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लखनऊ : रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने गुरुवार को कहा कि एक रैंक एक पेंशन पर जल्द ही ‘अच्छी खबर’ आएगी। पूर्व सैनिकों की यह लंबे समय से चली आ रही मांग है जिसको लेकर वे देश भर में प्रदर्शन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह अंतर विभागीय मुद्दा है। जहां तक रक्षा मंत्रालय की बात है तो हमारा काम लगभग पूरा हो चुका है। इसमें समय लग रहा है लेकिन मैं कह सकता हूं कि जल्द ही अच्छी खबर होगी। एक रैंक एक पेंशन को लागू करने की मांग को लेकर पूर्व सैनिक पिछले महीने से ही दबाव बना रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि उनकी सरकार पूर्व सैनिकों के लिए एक रैंक एक पेंशन की बहुप्रतीक्षित मांग को लेकर प्रतिबद्ध है। वर्तमान में सेवानिवृत्त सैनिकों का पेंशन वेतन आयोग की समय-समय पर होने वाली अनुशंसाओं पर आधारित है। ओआरओपी योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एक रैंक और समान अवधि तक सेवा देने वाले सभी सेवानिवृत्त सैनिकों को एकसमान पेंशन मिले चाहे उनकी सेवानिवृत्ति की कोई भी तारीख क्यों नहीं हो। वर्तमान में जो सैनिक 2006 से पहले सेवानिवृत्त हुए उन्हें अपने कनिष्ठ सहयोगियों की तुलना में कम पेंशन मिलता है।
नवनियुक्त कैंट सदस्यों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम का उद्घाटन करने यहां आए पार्रिकर ने कहा कि विकास परियोजनाओं में रक्षा मंत्रालय बाधा नहीं बनेगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विकास परियोजनाओं में मंत्रालय बाधा नहीं बनेगा। जहां भी विकास कार्यों की जरूरत हुई, हमने जमीन दी। बहरहाल सुरक्षा मुद्दे पर हम कोई समझौता नहीं करेंगे। मंत्री ने कैंट बोर्ड अधिनियम 2006 के संशोधन के भी संकेत दिए।
कैंटोनमेंट एक्ट2006 के तहत कैंट बोर्ड को कोष की उपलब्धता होने की स्थिति में सामाजिक कल्याण सहित कई कार्य करने के अधिकार हैं। बोर्ड को निगम और विकास गतिविधियों को करना होता है और उसे विभिन्न कर और शुल्क लगाने का अधिकार है।