Parliamentary Committee MHA Report: संसदीय स्थायी समिति की एक रिपोर्ट के अनुसार, गांजा और सेल फोन वो आम प्रतिबंधित वस्तुएं हैं जिनकी जेलों में सबसे ज्यादा अवैध सप्लाई की जाती है.
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'Ganja', cell phones smuggled into prisons: भारत की जेलों (Jails) के अंदर होने वाली औचक यानी आकस्मिक जांच हो या पेशी के लिए कोर्ट में लाए जाने के बाद होने वाली पड़ताल के दौरान अक्सर कैदियों के पास नशे का सामान के रूप में गांजा और मोबाइल फोन बरामद होते रहते हैं. कुछ अन्य प्रतिबंधित सामानों की बात करें तो फोन के चार्जर, खैनी, सिगरेट और अन्य आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद की जाती है. ऐसे मामले में बंदियों की सुरक्षा में तैनात पुलिस पदाधिकारियों और जेल स्टाफ पर हमेशा कार्रवाई होती है. वहीं इसके साथ ही कोर्ट हाजत के सुरक्षाकर्मियों पर भी गाज गिरती है, लेकिन ऐसे मामले कई कई दशकों से रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं.
संसद के विशेष सत्र में पेश हुई रिपोर्ट
संसदीय समिति की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गांजा और सेल फोन आम प्रतिबंधित वस्तुएं हैं जिनकी जेलों में सबसे ज्यादा तस्करी की जाती है. 'जेल की स्थितियां, बुनियादी ढांचा और सुधार' विषय पर समिति की 245वीं रिपोर्ट से यह पता चला है कि यह तथ्य विभिन्न राज्य और केंद्र शासित प्रदेश (UT) सरकारों के साथ हुए संवाद के दौरान सामने आए हैं. यह रिपोर्ट 18 सितंबर को शुरू हुए संसद के विशेष सत्र के आखिरी दिन (राज्यसभा और लोकसभा) में प्रस्तुत की गई थी.
गुलेल से गांजे की सप्लाई
संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि तमिलनाडु राज्य सरकार ने बताया है कि गुलेल का उपयोग करके गांजे के पैकेट और अन्य नशे की पुड़िया को जेल में फेंकना तस्करी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सामान्य तरीकों में से एक है.
जेल में गैंगवार और बाहर रंगदारी वसूलने के केस क्यों बढ़े?
रिपोर्ट के मुताबिक कैदियों के हाथों में सेल फोन का कब्ज़ा भी जेलों के अंदर गैंगवार को बढ़ावा देता है. जेल में गांजा और अन्य नशीले पदार्थों का उपयोग यानी धड़ल्ले से इस्तेमाल होने से कैदियों के सुधार और पुनर्वास की प्रकिया प्रभावित होती है. समिति ने रिपोर्ट में कहा है कि जेल के अंदर सेल फोन का इस्तेमाल कैदियों द्वारा जेल के बाहर आपराधिक गतिविधियों को संचालित करने के लिए किया जाता है.
समिति के सुझाव
रिपोर्ट में समिति ने जेल में प्रतिबंधित पदार्थों की तस्करी को कम करने के लिए कैदियों की मिलाई यानी घरवालों से मुलाकात हो या कोर्ट में पेशी, दोनों कामों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का सहारा लेने का सुझाव दिया गया है. समिति ने यह भी पाया है कि जेल कर्मचारी ही कैदियों को जेल के अंदर प्रतिबंधित पदार्थ पहुंचाने में मदद कर रहे हैं.
प्रतिबंधित सामग्री से कैदियों के सुधार पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, समिति ने राज्य की सभी जेलों में तलाशी मानकों को बढ़ाने की सिफारिश की।
नए-नए तरीकों से जेल में हो रही अवैध तस्करी
जेलों में जगह-जगह पर सीसीटीवी लगे हुए हैं. जिनकी नियमित निगरानी होती है. खासकर तिहाड़ जेल तो अलग-अलग मामलों की वजह से देशभर की सुर्खियों में बनी रहती है. इस जेल में कैदियों के पास मोबाइल मिलना, कभी बड़ी रकम मिलना तो कभी जेल के अंदर बैठे कुख्यातों का अपने गैंग को चलाना. इन बातों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाली तिहाड़ जेल बीते साल एक नए कारनामे को लेकर सुर्खियों में थी. तब तिहाड़ जेल में नशे के बड़े खेल का खुलासा होने पर पता चला था कि यहां पर कैदियों की जांच के लिए कांट्रैक्ट पर रखा गया एक डॉक्टर नशे की इस तस्करी में शामिल था.
डॉक्टर की हकीकत सामने आने के बाद जेल के अधिकारी भी दंग रह गए थे, जब 3 अगस्त 2022 को तिहाड़ जेल से कैदी और डॉक्टर के पास से गांजा बरामद होने की खबर मिली थी. इस पूरे खेल में डेंटिस्ट और एक कैदी का नाम सामने आया था. पुलिस के मुताबिक डॉक्टर तंबाकू और गांजा लेकर जेल के अंदर आया और एक कैदी को ये सौंप रहा था, लेकिन इसी दौरान दोनों को दबोच लिया गया.
(इनपुट: ANI)