गुजरात चुनाव: गोधरा सीट पर कांटे के मुकाबले में जीती बीजेपी, 258 वोट से विधायक बने 'दलबदलू' राउलजी
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गुजरात चुनाव: गोधरा सीट पर कांटे के मुकाबले में जीती बीजेपी, 258 वोट से विधायक बने 'दलबदलू' राउलजी

गोधरा सीट पर भाजपा के प्रत्याशी सी.के. राउलजी कांग्रेस के प्रत्याशी राजेन्द्रसिंह पटेल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे.

गोधरा सीट: भाजपा से चंद्रसिंह राउलजी तो कांग्रेस से राजेन्द्रसिंह पटेल चुनावी मैदान में थे

अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे आने लगे हैं. राज्य की चर्चित सीटों में शुमार गोधरा सीट से बीजेपी उम्मीदवार सी के राउल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के राजेन्द्र सिंह परमार को 258 मतों से शिकस्त दी. इन चुनावों में सी.के.राउलजी को गोधरा विधानसभा सीट से भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया था. गोधरा सीट पर भाजपा के प्रत्याशी सी.के. राउलजी कांग्रेस के प्रत्याशी राजेन्द्रसिंह पटेल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे. कांग्रेस की सरकार में सी.के. राउलजी परिवहन मंत्री के पद पर भी रहे. अहमद पटेल के राज्यसभा चुनाव के दौरान 2017 में उन्होंने कांग्रेस का साथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था.

  1. गोधरा सीट पर भाजपा के प्रत्याशी सी.के. राउलजी कांग्रेस के प्रत्याशी राजेन्द्रसिंह पटेल के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे.
  2. गोधरा के करीब ढाई लाख वोटरों में लगभग 20-25 प्रतिशत मुसलमान हैं.
  3. सी के राउलजी इस बार बीजेपी के टिकट पर लड़ रहे हैं लेकिन पिछले चुनाव में वे कांग्रेस के प्रत्याशी थे.

गोधरा से पांच बार विधायक रहे सीके राउलजी ने 23 नवंबर को गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन किया था लेकिन इस बार उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से पर्चा भरा था. गोधरा के करीब ढाई लाख वोटरों में लगभग 20-25 प्रतिशत मुसलमान हैं. राउलजी पहले भी बीजेपी में रह चुके हैं. 1990 के दशक में वो दो बार बीजेपी के टिकट पर विधायक रह चुके हैं. वहीं पिछले दो बार वो कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गये थे. हालांकि वो पहली बार 1990 में जनता दल के टिकट पर एमएलए बने थे. वह 1990 से चुनाव लड़ रहे हैं और लोगों के साथ उनका मजबूत नाता है. राउलजी शंकर सिंह वाघेला के करीबी माने जाते हैं. बीजेपी ने आखिरी बार गोधरा में साल 2002 में जीत हासिल की थी. इस विधानसभा सीट पर चुनावों के दूसरे चरण में 14 दिसंबर को मतदान हुआ था.

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