दिल्ली के बाद अब इस सीएम ने किया 'फ्री बिजली' पर बड़ा ऐलान, जनता की जेब पर पड़ेगा ये असर
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दिल्ली के बाद अब इस सीएम ने किया 'फ्री बिजली' पर बड़ा ऐलान, जनता की जेब पर पड़ेगा ये असर

दिल्ली सरकार की तरह पश्चिम बंगाल की सरकार ने भी राज्य में फ्री बिजली देने का ऐलान किया है. ममता सरकार ने घोषणा की है कि 3 महीने में 75 यूनिट बिजली की खपत करने वालों को बिल नहीं देना होगा.

ममता सरकार ने किया बड़ा ऐलान

कोलकाता: दिल्ली सरकार की तरह पश्चिम बंगाल (West Bengal) की सरकार ने भी राज्य में फ्री बिजली देने का ऐलान किया है. ममता सरकार (Mamata Government) ने घोषणा की है कि 3 महीने में 75 यूनिट बिजली की खपत करने वालों को बिल नहीं देना होगा. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) सरकार ने आज 2,55,677 करोड़ रुपए के बजट की घोषणा की है. 

बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा, 'बंगाल सरकार को 2019-20 में 11213 करोड़ का हस्तांतरण नहीं होगा. केंद्र ने राज्य के लिए 37973 करोड़ रुपए का अनुदान देने से मना कर दिया है. जीएसटी मुआवजा 1300 है. केंद्र द्वारा राज्य सरकार को कुल 50486 करोड़ रुपए की राशि देने से मना किया गया है.'

मित्रा ने कहा, 'जीएसटी का मुआवजा एक संवैधानिक अधिकार है. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को एक लेटर दिया था जिसमें काफी बकाया राशि थी. राज्य के लिए कुल एक लाख करोड़ रुपए पेंडिंग है.'

अमित मित्रा ने कहा, 'जीएसटी धोखाधड़ी का कारण बना, देश इसका खामियाजा भुगत रहा है. बंगाल सरकार ने अगले दो वित्तीय वर्षों के लिए चाय बागानों को कृषि आयकर माफ करने का प्रस्ताव किया है. बंगाल सरकार ने SC और OBC के लिए SC के वर्चस्व वाले झारग्राम में तीन नए विश्वविद्यालयों की घोषणा की है. इसके अलावा अनुसूचित जाति कल्याण और विकास के लिए नई योजना बनाई जाएगी. अनुसूचित जाति कल्याण और विकास के लिए नई योजना बनाई जाएगी. एसटी के लिए नई योजना है.'

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वहीं सीएम ममता बनर्जी ने कहा, 'राज्य को हर साल कर्ज के बोझ का हिस्सा चुकाना पड़ता है. समुदाय विवाहों के नाम पर एक विशेष पार्टी आदिवासियों का धर्म परिवर्तन करने की कोशिश कर रही थी. राज्य सरकार ने इसे रोकने की कोशिश की है. हम धर्म परिवर्तन के बारे में जागरूकता कार्यक्रम चलाने जा रहे हैं.'

ममता बनर्जी ने कहा, 'आयुष्मान भारत और अन्य योजनाएं उन्नत राज्य सरकार की योजनाओं के रूप में बंद रहेंगी. एनआरसीबी के रिकॉर्ड के मुताबिक राज्य में किसी किसान की मौत नहीं हुई है.'

ममता ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार में बहुत अंतर है. उनके पास आरबीआई है जिसके अंतर्गत बैंक आते हैं. अब वे राज्य में कोई चर्चा नहीं करते. पहले प्लानिंग कमीशन था जो अब नहीं है. नोटबंदी के बाद लोग अपना पैसा नहीं निकाल सकते और वो नकदी की कमी से जूझ रहे हैं. अब कोई फाइनेंशियल स्थिरता नहीं है. सेल, एयर इंडिया, एलआईसी, रेलवे सब कुछ बिक रहा है.'

ममता ने कहा, 'आरबीआई जो भी कह रहा है, वह महत्वपूर्ण है. मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करती हूं कि साथ में काम करें और इकोनॉमी पर फोकस करें. हमें इन समस्याओं को सुलझाना होगा.'

बता दें कि 2021 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए ममता सरकार ने 11 नए प्रस्ताव सामने रखे है. जिसमें 3 नई यूनिवर्सिटी, एससी के लिए बंधु प्रकल्प, एसटी के लिए जय जोहर प्रकल्प, बिना मूल्य सामाजिक सुरक्षा, बांग्लाश्री प्रकल्प, कर्म साथी प्रकल्प, नए एमएसएमई पार्क, छा सुंदरी, हासिर आलो, बांग्ला सहायता केंद्र और सिविल सर्विस के लिए ट्रेनिंग एकेडमी शामिल है.

बता दें कि दिल्ली में जनता को 200 यूनिट बिजली खर्च करने पर कोई बिल नहीं देना होता है. इसलिए दिल्ली विधानसभा चुनावों के दौरान फ्री बिजली देने के अपने काम को केजरीवाल सरकार ने खूब भुनाया था.   

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