DNA ANALYSIS: कोरोना वैक्सीन का 'ट्रायल रन', क्या रूस मारेगा बाजी?
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DNA ANALYSIS: कोरोना वैक्सीन का 'ट्रायल रन', क्या रूस मारेगा बाजी?

इस समय पूरी दुनिया में 2 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोनावायरस (Coronavirus) से संक्रमित हो चुके हैं.  इस वायरस से मरने वालों का आंकड़ा 7 लाख से ज्यादा है और भारत में भी अब तक 22 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना वायरस का संक्रमण हो चुका है.

DNA ANALYSIS: कोरोना वैक्सीन का 'ट्रायल रन', क्या रूस मारेगा बाजी?

नई दिल्ली: इस समय पूरी दुनिया में 2 करोड़ से ज्यादा लोग कोरोनावायरस (Coronavirus) से संक्रमित हो चुके हैं.  इस वायरस से मरने वालों का आंकड़ा 7 लाख से ज्यादा है और भारत में भी अब तक 22 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना वायरस का संक्रमण हो चुका है और 44 हज़ार लोगों की मौत हो चुकी है. भारत में अब हर रोज संक्रमण के 60 हज़ार से ज्यादा नए मामले दर्ज हो रहे हैं और तेजी से फैलते संक्रमण के मामले में भारत दुनिया में पहले नंबर पर है. ऐसे में दुनिया भर के 750 करोड़ लोगों के मन में एक ही सवाल है कि इस वायरस की वैक्सीन (corona vaccine) कब आएगी. किस देश में इस वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन सबसे पहले शुरू होगा ?

कोरोना वैक्सीन बनाने की जंग
इस समय पूरी दुनिया में 165 से ज्यादा Vaccines पर काम चल रहा है. इनमें से 29 Vaccines मानव परीक्षण के दौर में हैं. सिर्फ 7 वैक्सीन ऐसी हैं, जो ट्रायल के आखिरी Phase में हैं. इसी बीच रूस ने कहा है कि वह 12 अगस्त को ही Covid 19 का इलाज करने वाली वैक्सीन का Registration कर देगा. रूस के दावों पर यकीन किया जाए तो उसने Vaccine बनाने की ये Race जीत ली है. लेकिन Russia के Gamaleya (गामालेया) Research Institute और Russia के रक्षा मंत्रालय द्वारा बनाई गई इस वैक्सीन को लेकर कई गंभीर सवाल भी हैं. दरअसल रूस इस वैक्सीन का Phase Three Trial किए बिना ही इसे लॉन्च करने वाला है.  सवाल ये है कि क्या दुनिया इस मेड इन रशिया वैक्सीन के लिए तैयार है ?

रूस के अधिकारियों का दावा
रूस के स्वास्थ्य अधिकारियों का दावा है कि इस Vaccine का पहले और दूसरे चरण का Trial सफल रहा है. वह अब तक 76 लोगों पर इस Vaccine का परीक्षण किया जा चुका है. वैक्सीन के पंजीकृत होने के बाद इसका परीक्षण 1600 लोगों पर किया जाएगा. ये वैक्सीन सबसे पहले डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मचारियों और बुजुर्गों के लिए उपलब्ध होगी. रूस की सरकार का ये भी दावा है कि अक्टूबर के महीने से इस वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू हो जाएगा. 

ये वैक्सीन कैसे काम करेगी इस बारे में Russia के स्वास्थ्य अधिकारियों की तरफ से स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है. लेकिन विशेषज्ञों का दावा है कि ये एक प्रकार की Whole Virus Vaccine है. इस तरह की Vaccines को बनाने के लिए एक कमज़ोर या निष्क्रिय वायरस का प्रयोग किया जाता है. इस तरह की वैक्सीन शरीर में जाने के बादशरीर की प्रतिरोधक प्रणाली यानी Immune System को सक्रिय कर देती है. इसका उद्देश्य ये होता है कि शरीर एक बार इस वायरस की पहचान कर ले और इसके खिलाफ प्रतिक्रिया कैसे करनी है इसे याद रखे. जब Immune Sytem को ये सब याद हो जाता है तो वायरस से संक्रमित होते ही शरीर उससे लड़ने लगता है. 

'वैक्सीन बनाने में जल्दबाजी न करे रूस'
ये वैक्सीन बनाने वाले Russia के Gamaleya (गामालेया) institute के शोधकर्ताओं का दावा है कि वे इस वैक्सीन का परीक्षण अपने ऊपर भी कर चुके हैं. लेकिन रूस के इन दावों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन समेत कई विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं. WHO का कहना है कि Russia को इस मामले में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. इससे लोगों के स्वास्थ्य और उनकी जान को खतरा हो सकता है. बड़े पैमाने पर परीक्षण के बिना किसी वैक्सीन को बाज़ार में उतारना खतरे से खाली नहीं है. WHO के मुताबिक Russia ने जून महीने के बाद से ही उसे वैक्सीन को लेकर कोई डाटा नहीं दिया है. जबकि नियमों के अनुसार Russia को ऐसा करना चाहिए था. लेकिन Russia इस वैक्सीन को लेकर इतनी जल्दबाजी क्यों दिखा रहा है. ये हमें समझना चाहिए. 

दुनिया में रूस का रुतबा दोबारा बहाल करना चाहते हैं पुतिन 
Russia के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की छवि एक राष्ट्रवादी नेता की है और वो चाहते हैं कि पूरी दुनिया एक बार फिर से Russia को सम्मान की नज़रों से देखें. सोवियत संघ के विघटन से पहले Russia विज्ञान और Technology के क्षेत्र में बहुत आगे था.  लेकिन धीरे-धीरे Russia की स्थिति पहले जैसी नहीं रही और अब व्लादिमिर पुतिन चाहते हैं कि Vaccine की ये दौड़ जीतकर वो अपने देश को पहले जैसा सम्मान वापस दिलाएं. लेकिन Russia की ये जल्दबाजी वहां के 15 करोड़ लोगों के स्वास्थ्य पर भारी भी पड़ सकती है. 

अगर रूस सच में Covid-19 के खिलाफ वैक्सीन तैयार कर लेता है तो ये पूरी दुनिया के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी. लेकिन समस्या ये है कि Russia ने इस वैक्सीन को लेकर सभी जानकारियां दुनिया के साथ साझा नहीं की हैं. Russia पर दूसरे देशों से वैक्सीन का फॉर्मूला चुराने का आरोप भी लग चुका है. Russia में खुद 7 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और वहां 11 हज़ार लोगों की इस वायरस से मौत भी हो चुकी है.  इसलिए Russia के अधिकारियों का कहना है कि वो तेजी से इस वैक्सीन पर काम कर रहे हैं.

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