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वाशिंगटन: गूगल की महती परियोजना लून से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खास प्रभावित हैं और उनका मानना है कि दूरस्थ शिक्षा, ग्रामीण स्कूलों व टेलीमेडिसिन जैसी सेवाओं के लिए इसका कई तरह से उपयोग किया जा सकता है। लून इंटरनेट को दूर दराज के गांवों में ले जाने में समर्थ है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, ‘ इसलिए, प्रधानमंत्री को लगा कि यह हमारे गांवों को आपस में जोड़ने के लिए बहुत ही अभिनव चीज हो सकती है।’ पिछले सप्ताहांत सिलीकॉन वैली स्थित गूगल मुख्यालय में प्रधानमंत्री मोदी को लून परियोजना से रूबरू कराया गया। गूगल के अधिकारियों ने मोदी को बताया कि वे आंध्र प्रदेश में पहले से ही एक पायलट परियोजना चला रहे हैं और इसके तहत उन ग्रामीण इलाकों को लक्षित किया गया है जहां इंटरनेट नहीं है।
गूगल के अधिकारियों ने कहा कि उनके अनुसंधान से पता चलता है कि यदि इंटरनेट पहुंच की सुविधा उपलब्ध करा दी जाय तो 16 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला जा सकता है।गूगल के अधिकारियों के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री ने अपनी पसंदीदा ‘जैम’ अवधारणा की चर्चा की जिसमें जे का अर्थ जनधन योजना, ए का अर्थ आधार प्लेटफार्म और एम का अर्थ मोबाइल गवर्नेंस से है।
मोदी ने उन्हें बताया कि जनधन योजना कमोबेश पूरी हो चुकी है और 18 करोड़ लोग जो बैंकिग दायरे से बाहर थे, उन्हें बैंक खातों से जोड़ दिया गया है। आधार परियोजना करीब 90 प्रतिशत पूरी हो चुकी है। ‘ लेकिन मोबाइल गवर्नेंस एक ऐसा क्षेत्र है जहां वह आगे बढ़ना चाहते हैं और इसी क्षेत्र में उन्होंने गूगल से सहयोग मांगते हुए पूछा कि इसे कैसे संभव बनाया जा सकता है।’