FSSAI on Adulteration: देशभर में त्योहारों का सीजन शुरू हो गया है. ऐसे में होली और नवरात्रि के मद्देनजर FSSAI ने मिलावटी खाद्य पदार्थों पर नकेल कसने के लिए राज्यों को सर्विलांस बढ़ाने के सख्त निर्देश दिए हैं.
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Festival season : देशभर में त्योहारों का सीजन शुरू हो गया है. इस दौरान मिठाइयों की खूब बिक्री होती है. फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी (FSSAI) ने दुकानदारों से सावधानी बरतने को कहा है. बता दें, कि होली और नवरात्रि त्योहार के मद्देनजर FSSAI ने मिलावटी खाद्य पदार्थों पर नकेल कसने के लिए राज्यों को सर्विलांस बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. खासकर दूध और दूध से जुड़े उत्पादों पर विशेष निगरानी रखनी होगी.
FSSAI के सख्त निर्देश
FSSAI ने होली में बिकने वाली मिठाइयों पर विशेष निगरानी के निर्देश दिए हैं. फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स की मोबाइल जांच लैब्स को ज्यादा फुटफॉल वाले बाजारों में स्थापित करने के लिए कहा गया है. बताया जा रहा है, कि नवरात्रि को भी ध्यान में रखते हुए व्रत के आइटम जैसे समल चावल, कुट्टू का आटा, सिंघाड़ा और उसके उत्पाद, फलों और ड्राई फ्रूट्स को लेकर मानकों के अनुसार कार्रवाई करने को कहा है. पूर्व में कुट्टू के जहरीले आटे से तबियत खराब होने की शिकायत को ध्यान में रखते हुए इस संदर्भ में सभी राज्यों और इकाइयों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं.
FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India) calls for special drives to check adulteration of milk and milk products like Khoya, sweets etc during the festive season. pic.twitter.com/dg9DJ5mo8k
— ANI (@ANI) March 23, 2024
FSSAI ने क्या कहा
FSSAI ने प्रिजर्वेटिव की मात्रा को लेकर भी जांच कड़ी करने की जरूरत पर जोर दिया है. बता दें कि होली से पहले FSSAI ने दूध से बने प्रोडक्ट की खास जांच की है. FSSAI ने अपनी चिट्ठी में लिखा, 'व्रत में फल, सब्जी, ड्राई फ्रूट्स और नट्स जैसे मखाना, दूध और दूध के बने प्रोडक्ट की बहुत मांग होती है. इस दौरान मिलावट सामान बेचने की काफी शिकायती आती है. इसके अलावा कई उदाहरण हैं जहां खराब भंडारण और रख-रखाव में खामियों के कारण ये फूड आइटम खराब होते हैं.
FSSAI ने आगे अपनी चिट्ठी में लिखा, 'यह अनुरोध किया जाता है, कि दूध और दूध से बने उत्पाद जैसे खोया, मिठाई आदि के विनिर्माण और बिक्री पर लगातार निगरानी रखी जाए. वहीं, जहां भी उपलब्ध हो वहां फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स (एफएसडब्ल्यू) लगाई जाए. साथ ही ये सुनिश्चित किया जा सके कि उत्पाद उपभोग के लिए सुरक्षित हैं और संबंधित खाद्य उत्पाद मानकों के अनुरूप हैं.