) के निर्माण के लिए अफसरों ने 11 हजार करोड़ रुपये की भारी-भरकम बजट की फाइल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के सामने पेश की थी. मगर, नितिन गडकरी ने फाइल रिजेक्ट करते हुए संबंधित अफसरों से दो टूक कह दिया कि इतनी भारी लागत में टनल नहीं बनेगी.

  1. निर्माण की जिम्मेदारी बेहतर ट्रैक रिकार्ड वाली मेघा इंजीनियरिंग को 
  2. निर्धारित समय से डेढ़ से वर्ष पहले कार्य पूरा होने की उम्मीद 
  3. बर्फबारी के समय भी लेह से श्रीनगर की यात्रा आसान 

नए सिरे से फाइल तैयार करने का निर्देश 
उन्होंने तकनीकी एक्सपर्ट से राय लेकर नए सिरे से फाइल तैयार करने का निर्देश दिया. नतीजा रहा कि जोजिला टनल के सिर्फ एक प्रोजेक्ट में ही करीब पांच हजार करोड़ रुपये की सरकार को बचत हुई है. लेह और श्रीनगर को 12 महीने जोड़े रखने के लिए सामरिक लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण इस सुरंग का निर्माण बीते 15 अक्टूबर से चल रहा है.

चार बार टेंडर होने के बावजूद निर्माण शुरू नहीं 
दरअसल, जोजिला सुरंग का निर्माण एनएचएआई डीसीएल (NHI DCL) को करना था. चार बार टेंडर होने के बावजूद निर्माण शुरू नहीं हो पाया. देरी का कारण डिपार्टमेंट ने लागत बढ़ने का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के पास 11 हजार रुपये का बजट स्वीकृत करने की फाइल भेज दी थी. इस पर नितिन गडकरी ने नोट में लिखा, 'मैं इससे सहमत नहीं हूं. मैं रिजेक्ट कर रहा हूं. पहले एक्सपर्ट के साथ बैठकर चर्चा करें. फिर प्रभावी लागत पर टनल निर्माण की योजना बनाकर लाएं. तभी टेंडर करें. आखिरकार संशोधित दर के हिसाब से जब प्लान तैयार हुआ तो पांच हजार करोड़ रुपये की कमी आई.'

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निर्माण की जिम्मेदारी बेहतर ट्रैक रिकार्ड वाली मेघा इंजीनियरिंग को 
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने टेक्निकल एक्सपर्ट, कंट्रैक्टर और कंसल्टेंट के साथ एक वर्चुअल कार्यक्रम में कहा, 'मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि पहली बार जोजिला टनल को लेकर अच्छे टेंडर आए. एक्सपर्ट के सहयोग से प्रोजेक्ट पर हमने पांच हजार करोड़ रुपये बचाए. यह देश के लिए बड़ी बचत है.' नितिन गडकरी के मुताबिक, जोजिला टनल के निर्माण की जिम्मेदारी बेहतर ट्रैक रिकार्ड वाली मेघा इंजीनियरिंग को मिली है. ऐसे में निर्धारित से डेढ़ से वर्ष पहले कार्य पूरा होने की उम्मीद है.

बर्फबारी के समय भी लेह से श्रीनगर की यात्रा आसान 
जोजिला टनल का निर्माण पूरा होने के बाद लद्दाख की राजधानी लेह और जम्मू-कश्मीर (Jammu- Kashmir) की राजधानी श्रीनगर के बीच 12 महीने आवागमन जारी रहेगा. वहीं लेह और श्रीनगर के बीच यात्रा में 3 घंटे का समय कम लगेगा. दरअसल, 11,578 फुट की ऊंचाई पर स्थित जोजिला र्दे के कारण नवंबर से अप्रैल तक छह महीने बर्फबारी के कारण श्रीनगर-कारगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग बंद रहता है. ऐसे में जोजिला टनल के निर्माण से बर्फबारी के समय भी लेह से श्रीनगर की यात्रा आसान रहेगी. इससे सेना को भी सहूलियतें होंगी. बीते 15 अक्टूबर को नितिन गडकरी ने इस टनल के निर्माण का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया था. करीब छह वर्ष के अंदर टनल का निर्माण होना है. (इनपुट आईएएनएस)

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