कभी मां के साथ चूड़ी बेचते थे ये IAS अधिकारी, जानें इनके लिए गणेश उत्सव का क्या महत्व
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कभी मां के साथ चूड़ी बेचते थे ये IAS अधिकारी, जानें इनके लिए गणेश उत्सव का क्या महत्व

2012 बैच के आईएएस और कोडरमा उपायुक्त रमेश घोलप पूरे भक्तिभाव के साथ अपनी पत्नी और बच्चों के साथ गणेश उत्सव मना रहे हैं. और भगवान गणेश अगले 10 दिनों तक कोडरमा उपायुक्त आवास में विराजित रहेंगे. उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे झारखंड में भी गणपति उत्सव के प्रति की धूम देखी जा रही है.

रमेश घोलप (फाइल फोटो)

कोडरमा: देश भर में गणेश उत्सव (Ganpati Festival)  की शुरुआत के साथ ही एक बार फिर मां के साथ चूड़ी बेचने से लेकर आईएएस (IAS) बनने तक का सफर पूरा करने वाले कोडरमा उपायुक्त ( Koderma Commissioner) रमेश घोलप चर्चा में हैं. दरअसल उनके लिए गणपति उत्सव विशेष मायने रखता है. 2012 बैच के आईएएस और कोडरमा उपायुक्त रमेश घोलप पूरे भक्तिभाव के साथ अपनी पत्नी और बच्चों के साथ गणेश उत्सव मना रहे हैं. भगवान गणेश अगले 10 दिनों तक कोडरमा उपायुक्त आवास में विराजित रहेंगे. उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे झारखंड में भी गणपति उत्सव के प्रति की धूम देखी जा रही है.

गणपति ही सबकुछ
कोडरमा उपायुक्त रमेश घोलप के लिए गणेश उत्सव खासा मायने रखता है. बहरहाल वे इसकी तैयारी में पिछले दो दिनों से जुटे हैं. मिट्टी मूर्ति तैयार करने, उसमे रंग भरने से लेकर घर में मूर्ति स्थापित करने और पूरे डेकोरेशन का काम खुद उपायुक्त रमेश घोलप ने किया है. महाराष्ट्र के रहने वाले कोडरमा उपायुक्त रमेश को पिछले 8 सालों से गणपति उत्सव के मौके पर महाराष्ट्र जाने का मौका तो नही मिला लेकिन झारखंड के अलग-अलग जिलों में रहकर उन्होंने बखूबी गणेश उत्सव मनाया है.

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घर की याद
कोरोना संक्रमण के बीच इस बार उपायुक्त रमेश घोलप सिर्फ अपनी पत्नी रूपाली घोलप और दोनो बच्चों अक्षित और दिंगत के साथ ही गणेश उत्सव मना रहे हैं. ज़ी मीडिया के साथ खास बातचीत करते हुए उपायुक्त रमेश घोलप ने कहा कि पिछले 8 सालों से गणेश उत्सव महाराष्ट्र में मनाने का अवसर नही मिल पा रहा हैं और वहां के गणपति उत्सव को मिस कर रहे हैं, लेकिन हर साल झारखंड के अलग-अलग जिलों में ही सही लेकिन गणेश उत्सव वो जरूर मनाते हैं.

विसर्जन की तैयारी
बप्पा के आगमन से लेकर विसर्जन तक की पूरी तैयारी हो चुकी है. उन्होंने भगवान गणेश की प्रतिमा के साथ एक अमरूद का पौधा भी रखा है जिसे विसर्जन के दौरान वो अपने आवासीय परिसर में लगाएंगे. उनके मुताबिक जिस तरह बिहार-झारखंड और पश्चिम बंगाल में  में दुर्गा पूजा पूरी श्रद्धा और धूमधाम से होती है, उसी तरह से महाराष्ट्र के घर-घर में गणपति उत्सव मनाया जाता है. 

उन्होंने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस बार कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से लोग गणेश उत्सव पर बाहर ना निकले और घरों में रहकर ही भगवान गणेश की आराधना करें. उन्होंने कहा कि गणेश उत्सव उनके जिंदगी में खासा मायने रखता है और कोरोना संक्रमण के बीच पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर उन्होंने इको फ्रेंडली मूर्ति खुद से तैयार की है और इसका विसर्जन भी वे अपने आवासीय परिसर में ही करेंगे.

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