लो जी, गैस सिलेंडर-PNG पर खाना पकाना हुई पुरानी बात; बढ़ रहा अब नया ट्रेंड
Advertisement
trendingNow11009910

लो जी, गैस सिलेंडर-PNG पर खाना पकाना हुई पुरानी बात; बढ़ रहा अब नया ट्रेंड

रिसर्च इंस्टीट्यूट काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरन्मेंट एंड वॉटर (CEEW) की स्टडी में कहा गया है कि शहरी क्षेत्रों में ई-कुकिंग का फिलहाल समृद्ध परिवारों में ज्यादा चलन है. खासकर दिल्ली और तमिलनाडु में जहां बिजली की रेट महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्यों के मुकाबले कम है.

फाइल फोटो.

नई दिल्ली: गैस सिलेंडर और PNG पर खाना पकाना अब पुरानी बात होने जा रही है. देश में बिजली से चलने वाले चूल्हे और उपकरणों पर खाना पकाने का चलन धीरे-धीरे बढ़ रहा है. इस मामले में दिल्ली और तमिलनाडु में 17 प्रतिशत परिवार इलेक्ट्रिक उपकरणों के जरिये खाना (ई-कुकिंग) बना रहे हैं. रिसर्च इंस्टीट्यूट काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरन्मेंट एंड वॉटर (CEEW) की एक स्टडी  में ऐसा दावा किया गया है.

  1. बढ़ रहा है ई-कुकिंग का चलन 
  2. ई-कुकिंग के मामले में दिल्ली, तमिलनाडु आगे
  3. 21 राज्यों के 152 जिलों में किया गया सर्वे
  4.  
  5.  

इन राज्यों में आया बदलाव

सोमवार को जारी स्टडी में कहा गया, ‘दिल्ली, तमिलनाडु, तेलंगाना, असम और केरल में इंडक्शन चूल्हा, चावल पकाने के लिये इलेक्ट्रिक कुकर और माइक्रोवेव ओवन जैसे बिजली से चलने वाले उपकरणों के जरिये खाना पकाने का चलन धीरे-धीरे बढ़ रहा है.’ सीईईडब्ल्यू की स्टडी के अनुसार, दिल्ली और तमिलनाडु में 17 प्रतिशत परिवारों ने खाना पकाने के लिये इलेक्ट्रिक माध्यमों को अपनाया है जबकि तेलंगाना में यह 15 प्रतिशत है. केरल और असम में 12 प्रतिशत परिवारों ने ‘ई-कुकिंग’ व्यवस्था को अपनाया है.

21 राज्यों में किया गया सर्वे

यह स्टडी ‘इंडियन रेजिडेंशियल एनर्जी सर्वे’ (आईआरईएस), 2020 पर आधारित है. यह सर्वे ‘इनीशिएटिव फॉर सस्टेनेबल एनर्जी पॉलिसी’ के साथ मिलकर किया गया. यह सबसे ज्यादा आबादी वाले 21 राज्यों के 152 जिलों में कुल 15,000 शहरी और ग्रामीण परिवारों से जुटाए गए आंकड़ों पर आधारित है. उल्लेखनीय है कि सरकार ने इस साल फरवरी में खाना पकाने के लिये ‘गो इलेक्ट्रिक’ अभियान शुरू किया. इसका मकसद बिजली से चलने वाले उपकरणों से खाना पकाने के लाभ को बढ़ावा देना है. सीईईडब्ल्यू की स्टडी में आगे कहा गया कि शहरी परिवार के बीच ई-कुकिंग की पहुंच 10.3 प्रतिशत है जबकि ग्रामीण परिवार में यह केवल 2.7 प्रतिशत है.

देशभर में 5% परिवारों ने ई-कुकिंग को अपनाया

कुल मिलाकर देशभर में केवल 5 प्रतिशत परिवारों ने ई-कुकिंग को अपनाया है. एलपीजी की मौजूदा कीमत को देखते हुए बिजली पर सब्सिडी प्राप्त करने वाले परिवारों के लिये ई-कुकिंग सस्ती है. हालांकि, इन उपकरणों की खरीद पर होने वाला शुरुआती खर्च और बिजली से चलने वाले चूल्हे पर खाना पकाने को लेकर धारणा की वजह से शहरी परिवारों में भी इसका उपयोग तेजी से नहीं बढ़ रहा है. सीईईडब्ल्यू के अध्ययन के मुताबिक ई-कुकिंग अपनाने वाले 93 प्रतिशत परिवार अभी भी लिक्विफाइड नेचुरल गैस पर भरोसा करते हैं और ई-कुकिंग उपकरणों को जरूरत पड़ने पर उपयोग के लिये रखते हैं.

LIVE TV

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news