संसद के हाल में समाप्त सत्र के दौरान तीन श्रम संहिता विधेयकों, औद्योगिक संबंध संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य तथा कार्य स्थिति संहिता को पारित किया गया
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नई दिल्ली: सरकार चारों श्रम संहिताओं को दिसंबर में एक साथ लागू करने की तैयारी कर रही है. इससे श्रम क्षेत्र के सुधारों का अंतिम चरण पूरा हो जाएगा. केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार (santosh Gangwar) ने यह जानकारी दी.
संसद के हाल में समाप्त सत्र के दौरान तीन श्रम संहिता विधेयकों, औद्योगिक संबंध संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य तथा कार्य स्थिति संहिता को पारित किया गया. वेतन संहिता विधेयक संसद में पिछले साल पारित हुआ था. श्रम मंत्रालय ने पिछले साल वेतन संहिता विधेयक पर नियमों का मसौदा जारी किया था, लेकिन इसे अंतिम रूप देने का काम और कार्यान्वयन रोक लिया था. मंत्रालय चाहता है कि चारों संहिताओं को एक साथ लागू किया जाएगा, क्योंकि ये आपस में जुड़ी हैं.
वेतन संहिता विधेयक पिछले साल पारित
श्रम मंत्री गंगवार ने कहा, ‘सरकार श्रम सुधारों को पूरा करने के लिए चारों श्रम संहिताओं को इस साल दिसंबर तक लागू करने के लिए पूरे प्रयास कर रही है.' उन्होंने कहा कि वेतन संहिता विधेयक पिछले साल पारित हो चुका है. अब इन कानूनों के तहत नियमों को एक-साथ लागू किया जाएगा. संसद में कानून पारित होने के बाद इन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. नियमों को अधिसूचित किए जाने के बाद कोई कानून लागू होता है.
निश्चित समय के लिए नियमों का मसौदा
किसी कानून के तहत शुरुआत में एक निश्चित समय के लिए नियमों का मसौदा अधिसूचित किया जाता और उसपर विचार लिए जाते हैं. उसके बाद नियमों को अंतिम रूप दिया जाता है और कानून को लागू करने के लिए उसको क्रियान्वित किया जाता है. तीन संहिताओं- औद्योगिक संबंध संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य तथा कार्य स्थिति संहिता पर नियमों का मसौदा नवंबर के पहले सप्ताह में जारी होने की उम्मीद है.
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दिसंबर तक अंतिम रूप देने की कोशिश
श्रम मंत्रालय इन तीनों संहिताओं तथा वेतन संहिता नियमों को इस साल दिसंबर तक अंतिम रूप देने और लागू करने की तैयारी कर रहा है. इसके बाद चारों संहिताएं कानून बन जाएंगी. इससे देश में श्रम क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने वाले श्रम सुधार पूरे हो जाएंगे. सरकार व्यापक श्रम सुधारों के जरिये भारत को विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में शीर्ष 10 देशों में लाना चाहती है. कारोबार सुगमता रैंकिंग, 2020 में भारत 14 स्थानों की छलांग के साथ 63वें स्थान पर पहुंच गया है. ऊंची रैंकिंग से किसी देश में निवेश को प्रोत्साहन मिलता है तथा रोजगार सृजन होता है.
2.1 करोड़ लोगों का रोजगार छिन गया है: सरकार
कंसोर्टियम ऑफ इंडियन एसोसिएशन (CIA) के संयोजक के ई रघुनाथन (E- Raghunath) ने कहा, ‘कोविड-19 महामारी की वजह से नियोक्ता और कर्मचारी दोनों की परेशानी बढ़ी है. सरकार के आंकड़े कहते हैं कि अप्रैल से अगस्त के दौरान 2.1 करोड़ लोगों का रोजगार छिन गया है, लेकिन उन नियोक्ताओं के आंकड़े नहीं आए हैं, जिनका उपक्रम समाप्त हो गया है. हमारे अनुमान के अनुसार 6.5 करोड़ में से करीब 30 प्रतिशत नियोक्ताओं का उपक्रम समाप्त हो गया है.' उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में इन नई श्रम संहिताओं से नए उपक्रम निवेशक अनुकूल होंगे. कारोबार सु्गमता की स्थिति बेहतर हो सकेगी तथा चीन से बाहर निकलने वाली इकाइयों को यहां आकर्षित किया जा सकेगा.(इनपुट भाषा)
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