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नई दिल्ली: डीएनए (DNA) में अब हम आपको भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के मशहूर खिलाड़ी हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) की मुसीबत की घड़ी के बारे में बताएंगे जिन्हें दुबई से लाई गई महंगी घड़ी बहुत महंगी पड़ी. दरअसल हार्दिक पांड्या जब भारतीय टीम के साथ दुबई से भारत लौटे तो उनके सामान में करोड़ों रुपये की घड़ियां निकली और कस्टम विभाग ने उन्हें रोक लिया था.
जब ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड जैसी टीमों के खिलाड़ी मेहनत से और लगन से अपने खेल पर ध्यान दे रहे थे तो हार्दिक पांड्या जैसे खिलाड़ी महंगी शॉपिंग और गिफ्ट लेने में व्यस्त थे, क्या यही कारण है कि भारत वर्ल्ड कप की शुरुआत में ही बाहर हो गया.
मीडिया रिपोर्ट्स में हार्दिक पांड्या के पास से मिली घड़ियों की कीमत 5 करोड़ बताई जा रही है. लेकिन हार्दिक पांड्या ने सोशल मीडिया पर सफाई दी है कि इन घड़ियों की कीमत पांच करोड़ नहीं बल्कि डेढ़ करोड़ है और उन्होंने इसकी जानकारी खुद कस्टम विभाग के अधिकारियों को दी थी. अब हार्दिक पांड्या का दावा है कि उन्होंने इन घड़ियों की खरीद से जुड़े सारे कागज़ात कस्टम विभाग को सौंप दिए हैं और कस्टम ड्यूटी भी चुका दी है.
नियमों के मुताबिक अगर किसी यात्री के पास 50 हज़ार रुपये से ज्यादा का सामान होता है तो उसे इसकी जानकारी पहले से देनी होती है, लेकिन हार्दिक पांड्या ने ऐसा नहीं किया. हार्दिक पांड्या, इंडियन टीम के उन खिलाड़ियों में शामिल है जिनका वर्ल्ड कप (World Cup) में प्रदर्शन सबसे खराब रहा है. खराब फिटनेस की वजह से भी उनकी जमकर आलोचना भी हुई.
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इस बहस और आलोचना से इतर वो अपनी महंगी घड़ियों के साथ पकड़े जाने पर सोशल मीडिया पर सफाई देते नजर आए. हार्दिक पांड्या भारतीय टीम के साथ वापस लौटे थे, उनके साथ टीम का मैनेजमेंट भी था. उनमें ऐसे लोग रहे होंगे जिन्हें इन नियमों की जानकारी होगी. हार्दिक पांड्या खुद भी कोई पहली बार विदेश से भारत नहीं लौटे हैं. उसके बावजूद उन्होंने नियमों की अनदेखी की, उनके भाई क्रुनाल पांड्या भी पिछले साल जब दुबई में हुए IPL का हिस्सा बनकर लौटे थे. तो उन्हें भी डीआरआई (Directorate Of Revenue Intelligence) ने एक करोड़ रूपये की घड़ियों के साथ पकड़ा था.
कहा जाता है DRI को इसकी भनक उनकी Instagram Post देखकर लगी थी जिसमें वो लोगों को अपनी महंगी घड़ियों के बारे में बता रहे थे.
अपने भाई के अनुभव के बाद हार्दिक पांड्या ये नहीं कह सकते कि उन्हें नियमों की जानकारी नहीं थी. आप हार्दिक पांड्या की भी पिछले एक हफ्ते से लेकर एक महीने तक की Instagram Post देखेंगे तो किसी में वो खाने पीने के सामान का विज्ञापन करते हुए नज़र आएंगे, किसी में वो कपडे बेच रहे हैं तो किसी में Energy Drink का विज्ञापन कर रहे हैं. यानी हार्दिक पांड्या पूरी Energy के साथ अच्छा क्रिकेट खेलने के अलावा सब कुछ कर रहे थे.
जब भारतीय टीम वर्ल्ड कप से शुरुआत में ही बाहर हो गई तो वो शायद महंगी शॉपिंग और गिफ्ट लेने में व्यस्त हो गए. जबकि आप अगर दूसरी टीमों को देखेंगे तो आपको उनके खिलाड़ी विज्ञापनों में काम करते हुए नहीं बल्कि मैदान पर मेहनत करते हुए दिखाई देंगे, चाहे बात ऑस्ट्रेलिया की हो, न्यूजीलैंड की या पाकिस्तान की. भारतीय टीम के अलावा किसी और टीम के खिलाड़ियों को आप इतनी लापरवाही बरतते हुए नहीं देखेंगे.
आज से भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच T20 मैचों की एक सीरीज शुरू हो रही है. इसके बावजूद हार्दिक पांड्या समेत कई खिलाड़ियों को आराम दिया गया है, इस पर टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि खिलाड़ी, मशीन नहीं हैं उन्हें भी आराम की जरूरत है. लेकिन अगर कोई रोहित शर्मा से ये पूछें कि इन्हीं सब खिलाड़ियों को लगातार विज्ञापन करते हुए थकावट क्यों महसूस नहीं होती है.
एयरपोर्ट पर बार बार की जाने वाली गलतियों को ये खिलाड़ी क्यों नहीं सुधारते और सबसे बड़ी बात कि ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमों से सीख लेकर ये खिलाड़ी मेहनत क्यों नहीं करते? इसलिए आज भारत के हर क्रिकेट प्रेमी को इस बारे में जरूर सोचना चाहिए.