Corona Vaccine पर भिड़े Adar Poonawalla और Krishna Ella, सरकार ने ऐसे लगाई लगाम
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Corona Vaccine पर भिड़े Adar Poonawalla और Krishna Ella, सरकार ने ऐसे लगाई लगाम

सरकार ने कोरोना वैक्सीन पर आपस में भिड़ रहे अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) और कृष्णा इल्ला (Krishna Ella) के बीच आपस में समझौता करा दिया है. सरकार ने कहा है कि दोनों ही वैक्सीन बेहतरीन है और दोनों के रिजल्ट बढ़िया हैं.

अदार पूनावाला और कृष्णा इल्ला (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: देश में कोवीशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxine) के बीच चल रही वैक्सीन वॉर पर भिड़े दोनों कंपनियों के सीईओ के बीच सरकार ने पैचअप करा दिया है. सरकार ने कहा है कि दोनों ही वैक्सीन सुरक्षित हैं और आम लोग किसी भी टीके को लगवा सकेंगे.

  1. दोनों कोरोना वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित 
  2. अदार पूनावाला के बयान से हुआ था विवाद
  3. कृष्णा इल्ला ने पीसी कर लगाई थी लताड़

दोनों कोरोना वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित 

कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) बनाने वाली दोनों कंपनियों के बीच हुए टकराव को देखते हुए केंद्र सरकार सक्रिय हुई और उसने दोनों से बातचीत कर मंगलवार को बीच का रास्ता निकाला. सरकार ने दोनों कंपनियों के हस्ताक्षर वाला ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी कर कहा कि दोनों वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित हैं और लोग इस पर भरोसा कर सकते हैं. ये दोनों वैक्सीन लोगों को लगाई जाएंगी.

अदार पूनावाला के बयान से हुआ था विवाद

बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने रविवार को एक इंटरव्यू में कहा था कि कोरोना के खिलाफ केवल तीन टीके प्रभावी हैं- फाइजर, मॉडर्ना और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका, बाकी सब 'पानी की तरह सुरक्षित' हैं.  

कृष्णा इल्ला ने पीसी कर लगाई थी लताड़

इसके जवाब में भारत बायोटेक (Bharat Biotech) के CMD कृष्णा इल्ला (Krishna Illa) ने पीसी करके अदार पूनावाला को लताड़ लगाई थी. कृष्णा इल्ला ने कहा, 'कुछ कंपनियों ने हमारे टीके को 'पानी' की तरह बताया है. मैं इससे इनकार करना चाहता हूं. हम वैज्ञानिक हैं. हमारे ट्रायल पर कोई सवाल ना उठाए.' 

Covaxine को 'इस' आधार पर मिली मंजूरी

कोवैक्सीन (Covaxin) को तीसरे चरण के डाटा के बिना मंजूरी मिलने के फैसले पर ICMR के डीजी डॉ बलराम भार्गव ने स्थिति स्पष्ट की. उन्होंने कि न्यू ड्रग एंड क्लीनिकल ट्रायल रुल मार्च 2019 के तहत यदि दूसरे चरण का डाटा सुरक्षित पाया जाए तो उसके आधार पर किसी वैक्सीन को आपात मंजूरी मिल सकती है.

'विदेशों में 70 प्रतिशत असरदार मिली Covishield'

डॉ बलराम भार्गव के मुताबिक कोवीशील्ड (Covishield) से जानवरों में इम्युनिटी पैदा हुई. ट्रायल के पहले चरण में 1077 वॉलंटियर्स को दवा दी गई, जिससे उनमें इम्युनिटी पैदा हुई और एंटीबॉडी बनी. दूसरे चरण में 560 वॉलंटियर्स को टीके लगाए गए. इस चरण में बुजुर्गों में कम साइड इफेक्ट हुए और आयु वर्ग के लोगों में इम्युनिटी पैदा हुई. इस वैक्सीन के ट्रायल का तीसरा चरण 11636 वॉलंटियर्स पर किया गया. ये सभी लोग यूके और ब्राजील के रहने वाले थे. 8 दिसंबर 2020 को प्रकाशित डाटा के मुताबिक कुल असर 70.4 प्रतिशत पाया गया. 

'भारतीयों में टीके के असर का हो रहा है विश्लेषण'

वहीं भारत में किए गए ट्रायल के तीसरे चरण में 18 साल के ऊपर के कुल 1600 लोगों ने भाग लिया. इनमें से  900 लोगों को Covishield और 300 को प्लेसिबो यानी वैक्सीन जैसा साधारण इंजेक्शन दिया गया. इसका डाटा अभी इकट्ठा किया जा रहा है. लेकिन इससे इम्युनिटी पैदा होने का पता चला है. Covishield यूके वाली वैक्सीन से कमतर नहीं है. उसे मंजूरी देने का आधार इसी बात को बनाया गया.  

'Covaxin लगाने से लोगों में बढ़ी एंटी बॉडी'

ICMR के डीजी डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि कोवैक्सीन (Covaxin) के जानवरों पर बेहतरीन नतीजे पाए गए हैं. इस वैक्सीन के पहले चरण के ट्रायल में 18 से 55 वर्ष के 375 लोग शामिल किए गए. वहीं दूसरे चरण के ट्रायल में 12 से 65 वर्ष के 380 लोगों को टीका लगाया गया. दोनों चरणों में वॉलंटियर्स में कोई खास साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला. टीके लगने के बाद लोगों में इम्युनिटी और सभी तरह के प्रोटीन के लिए एंटी बॉडी पैदा हुई.  

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'Covaxin का कोई साइड इफेक्ट नहीं मिला'

डॉ भार्गव के मुताबिक तीसरे चरण में 25800 वॉलंटियर्स को कोवैक्सीन (Covaxin) के टीके लगाए जाने हैं. जिसमें से 24 हजार को टीके लग चुके हैं. इन 24 हजार में से 5 हजार को वैक्सीन की दूसरी डोज भी लग चुकी है. सभी वॉलंटियर्स में दवा सुरक्षित पाई गई है और किसी में कोई साइड इफेक्ट भी देखने को नहीं मिला है. 

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