अयोध्या (Ayodhya) में श्रीराम मंदिर (Sriram temple) का भव्य निर्माण शुरू होने के साथ देश में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और काशी विश्वनाथ मंदिर को भी अतिक्रमण से मुक्त करवाने की कानूनी लड़ाई तेज हो गई है.
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वाराणसी: अयोध्या (Ayodhya) में श्रीराम मंदिर (Sriram temple) का भव्य निर्माण शुरू होने के साथ देश में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और काशी विश्वनाथ मंदिर को भी अतिक्रमण से मुक्त करवाने की कानूनी लड़ाई तेज हो गई है. वाराणसी (Varanasi) की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट आज इस मसले पर सुनवाई करेगी कि काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath temple) के मसले पर दायर अर्जी को सिविल कोर्ट में सुना जाए या ट्रिब्यूनल में. कोर्ट की इस सुनवाई पर दोनों पक्षों की नजरें लगी हुई हैं.
हिंदू पक्ष के मुताबिक मुगलकाल में देश में सैकड़ों की तादाद में मंदिरों को ध्वस्त कर उन्हें मस्जिदों में बदला गया था. इनमें हिंदुओं के सर्वोच्च तीर्थस्थान अयोध्या, वाराणसी और मथुरा के प्रमुख मंदिर भी शामिल रहे. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण का रास्ता तो साफ हो चुका है. लेकिन वाराणसी और मथुरा के मंदिरों पर अब भी कब्जा बना हुआ है. हिंदू पक्ष के अनुसार यदि कोर्ट पुरातत्व विभाग से ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कराने का आदेश दे तो वहां पर निश्चित रूप से इस मंदिर के अंश निकलेंगे.
इस मुद्दे पर स्वयम्भू विश्वेशर महादेव की ओर से कोर्ट में अर्जी दायर की हुई है. वाराणसी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में फिलहाल इस बात पर सुनवाई हो रही है कि ज्ञानवापी का विवाद ट्रिब्यूनल में चले या फिर लोअर कोर्ट में. दरअसल इसी साल 25 फ़रवरी को वाराणसी की सिविल जज कोर्ट ने आदेश दिया था कि ये केस लोअर कोर्ट में ही चलेगा. मुस्लिम पक्ष ने इस फ़ैसले को ज़िला न्यायाधीश की अदालत में चुनौती दे रखी है. मुस्लिम पक्ष की ओर से अंजुमन इंतेजामिया और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने इस मामले को सिविल कोर्ट से ट्रिब्यूनल में शिफ्ट करने की मांग कर रखी है.
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