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नई दिल्ली: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के मौके पर पीएम मोदी ने इंडिया गेट परिसर में होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया. पीएम मोदी ने शुक्रवार को ही ऐलान किया था कि देश के महान सपूत सुभाष चंद्र बोस के प्रति आभार के प्रतीक के रूप में इंडिया गेट पर उनकी ग्रेनाइट की एक प्रतिमा लगाई जाएगी. उन्होंने ट्वीट किया था कि जब तक नेताजी की ग्रेनाइट की प्रतिमा बनकर तैयार नहीं हो जाती, तब तक उस जगह पर उनकी एक होलोग्राम प्रतिमा लगाई जाएगी. इस कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे.
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नेता जी कि ये प्रतिमा करोड़ों लोगों को प्रेरित करेगी. उन्होंने कहा कि नेताजी का बलिदान भुलाया नहीं जा सकता.
पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम के दौरान सभी मौजूद लोगों का अभिवादन किया. पीएम ने भारत मां के वीर सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के इस दिन, इस कालखंड को ऐतिहासिक बताया. पीएम ने बोला कि नेता जी ने भीख की आजादी स्वीकार नहीं की. पीएम मोदी ने कहा कि अबतक देश की संस्कृति के साथ खिलवाड़ किया गया. वे बोले कि आजादी के कई महापुरुषों की अनदेखी की गई. उन्हें कहा कि पहले की सरकारों ने जो गलतियां की हम उन्हें सुधार रहे हैं.
पीएम मोदी ने सुबह दी श्रद्धांजलि
सभी देशवासियों को पराक्रम दिवस की ढेरों शुभकामनाएं।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर उन्हें मेरी आदरपूर्ण श्रद्धांजलि।
I bow to Netaji Subhas Chandra Bose on his Jayanti. Every Indian is proud of his monumental contribution to our nation. pic.twitter.com/Ska0u301Nv
— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2022
पीएम मोदी ने रविवार को सुबह ही सभी देशवासियों को पराक्रम दिवस की बधाई दी और नेताजी की एक अन्य मूर्ति के सामने श्रद्धांजलि अर्पित की.
खून के बदले आजादी देने का वादा करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा है. 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में एक संपन्न बांग्ला परिवार में जन्मे सुभाष अपने देश के लिए हर हाल में आजादी चाहते थे. उन्होंने अपना पूरा जीवन देश के नाम कर दिया और अंतिम सांस तक देश की आजादी के लिए संघर्ष करते रहे. ‘नेताजी’ हर कीमत पर मां भारती को आजादी की बेड़ियों से मुक्त कराने को आतुर देश के उग्र विचारधारा वाले युवा वर्ग का चेहरा माने जाते थे. वह कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे. देश की स्वतंत्रता के इतिहास के महानायक बोस का जीवन और उनकी मृत्यु भले ही रहस्यमय मानी जाती रही हो, लेकिन उनकी देशभक्ति सदा सर्वदा असंदिग्ध और अनुकरणीय रही.
बता दें कि भारत माता के वीर सपूत सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा उस जगह लगाई जाएगी जहां पहले ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम की मूर्ति लगी थी. जॉर्ज पंचम की प्रतिमा को साल 1968 में हटा दिया गया था.
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नेता जी की प्रतिमा निर्माण की जिम्मेदारी नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय के महानिदेशक अद्वैत गडनायक को सौंपी गई है. गडनायक ने नेताजी की प्रतिमा बनाने का मौका मिलने पर अपनी खुशी जाहिर की. गडनायक ने कहा कि मैं खुश हूं, बतौर मूर्तिकार मेरे लिए यह सम्मान की बात है कि प्रधानमंत्री ने मुझे यह जिम्मेदारी देने के लिए चुना. उन्होंने कहा कि यह प्रतिमा रायसीना हिल से आसानी से नजर आएगी और इस प्रतिमा के लिए पत्थर तेलंगाना से लाया जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस प्रतिमा का डिजायन संस्कृति मंत्रालय ने तैयार किया है. गडनायक ने कहा कि प्रधानमंत्री की घोषणा के साथ ही प्रतिमा बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. यह प्रतिमा नेताजी के मजबूत किरदार का दर्शन कराएगी.
आपको बता दें कि होलोग्राफिक एक प्रकार की डिजिटल तकनीक है, जो एक प्रोजेक्टर की तरह काम करता है. इससे किसी भी चीज को 3D आकार दिया जा सकता था. होलोग्राम प्रतिमा देखने पर बिल्कुल असली लगती है लेकिन ये सिर्फ एक 3D डिजिटल इमेज होती है.
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