अब फोन कॉल से पहले नहीं सुनाई देगा कोरोना वाला संदेश! जानिए क्या है सरकार का प्लान?
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अब फोन कॉल से पहले नहीं सुनाई देगा कोरोना वाला संदेश! जानिए क्या है सरकार का प्लान?

Covid caller tune: टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स का मानना है कि कोरोना वायरस के बारे में जागरूकता के लिए फोन कॉल से पहले कस्टमर्स को संदेश सुनाने का उद्देश्य पूरा हो चुका है. अब इसकी जरूरत नहीं है.

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी की शुरुआत के समय से टेलीकॉम कंपनियों (Telecom Companies) की तरफ से कोविड-19 (Covid-19) के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कॉल से पहले निर्धारित घोषणाएं जल्द ही इतिहास बन सकती हैं. बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लगभग दो साल के बाद, सरकार अब कॉल से पहले कोविड-19 संदेशों को हटाने पर विचार कर रही है.

  1. सीओए ने दिया कस्टमर्स से मिले आवेदनों का हवाला
  2. कॉलर ट्यून को हटाने का किया अनुरोध
  3. स्वास्थ्य मंत्रालय जल्द ले सकता है फैसला

कोरोना संदेश और कॉलर ट्यून हटाने के लिए लिखा लेटर

बता दें कि सरकार को कई ऐसे आवेदन मिले हैं, जिसमें कहा गया है कि ये संदेश अपने उद्देश्य को पूरा कर चुके हैं और कई बार आपात स्थिति के दौरान महत्वपूर्ण कॉल में देरी होती है. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दूरसंचार विभाग (DOT) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर कॉल पूर्व की इन घोषणाओं और कॉलर ट्यून को हटाने का अनुरोध किया है. उसने सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COA) के साथ-साथ मोबाइल कस्टमर्स से मिले आवेदनों का हवाला दिया है.

सरकार ऑडियो क्लिप हटाने पर कर रही विचार

एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘स्वास्थ्य मंत्रालय अब देश में महामारी की स्थिति में सुधार के मद्देनजर इन ऑडियो क्लिप को हटाने पर विचार कर रहा है, जबकि महामारी के खिलाफ सुरक्षा उपायों के बारे में जन जागरूकता फैलाने के अन्य उपाय जारी रहेंगे.' केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से मिले निर्देशों के बाद टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को कॉल से पहले कोविड-19 संबंधी घोषणाओं और ‘कॉलर ट्यून’ को लागू करने के निर्देश डीओटी की तरफ से जारी किए गए थे.

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जागरूकता के लिए की गई थी ये व्यवस्था

टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर (TSP) लोगों के बीच जागरूकता फैलाने और उन्हें महामारी के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों और टीकाकरण के बारे में बताने के लिए कोरोना वायरस से संबंधित घोषणाएं और कॉलर ट्यून कॉल से पहले बजाते हैं. डीओटी ने हाल में स्वास्थ्य मंत्रालय को आवेदनों का हवाला देते हुए लिखे एक लेटर में कहा, ‘लगभग 21 महीने बीतने के बाद, इन घोषणाओं ने नागरिकों के बीच जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य को पूरा किया है और अब इनकी कोई प्रासंगिकता नहीं है.’

लेटर में कहा गया, ‘नेटवर्क पर चलाए जा रहे संदेश के कारण आपात स्थिति के दौरान महत्वपूर्ण कॉल को रोके रखने और देरी होने का जोखिम रहता है. इससे कीमती बैंडविड्थ संसाधनों की खपत होती है. ये टीएसपी नेटवर्क पर बोझ बढ़ाता है और इससे कॉल कनेक्शन में देरी होती है.

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इसके अलावा ये कस्टमर के अनुभव को भी प्रभावित करता है क्योंकि आपात स्थिति में कई बार कॉल में देरी हो जाती है. टीएसपी से आरबीटी (Ringback Tone) को निष्क्रिय करने का भी अनुरोध किया गया है.

(इनपुट- भाषा)

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