विजय माल्या की संपत्ति जब्त करने पर अप्रैल में होगी सुनवाई, 2 दिन में आएगा फैसला
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विजय माल्या की संपत्ति जब्त करने पर अप्रैल में होगी सुनवाई, 2 दिन में आएगा फैसला

धोखाधड़ी मामले में ब्रिटेन की अदालत में प्रत्यर्पण संबंधी सुनवाई का सामना कर रहे विवादित शराब कारोबारी विजय माल्या की संपत्तियों को जब्त करने के एक मामले में लंदन के कोर्ट में अप्रैल में सुनवाई होगी.

संपत्ति पर फैसला, अप्रैल में (फाइल फोटो-Zee)

लंदन: धोखाधड़ी मामले में ब्रिटेन की अदालत में प्रत्यर्पण संबंधी सुनवाई का सामना कर रहे विवादित शराब कारोबारी विजय माल्या की संपत्तियों को जब्त करने के एक मामले में लंदन के कोर्ट में अप्रैल में सुनवाई होगी. ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में पेश दस्तावेज के मुताबिक 13 भारतीय बैंकों ने विजय माल्या के खिलाफ कर्ज नहीं चुका पाने को लेकर उनकी संपत्ति जब्त करने का मामला दायर किया है. दस्तावेज के अनुसार, इस मामले की सुनवाई 11 अप्रैल, 2018 को शुरू होगी और दो दिन के भीतर इसका फैसला आएगा.

  1. विजय माल्या की संपत्ति जब्त होगी या नहीं, अप्रैल में आएगा फैसला
  2. 11 अप्रैल, 2018 को शुरू होगी विजय माल्या के मामले की सुनवाई
  3. इंग्लैंड हाईकोर्ट में वाणिज्यिक अदालत देख रही है माल्या का केस

इस मामले को इंग्लैंड के उच्च न्यायालय में वाणिज्यिक अदालत की क्वीन्स बेंच डिविजन देख रही है. यह मामला भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक, आईडीबीआई बैंक, कारपोरेशन बैंक, फेडरल बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और जेएम फाइनेंशियल एसेट रीकंस्ट्रक्शंस कंपनी प्राइवेट लिमिटेड ने मिलकर दायर किया है.

विजय माल्या को झटका, सीपीएस ने गवाह के बयानों को खारिज किया

हाल ही में मामले में चल रही सुनवाई के दौरान लंदन कोर्ट ने विजय माल्या को बड़ा झटका दिया था. कोर्ट में भारत सरकार का पक्ष रख रही क्राउन प्रोसेक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने बचाव पक्ष की ओर से एक राजनीतिक विशेषज्ञ के बयानों को खारिज कर दिया है. सीपीएस का कहना है कि राजनीतिक विशेषज्ञ ने भारतीय जांच एजेंसियों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के लिए दोषपूर्ण सामग्रियों का सहारा लिया.

उल्लेखनीय है कि माल्या उनकी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के लिए बैंकों से लिए गए कर्ज को नहीं चुकाने और धोखाधड़ी करने के मामले में भारत में वांछित हैं. इस मामले करीब 9,000 करोड़ रुपये की कर्ज की राशि शामिल है.

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