Uttarakhand News: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच के संबंध में आज कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत के परिसरों पर छापे मारे. उत्तराखंड, दिल्ली और चंडीगढ़ में कई स्थानों पर तलाशी ली गई है. माना जा रहा है कि ईडी की जांच राज्य में कॉर्बेट बाघ अभयारण्य में कथित अवैध गतिविधियों से जुड़ी है.
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ED Searches Harak Singh Rawat: सुबह-सुबह देश को पता चला कि ईडी की टीम आज उत्तराखंड में छापेमारी कर रही है. कांग्रेस नेता और प्रदेश के पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के ठिकानों पर फाइलें खंगाली जा रही हैं. हरक सिंह वही नेता हैं, जो दो साल पहले तक भाजपा सरकार में मंत्री हुआ करते थे. एक दिन अचानक सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया. उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से सस्पेंड किया गया था. बाद में वह कांग्रेस में चले गए. आज हरक सिंह रावत का किस्सा लोगों को फिर याद आने लगा है. बताया जा रहा है कि देहरादून में हरक सिंह के घर में जांच कर रही ED की टीम प्रिंटर लेकर आई है. ये छापेमारी उत्तराखंड, दिल्ली और चंडीगढ़ में करीब 12 ठिकानों पर एकसाथ की जा रही है.
पहले धामी - हरक मुस्कुराए थे
ये कहानी ठीक दो साल पहले जनवरी 2022 की है. एक महीने पहले ही हरक सिंह रावत के इस्तीफे की खबरें आई थीं. तब सीएम धामी ने कहा था कि यह फैमिली मैटर है. हम हरक सिंह के निर्वाचन क्षेत्र कोटद्वार में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज का हल ढूंढ रहे हैं. हम इस प्रोजेक्ट के लिए बजट की घोषणा करेंगे. हरक के साथ बैठकर मुस्कुराते हुए तस्वीर भी सामने आई थी. दोनों ने साथ में खाना खाया था और 'ऑल इज वेल' का संदेश दिया गया.
फिर एक दिन...
हालांकि नया साल आया और 17 जनवरी 2022 को सीएम धामी ने मीडिया के सामने आकर कहा कि हमारी पार्टी में वह आए, हमने उनको बहुत सहजता से... कई बार उन्होंने विकास के मामले में जो भी बातें कहीं, हम लोगों ने हमेशा किया. हमारी पार्टी विकासवाद और राष्ट्रवाद पर चलने वाली पार्टी है. वंशवाद से यह दूर रहने वाली पार्टी है... कई बार जब वह बातें करते थे तो हम असहज होते थे. वह अपने समेत परिवार और अन्य लोगों के लिए पार्टी पर दबाव डाल रहे थे इसलिए पार्टी ने निर्णय लिया. उन्हें धामी ने कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था.
कौन हैं हरक सिंह रावत
- हरक कांग्रेस में गए तो इसे 'घर वापसी' कहा गया क्योंकि वह पहले भी कांग्रेस में ही थे.
- 1991 में यूपी में बनी कल्याण सिंह की सरकार में हरक सिंह रावत सबसे युवा मंत्री थे. उन्हें पर्यटन मंत्री बनाया गया था. तब उत्तराखंड यूपी से अलग नहीं हुआ था.
- बाद में हरक सिंह उन 10 विधायकों में शामिल रहे, जिन्होंने हरीश रावत के खिलाफ बगावत की थी.
- 2016 में वह भाजपा में चले गए. कोटद्वार सीट से जीते.
- दो साल पहले हरक सिंह के साथ बहू अनुकृति गुसाई ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया था.
- बताया जा रहा है कि फॉरेस्ट लैंड स्कैम केस में आज ईडी ने एक्शन लिया है.
हरक के घर छापे की वजह
आरोप है कि बीजेपी सरकार में वन मंत्री रहने के दौरान हरक सिंह रावत ने जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में अवैध तरीकों से पेड़ों की कटाई की और टाइगर सफारी प्रोजेक्ट के नाम पर पाखरू रेंज में अवैध निर्माण करवाया. फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया यानी FSI ने इस मामले में जांच की थी और बताया था कि 163 पेड़ों को काटने की मंजूरी की जगह करीब 6 हजार पेड़ों को काटा गया था जो पाखरू रेंज में टाइगर सफारी के नाम पर था.