कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा - जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र और शांति खतरे में है
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कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा - जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र और शांति खतरे में है

जम्‍मू और कश्‍मीर (jammu kashmir) में जारी तनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र और शांति खतरे में है.

राज्यसभा में विपक्ष के नेता आजाद ने कहा, "केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को 70 साल पहले के माहौल में धकेल रही है."

नई दिल्ली: जम्‍मू और कश्‍मीर (jammu kashmir) में जारी तनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र और शांति खतरे में है. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "जो कुर्बानियां दी है लाखो लोगो ने जम्मू-कश्मीर को भारत के साथ जोड़ने में, आज सत्ता के नशे में बीजेपी सरकार कश्मीर को 1947 में धकेल रही है. बड़ी शांति थी चुनाव हो रहे थे, स्कूल चल रहे थे, बॉर्डर पर शांति थी, ऐसी शांति पहले कभी नहीं थी और अब नोटबंदी के फैसले की तरह बिना सोचे समझे केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को अशांति में धकेल रही है." 

राज्यसभा में विपक्ष के नेता आजाद ने कहा, "केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर को 70 साल पहले के माहौल में धकेल रही है. मेनस्ट्रीम पार्टी को ख़त्म किया जा रहा है. पहले छोटी पार्टी के नेताओं को नजरबंद किया और अब मेनस्ट्रीम पार्टी के नेता को भी नजरबंद कर दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री को भी बंद कर दिया है. ये लोकतंत्र का क़त्ल है. जम्मू-कश्मीर में टूरिज्म ख़त्म है. साजिश के तौर पर सरकार, जम्मू-कश्मीर को आर्थिक तौर पर ख़त्म करने के कदम उठा रही है. हम संसद में इस मुद्दे को उठाएंगे, मजबूर करेंगे सरकार को कि संसद को विश्वास में ले." 

 

उधर, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, के सुरेश और मनीष तिवारी ने लोकसभा में जबकि गुलाम नबी आजाद, अंबिका सोनी, भुवनेश्वर कलिता ने कश्मीर मुद्दे पर राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया है. एमआईएम प्रमुख असुद्दीन ओवैसी ने भी लोकसभा में इसी मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पर दिया है.  

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