Haldwani Railway Encroachment Case: उत्तराखंड के हल्द्वानी में लोगों ने रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर कब्जा कर गफूर बस्ती बसा ली. अब नैनीताल हाई कोर्ट ने उस अतिक्रमण को हटाने का आदेश दिया तो हजारों लोग इसके खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं. दिल्ली के शाहीनबाग की तरह महिलाओं और बच्चों को आगे कर आंदोलन चलाया जा रहा है.
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Haldwani Railway Encroachment Case Latest Updates: उत्तराखंड के हल्द्वानी में सरकारी जमीन पर से अवैध कब्जा हटाने के नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश के विरोध में हजारों लोगों का विरोध जारी है. अब इस मुद्दे ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है. AIMIM के बाद अब समाजवादी पार्टी ने भी अल्पसंख्यक कार्ड खेलते हुए इस फैसले को वापस लेने की मांग की है. सपा के उत्तराखंड प्रदेश महासचिव शोएब अहमद सिद्दीकी ने कहा कि अतिक्रमण के नाम पर देश में केवल एक समुदाय विशेष को निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा क़े 10 लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को हल्द्वानी में पहुंचेगा.
आज हल्द्वानी में पहुंचेगा प्रतिनिधिमंडल
शोएब अहमद सिद्दीकी ने बताया कि इस प्रतिनिधिमंडल में सपा सांसद एसटी हसन, पूर्व सांसद वीरपाल सिंह, पूर्व विधायक सुल्तान बेग, पंजाब चंडीगढ़ के प्रभारी कुलदीप सिंह भुल्लर, उत्तराखंड के प्रभारी अब्दुल मतीन सिद्दीकी, कोषाध्यक्ष एसके राय शामिल रहेंगे. यह प्रतिनिधिमंडल रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण के मामले की जानकारी लेगा. साथ ही प्रभावित लोगों से बातचीत करके मामले की विस्तृत रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को प्रस्तुत करेगा.
सपा नेता ने आरोप लगाया कि अतिक्रमण के नाम पर देशभर में केवल एक विशेष समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है. सिद्दीकी ने उम्मीद जताई कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से अतिक्रमण प्रभावित लोगों को राहत जरूर मिलेगी.
सुप्रीम कोर्ट में 5 जनवरी को होगी सुनवाई
इस मामले में अतिक्रमणकारियों (Haldwani Railway Encroachment Case) की ओर से 2 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है, जिस पर 5 जनवरी को सुनवाई होगी. इस मामले में रेलवे और जिला प्रशासन की तैयारियों की बैठक अंतिम दौर में हो चुकी हैं. अब इंतजार 5 जनवरी का है, जब सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सुनवाई करेगा. रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर स्थानीय लोग काफी मायूस नजर आ रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई है कि सुप्रीम कोर्ट से उन्हें कुछ न कुछ राहत जरूर मिलेगी. उनके मुताबिक यदि रेलवे अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही शुरू करता है तो 50,000 से ज्यादा की आबादी बेघर हो जायेगी,
रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर कब्जा कर बसा ली 'गफूर बस्ती'
बता दें कि नैनीताल हाई कोर्ट ने हल्द्वानी (Haldwani Railway Encroachment Case) में रेलवे की 29 एकड़ जमीन पर कब्जा करके वहां 'गफूर बस्ती' बसा लेने वाले लोगों को हटाने का आदेश दिया है. इस आदेश के बाद रेलवे ने समाचार पत्रों के जरिए नोटिस जारी कर अतिक्रमणकारियों को 1 हफ्ते के अंदर अतिक्रमण हटा लेने को कहा है. चेतावनी दी है कि ऐसा न करने पर रेलवे ध्वस्तीकरण की कार्यवाही शुरू कर देगा. हाई कोर्ट के आदेश के बाद से लोगों में हड़कंप मचा है.
शाहीन बाग की तरह बच्चों और महिलाओं को कर दिया आगे
हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब अतिक्रमणकारियों (Haldwani Railway Encroachment Case) ने दिल्ली के शाहीन बाग आंदोलन के स्टाइल में महिलाओं और बच्चों को आगे कर दिया है. जो अपनी पढ़ाई और सुरक्षित भविष्य का हवाला देकर अवैध कब्जे न हटाने की मांग कर रहे हैं. वहीं महिलाएं ठंड के मौसम का सहारा लेकर इस अतिक्रमणरोधी को गलत बता रही हैं. खास सोच वाला एक्टिविस्टों का एक धड़ा भी इस कार्रवाई को समुदाय विशेष का उत्पीड़न बताकर लोगों को भड़काने में लगे हैं. अब इन अवैध कब्जों पर कार्रवाई होगी या नहीं, इस पर सबकी नजरें सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिक गई हैं.
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