Coronavirus Vaccine: स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (Dr. Harsh Vardhan) ने कहा कि महाराष्ट्र, केरल और छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामलों में अचानक उछाल देखने को मिला है. यह हमारे लिए चेतावनी है कि हम एहतियाती उपायों को न भूलें और कोविड-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई को जारी रखें.
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नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Dr. Harsh Vardhan) ने आज चार राज्यों में वैक्सीन के ड्राई रन की समीक्षा की. देशभर में कोरोना टीकाकरण अभियान की शुरुआत से पहले डॉक्टर हर्षवर्धन ने सभी प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की.
चार राज्यों में वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) के ड्राई रन (Dry Run) को लेकर समीक्षा बैठक में डॉ. हर्षवर्धन (Dr. Harsh Vardhan) ने कहा कि हमें राज्यों से वैक्सीन को लेकर फीडबैक मिले हैं और हमने इसके आधार पर जरूरी सुधार भी किए है. कल से 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वैक्सीन का ड्राई रन शुरू होगा.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र, केरल और छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के मामलों में अचानक उछाल देखने को मिला है. यह हमारे लिए चेतावनी है कि हम एहतियाती उपायों को न भूलें और कोविड-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई को जारी रखें.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि शोध कार्य से लेकर वैक्सीन तक, हमने बहुत यात्रा की. दो टीकों को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिली है. हम जल्द ही वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू करेंगे. भारत में 10 वैक्सीन बन रही है, जिसमें से 7 का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है और 2 को आपातकालीन इस्तेमाल का अप्रूवल दिया जा चुका है.
29 दिसंबर को ड्राई रन 4 राज्यों के 7 जिलों में किया गया था, जिसके आधार पर डेढ़ सौ पन्नों की गाइडलाइन बनाकर पूरे देश के स्थानीय प्रशासन को दी गई है. इसी के बाद 2 दिसंबर को सभी राज्यों के 125 जिलों में ड्राई रन चलाया गया, जिसमें 285 स्थानों को चुना गया था.
कोवैक्सीन और कोविशील्ड के वितरण के लिए 4 महीने पहले ही डॉ. बीके पाल सदस्य नीति आयोग की अध्यक्षता में एक्सपर्ट ग्रुप का गठन किया गया था. इसी की जिम्मेदारी है कि आखिरी व्यक्ति, आखिरी किलोमीटर तक वैक्सीन पहुंचाई जाए. इसमें 5 राज्यों के एक्सपर्ट प्रतिनिधि और अन्य महत्वपूर्ण सदस्य भी शामिल हैं.
वैक्सीन के उत्पादन क्षमता के आधार पर पूरे देश को एक साथ टीकाकरण करना संभव नहीं है ,इसलिए हमने प्राथमिकता के आधार पर समूह का चयन किया है जिसमें निजी और सरकारी क्षेत्रों के अस्पतालों में काम करने वाले फ्रंटलाइन वर्कर, पुलिस और सैनिक बल ,होमगार्ड सिविल डिफेंस, मुंसिपल और डिजास्टर मैनेजमेंट से जुड़े हुए वॉलिंटियर और अन्य बल शामिल हैं.
इसके बाद 50 साल से अधिक आयु के व्यक्ति और कई बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति जिनकी संख्या तकरीबन 27 करोड़ है, उन्हें वैक्सीन दी जाएगी.
कोल्ड स्टोरेज व्यवस्था के लिए सभी संसाधनों को जुटाया गया है. ट्रेनिंग का कार्यक्रम भी अपने अंतिम दौर में है.
हम राज्य प्रशासन और स्थानीय प्रशासन से भी अपील करते हैं कि जिस भी ट्रेनिंग की आवश्यकता हो वह समय पर पूरा कर लिया जाए. 2.3 लाख स्वास्थ्य सेवा केंद्रों को इससे जोड़ा जाएगा.
महामारी के दौर में भी पल्स पोलियो अभियान चलता रहेगा, जबकि जनवरी 2011 से भारत में कोई केस नहीं मिला है ,इसके बावजूद पड़ोस के 2 देशों में 123 पल्स पोलियो के मामले आ चुके हैं. इसीलिए 17 जनवरी को यह देशव्यापी अभियान पल्स पोलियो के लिए चलाया जाएगा.
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स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि वैक्सीन पर गलत जानकारी देने वाला कोई अभियान सफल न हो.
बता दें कि सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग की अनुमति मिली है. इसके अलावा DCGI ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को भी मंजूरी दी है.