Article 370 Kashmir: आयुष्मान भारत, सड़कों का नेटवर्क, कारोबार...कैसे आर्टिकल 370 हटने से बदल गई कश्मीर की किस्मत
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Article 370 Kashmir: आयुष्मान भारत, सड़कों का नेटवर्क, कारोबार...कैसे आर्टिकल 370 हटने से बदल गई कश्मीर की किस्मत

Changes in Kashmir: कश्मीर घाटी के टूरिज्म में भी बड़ा बदलाव दिखा है. आजादी के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर में दो करोड़ पर्यटक आए. सरकार ने कहा कि 2021 और 2022 की तुलना में 2023 में कुल पर्यटकों में 155 परसेंट का इजाफा हुआ है. 

Article 370 Kashmir: आयुष्मान भारत, सड़कों का नेटवर्क, कारोबार...कैसे आर्टिकल 370 हटने से बदल गई कश्मीर की किस्मत

Kashmir Tourism:  5 अगस्त 2019 को जब केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया तो जैसे घाटी के विकास की राह में पड़ा पत्थर भी हट गया. बरसों से जिस विकास के लिए घाटी तरस रही थी, अब उसे निरस्त करने के बाद घाटी की सूरत ही बदल गई है.

खासकर कश्मीर घाटी में स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी, सौंदर्यीकरण, पर्यटन क्षेत्र के विकास सहित समेत कई मोर्चों पर विकास गतिविधियों में अभूतपूर्व इजाफा देखा गया.

गेमचेंजर बनी आयुष्मान भारत योजना

जम्मू-कश्मीर में आयुष्मान भारत योजना जनता के लिए गेमचेंजर साबित हुई है. दिसंबर 2020 में इसकी शुरुआत के बाद से, 5.50 लाख से ज्यादा रोगियों को इलाज मिला है. जम्मू और कश्मीर भारत का इकलौता केंद्रशासित प्रदेश है, जहां ऐसी बड़ी योजना लागू हुई है.

पुलवामा के त्राल में 55 वर्षीय अजाज अहमद सिर्फ आयुष्मान भारत (गोल्डन कार्ड) की वजह से जिंदा हैं. कुछ महीने पहले जब वह त्राल से श्रीनगर की यात्रा कर रहे थे तो उन्हें जोरदार दिल का दौरा पड़ा. उन्हें तुरंत राज्य अस्पताल में भर्ती कर दिया गया और वहां डॉक्टरों ने बताया कि उनको दिल का दौरा पड़ा है. उनको तुरंत हार्ट स्टंट की जरूरत थी, जिसकी लागत करीब 80 हजार थी. लेकिन आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना के तहत न सिर्फ उनको इलाज मिला बल्कि दवाइयां तक दी गईं.

छात्रों को मिली नई जिंदगी

कश्मीर में युवाओं का मानना ​​है कि आर्टिकल 370 को रद्द करने के बाद केंद्र की योजनाओं ने उनकी जिंदगी बदल दी है. अब घाटी में शांति बनी हुई है. छात्रों का पूरा एकेडमिक सेशन चल रहा है और कारोबारी भी अच्छी कमाई कर रहे हैं क्योंकि कम हिंसा है और कोई हड़ताल नहीं है.

महिलाओं का भी मानना ​​है कि चीजें बेहतर हो रही हैं और महिलाओं के लिए जो किया जा रहा है, वह जम्मू-कश्मीर में महिलाओं को नई पहचान दे रहा है.

निवेशक खोल रहे खजाना

आर्टिकल 370 के बीते दिनों की बात बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में नई कारोबारी नीति पेश की गई है. नई केंद्रीय क्षेत्र योजना (एनसीएसएस 2021) के कारण औद्योगिक इकाइयों में निवेशकों की रुचि काफी बढ़ गई है. एक स्थिर निवेश माहौल और उदार नीतियों के कारण कृषि, पर्यटन जैसे अहम क्षेत्रों में घरेलू और विदेशी निवेशकों की रुचि बढ़ी है.

