Assembly Election Result 2022: गुजरात-हिमाचल प्रदेश में 'बीजेपी रिटर्न्स' या AAP-कांग्रेस को मिलेगा ताज? आज नतीजे करेंगे फैसला
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Assembly Election Result 2022: गुजरात-हिमाचल प्रदेश में 'बीजेपी रिटर्न्स' या AAP-कांग्रेस को मिलेगा ताज? आज नतीजे करेंगे फैसला

Gujarat- Himachal Pradesh Assembly Election Result 2022: गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के साथ ही छह विधानसभा और एक लोकसभा उपचुनाव के लिए आज सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होगी. निर्वाचन आयोग के अनुसार हिमाचल प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, बिहार, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में कुल 116 केंद्रों पर मतगणना की जाएगी.

Assembly Election Result 2022: गुजरात-हिमाचल प्रदेश में 'बीजेपी रिटर्न्स' या AAP-कांग्रेस को मिलेगा ताज? आज नतीजे करेंगे फैसला

Assembly Election Result 2022 Updates: गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के साथ ही छह विधानसभा और एक लोकसभा उपचुनाव के लिए आज सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होगी. निर्वाचन आयोग के अनुसार हिमाचल प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, बिहार, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में कुल 116 केंद्रों पर मतगणना की जाएगी.

कौन जीतेगा गुजरात का रण?

गुजरात में 182 सीटों पर 1 और 5 दिसंबर को मतदान हुए थे. बीजेपी के गढ़ गुजरात में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने जोरदार प्रचार अभियान चलाया था. सभी की निगाहें इस पर टिकी होंगी कि क्या अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी गुजरात में कांग्रेस को हटाकर नंबर दो की पार्टी बन सकती है या नहीं. ऐसा अगर होता है तो 2024 के लोकसभा चुनावों में मोदी के रथ को रोकने में केजरीवाल की भूमिका भी इससे निर्धारित होगी.

दिल्ली, पंजाब और गोवा में पहले से ही राज्य पार्टी के रूप में मान्यता हासिल करके आप राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने से सिर्फ एक राज्य दूर है. एग्जिट पोल ने गुजरात में बीजेपी की बड़ी जीत की भविष्यवाणी की है. एग्जिट पोल में 182 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी को 117 से 151 सीट,  कांग्रेस को 16 से 51 सीट मिलती दिखाई गई, वहीं आप को 2-13 सीट मिलने का अनुमान जताया गया है.  राज्य में सरकार बनाने के लिए 92 सीटों की जरूरत होगी. 

हिमाचल में किसकी होगी हुकूमत?

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे भी आज आ रहे हैं. मतगणना के लिए बड़े स्तर पर सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. सुरक्षा कर्मियों समेत करीब 10 हजार कर्मचारियों की तैनाती की गई है. पहाड़ी राज्य में 12 नवंबर को एक ही चरण में मतदान हुआ था. यहां पर 75.60 प्रतिशत मतदान हुआ था जोकि राज्य के लिए अब तक का सबसे ज्यादा प्रतिशत है.

हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में 412 उम्मीदवारों में से 24 महिलाएं और 388 पुरुष हैं. मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच बताया जा रहा है. गौरतलब है कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में, बीजेपी ने 44, कांग्रेस ने 21, माकपा ने एक और निर्दलीय ने दो सीटें जीती थीं. देखने वाली बात यह भी होगी कि  हिमाचल प्रदेश में हर 5 साल में सत्ता बदलने का ट्रेंड जारी रहेगा या फिर उत्तराखंड की तरह बीजेपी यहां भी चमत्कार करेगी. राज्य की 68 सीटों पर 412 उम्मीदवार खड़े थे, जिनमें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह और कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं.

मैनपुरी लोकसभा और छह विधानसभा सीट उपचुनाव के नतीजे आज

पांच राज्यों में छह सीट और हाईप्रोफाइल मैनपुरी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजे आज घोषित किए जाएंगे. मैनपुरी संसदीय सीट पर मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच है.

उत्तर प्रदेश की रामपुर और खतौली, ओडिशा की पदमपुर, राजस्थान की सरदारशहर, बिहार की कुढ़नी और छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट के नतीजे आज आएंगे. मैनपुरी सीट पर उपचुनाव समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के अक्टूबर में निधन के कारण हुआ. रामपुर सदर सीट सपा नेता आजम खान को अयोग्य ठहराए जाने के कारण खाली हुई थी. मुलायम सिंह यादव की बड़ी बहू और पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव मैनपुरी से उम्मीदवार हैं जबकि मुलायम के भाई शिवपाल सिंह यादव के पूर्व विश्वस्त रघुराज सिंह शाक्य इस सीट से बीजेपी प्रत्याशी हैं.

इस साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार और जून के उपचुनावों में आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी से मिली शिकस्त के बाद मैनपुरी में जीत अखिलेश यादव को कुछ सांत्वना दे सकती है. कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने उपचुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं ऐसे में तीनों जगहों पर सीधा मुकाबला भाजपा और समाजवादी पार्टी तथा उसकी सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के बीच है. सरदारशहर और भानुप्रतापपुर सीट जहां कांग्रेस के पास है, वहीं बीजेपी ने खतौली सीट जीती थी और रामपुर सीट सपा के पास थी. पदमपुर सीट बीजू जनता दल के पास थी, जबकि कुढ़नी सीट पर राजद का कब्जा था. उपचुनावों के नतीजों से केंद्र या राज्य सरकारों पर कोई असर नहीं होगा, क्योंकि सत्तारूढ़ दलों के पास पर्याप्त बहुमत है.

वहीं छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित कांकेर जिले में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित भानुप्रतापपुर सीट पर उपचुनाव कांग्रेस विधायक मनोज सिंह मंधावी का पिछले महीने निधन होने के बाद हुआ. बिहार की कुढ़नी सीट पर जदयू ने मनोज सिंह कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है. जदयू की गठबंधन सहयोगी राजद के विधायक अनिल कुमार सहनी को विधानसभा सदस्यता के प्रति अयोग्य ठहराए जाने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है.

 

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