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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने ड्रोन के लिए नए नियमों की घोषणा (New Guidelines For Drones) की है. यह काफी प्रगतिशील नियम हैं. जिनसे भारत में ड्रोन संचालन को लेकर परिस्थितियां बिल्कुल बदल जाएंगी.
- ड्रोन के लिए अब मंजूरी की जरूरत नहीं होगी. यूनीक ऑथराइजेशन नंबर दिया जाएगा. यूनीक प्रोटोटाइप आइडेंटिफिकेशन नंबर भी होगा. इसके अलावा अन्य इस्तेमाल के लिए सर्टिफिकेट होंगे. ड्रोन के उपकरणों के आयात के लिए आयात अनुमति लेनी होगी.
- नए ड्रोन नियम 2021 के तहत अब ड्रोन का पेलोड 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया है. इनमें हैवी पेलोड ले जाने वाले ड्रोन और ड्रोन टैक्सी शामिल हैं.
- फॉर्म और अनुमति की संख्या 25 से घटा कर 5 कर दी गई है. यानी अनुमति मिलने में कम समय लगेगा.
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- पंजीकरण और लाइसेंस जारी करने से पहले किसी तरह की सुरक्षा मंजूरी की जरूरत नहीं है.
- अनुमति के लिए फीस न्यूनतम स्तर पर कर दी गई. मामूली फीन देनी होगी.
- जुर्माना राशि को घटा दिया गया है. अधिकतम जुर्माना घटाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है. हालांकि यह अन्य कानूनों के उल्लंघन के जुर्माने पर लागू नहीं होगा.
- डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर इंटरएक्टिव एयरस्पेस मैप हरे, पीले और लाल रंग में दिखाया जाएगा.
- एयरपोर्ट की सीमा में पीले क्षेत्र को 45 किलोमीटर से घटाकर 8 से 12 किलोमीटर कर दिया गया है.
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- हरे क्षेत्र में ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति की जरूरत नहीं होगी. साथ ही एयरपोर्ट के क्षेत्र में 8-12 किलोमीटर तक 200 फीट की ऊंचाई तक ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति नहीं चाहिए.
- ड्रोन के ट्रांसफर और डीरजिस्ट्रेशन के लिए आसान प्रक्रिया होगी.
- सभी ड्रोन का डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होगा.
- नैनो ड्रोन, गैर व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए और माइक्रो ड्रोन उड़ाने के लिए पायलट लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी.
- देशभर के मौजूदा ड्रोन के रेगुलेशन के लिए एक सरल मौका दिया जाएगा. 14 कुछ सुरक्षा उपाय जैसे- एनपीएनटी, रियल टाइम ट्रैकिंग बीकन, जिओ फेंसिग आदि का भविष्य में नोटिफिकेशन किया जाएगा. इसके पालन के लिए कम से कम छह महीने का समय दिया जाएगा.
- ड्रोन संबंधित सर्टिफिकेट क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया जारी करेगा.
- ड्रोन संबंधित सभी ट्रेनिंग और परीक्षा अधिकृत ड्रोन स्कूल में ही होगी. इसके बारे में डीजीसीए सूचित करेगा.
- आर एंड डी के लिए टाइप सर्टिफिकेट, यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर, पहले से अनुमति और रिमोट पायलट लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी.
- कार्गो बांटने के लिए ड्रोन कॉरिडोर बनाए जाएंगे.
- बिजनेस को प्रोत्साहन देने के लिए अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम प्रमोशन काउंसिल बनाई जाएगी.
- ड्रोन के आयात का रेगुलेशन डीजीएफटी करेगा.
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