Krishna Pahalwan and Anoop-Balraj Rivalary: जितेंद्र गोगी गैंग ने तिहाड़ जेल में अपने दुश्मन टिल्लू ताजपुरिया को मार दिया. इसके बाद से गैंगवार तेज होने की आशंका जताई जा रही है. लेकिन यह गैंगवार कोई पहली नहीं है. दिल्ली में गैंगवार की शुरुआत 25 साल पहले ही हो चुकी थी.
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आलोक कुमार वर्मा/ Gangwar in Krishna Pahalwan and Anoop-Balraj Gang: दिल्ली में गैंगवार का जन्मदाता पूर्व विधायक भरत सिंह के बड़े भाई कृष्ण पहलवान को माना जाता है. नजफगढ़ के ढिचाऊं कलां गांव निवासी कृष्ण पहलवान का झगड़ा कराला के जयबीर से हो गया. जयबीर का मर्डर हुआ तो कृष्ण पहलवान समेत तीन पर आरोप लगा. जयबीर मित्राऊं गांव के बलराज का दोस्त था. बलराज ने बदले में कृष्ण पहलवान के चाचा रामी पहलवान की 1992 में हत्या कर दी. कृष्ण के करीबी बलवान सिंह की हत्या 1998 में अनूप-बलराज गैंग ने की. बलवान का बेटा कपिल गहलोत जेल में था, जो कृष्ण पहलवान का गैंग जॉइन कर चुका था. कपिल जेल से बाहर आया तो 1999 में उसके भाई कुलदीप उर्फ गुल्लू का मर्डर भी अनूप-बलराज गैंग ने कर दिया. कपिल ने उसी दिन बदला लेते हुए अनूप के भतीजे यशपाल उर्फ बबलू को मौत के घाट उतार दिया. बलराज-अनूप और कृष्ण पहलवान के बीच गैंगवॉर (Krishna Pahalwan and Anoop-Balraj Rivalary) में 50 से ज्यादा लोगों की जान चली गई.
पुलिस कस्टडी में मारा गया था बलराज
बलराज का 1998 में मर्डर हुआ तो अनूप पहलवान रोहतक कोर्ट में 2003 में पुलिस कस्टडी में मारा गया. ढिचाऊं के ही उदयवीर उर्फ काला के पिता और भाई समेत तीन का 2002 में सोनीपत में कत्ल हुआ. शक कृष्ण पहलवान गैंग पर था. उदयवीर उर्फ काला के गैंग ने 2012 में कृष्ण के छोटे भाई और नजफगढ़ के पूर्व विधायक भरत सिंह पर कातिलाना हमला किया. काला गैंग ने 2015 में भरत का कत्ल कर दिया. अनूप पहलवान का गैंग संभाल रहे गैंगस्टर मंजीत महाल और रवींद्र भोलू भी साजिश में थे. काला की 2016 में तिहाड़ जेल में मौत हो गई.
कृष्ण पहलवान ने शुरू किया गैंगवार
दिल्ली पुलिस की माने तो 25 वर्ष पूर्व 1989 में नजफगढ़, ढिचाऊं कला व मित्रऊं गांव सहित अन्य इलाकों में गैंगवार (Krishna Pahalwan and Anoop-Balraj Rivalary) की शुरुआत कृष्ण पहलवान ने ही की थी. बताया जाता है कि कृष्ण ने 1992 में पहली बार अपने ही एक रिश्तेदार रोहताश की हत्या कर दी थी. जिसके बाद वह पांच साल तक जेल में रहा था. कृष्ण पहलवान और अनूप- बलराज, उदयवीर व विक्की डागर गिरोह के बीच गैंगवार में 50 से अधिक लोगों की जान गई. कृष्ण पहलवान ढिचाऊं कला के रहने वाला है और अनूप- बलराज मित्राऊं गांव के रहने वाले थे. दोनों में पहले दोस्ती थी लेकिन वर्ष 1989 में मित्राऊं गांव के ही एक छोटे से प्लॉट पर कब्जे को लेकर दोनों के बीच शुरू हुए विवाद ने गैंगवार का रूप ले लिया था.
15 साल पहले शुरू हुई थी रंजिश
दिल्ली में कृष्ण पहलवान और उदयवीर काला गैंग की रंजिश (Krishna Pahalwan and Anoop-Balraj Rivalary) सबसे पुरानी कही जा सकती है. 15 साल पुरानी इस रंजिश की शुरूआत कृष्ण पहलवान के चाचा राम निवास की मौत से शुरू हुई थी. राम निवास को अनूप बलराज गैंग के लोगो ने गोली मारी थी. कृष्ण को शक था कि इस हत्या के पीछे उदयवीर उर्फ काला का हाथ है. राम निवास के कत्ल का बदला लेने के लिए कृष्ण ने उदयवीर के परिवार के 3 लोगों की हत्या कर दी. कृष्ण पहलवान ने रोहतक में बलराज पर उस समय हमला करवा दिया, जब वह अपनी महिला मित्र पूजा के साथ घूम रहा था. हमले में बलराज की मौत हो गई थी.
विवादित प्रॉपर्टी पर कब्जे की कोशिश
दूसरी बार कृष्ण पहलवान (Krishna Pahalwan and Anoop-Balraj Rivalary) का ढिचाऊं कला के ही रहने वाले उदयवीर उर्फ काला से विवादित प्रॉपर्टी पर कब्जे को लेकर विवाद शुरू हो गया. कृष्ण पहलवान ने सोनीपत में उदयवीर के पिता और भाई की हत्या करवा दी. तब से उदयवीर बदला लेने के लिए तड़प रहा था. वहीं, वर्ष 2012 में झड़ौंदा के रहने वाले विक्की डागर की बुआ को भरत सिंह ने अपने कार्यालय में अपमानित किया था. आरोप है कि उन्होंने थप्पड़ भी जड़ दिया था. तब से विक्की डागर भी बदले की आग में जल रहा था. यह जानकारी जब उदयवीर को मिली तो उसने विक्की से मिलकर कृष्ण पहलवान और भरत सिंह से बदला लेने की योजना बनाई.
कृष्ण पहलवान के विधायक भाई की हत्या
इसके बाद 2 जून 2012 को भरत सिंह जैसे ही नांगलोई स्टैंड स्थित अपने ऑफिस पहुंचे, विक्की डागर समेत 7 हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी थीं. उनको 2 गोली लगी थी और वे बच गए थे. इस घटना के 3 साल बाद उदयवीर और उसके साथियों को फिर मौका मिल गया. इस बार उन्होंने कोई चूक नहीं की और वर्ष 2015 में आखिरकार कृष्ण पहलवान (Krishna Pahalwan and Anoop-Balraj Rivalary) के विधायक भाई भरत सिंह को मार दिया था.