जम्मू-कश्मीर में जबरदस्त निवेश दुबई के एमार ग्रुप से आया है, जिसने दुबई का बुर्ज खलीफा बनाया है, इसकी योजना 250 करोड़ का शॉपिंग मॉल और ऑफिसर कॉम्प्लेक्स बनाने की है, जो क्षेत्र के आर्थिक स्थिरीकरण में अहम योगदान देगा. इस प्रोजेक्ट से स्थानीय युवाओं के लिए लगभग 15,800 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है.

सड़कों-सुरंगों का नया नेटवर्क

कश्मीर में नई सड़कों, सुरंगों के निर्माण, उड़ानें बढ़ाने और रेलवे कनेक्टिविटी का काम युद्धस्तर पर चल रहा है. श्रीनगर-जम्मू हाईवे, श्रीनगर बनिहाल और उधमपुर-जम्मू फोरलेन चालू है और बाकी हिस्से के अगले साल चालू होने की उम्मीद है. फिलहाल श्रीनगर से जम्मू तक जाने में कभी-कभी 10 घंटे तक लग जाते हैं. लेकिन जल्द ही यह समय काफी कम हो जाएगा.

8.45 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब काजीगुंड-बनिहाल नवयुग सुरंग प्रोजेक्ट पूरा हो चुका है. सुरंग का उद्घाटन केंद्र शासित प्रदेश के काजीगुंड और बनिहाल क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी में सुधार की दिशा में एक अहम मील का पत्थर है.

दो अलग-अलग ट्यूबों वाली इस सुरंग से वाहनों की आवाजाही को बढ़ाया और मुश्किल मौसम की स्थिति और भारी बर्फबारी के दौरान ट्रैफिक जारी रखा. प्रशासन मोराग से डिगडोल तक 4.38 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग और खूनी नाले में 3.2 किलोमीटर लंबी सुरंग पर युद्ध स्तर पर काम कर रहा है. इन 4-लेन ट्विन-ट्यूब सुरंगों के पूरा होने के बाद इस क्षेत्र में ट्रैफिक की भीड़ को काफी कम करने और सड़क सुरक्षा बढ़ाने की उम्मीद है. 

जल्द पूरी होंगी ये सुरंगें

श्रीनगर-सोनमर्ग सड़क और 6.50 किलोमीटर लंबी जेड-मोड़ सुरंग और 13 किलोमीटर लंबी जोजिला सुरंग के बहुत जल्द पूरा होने की उम्मीद है. ये सुरंगें यात्रियों के लिए हर मौसम में अहम रास्ता उपलब्ध कराएंगी. खासकर मुश्किल सर्दियों की परिस्थितियों के दौरान बेहतर पहुंच से सोनमर्ग और लद्दाख क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.

श्रीनगर तक चलेगी रेलवे

रेलवे के मोर्चे पर कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में शानदार डेवेलपमेंट हुई है. उधमपुर-कटरा, बनिहाल-काजीगुंड, और काजीगुंड-बारामूला सेक्शन पहले ही चालू हो चुके हैं. बाकी का 111 किलोमीटर लंबा कटरा-बनिहाल बहुत जल्द शुरू होने की उम्मीद है.

फ्लैगशिप श्रीनगर रिंग रोड प्रोजेक्ट के अलावा श्रीनगर शहर को घेरने वाली चार लेन की सड़क का काम प्रगति पर है और अधिकारियों का दावा है कि लगभग 35 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और परियोजना दिसंबर 2024 तक निर्धारित समय से पहले पूरी होने की उम्मीद है.

श्रीनगर बन गया स्मार्ट शहर

बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी के अलावा सरकार एंटरटेनमेंट और शहर के सौंदर्यीकरण पर भी काम कर रही है. तीन दशकों के बाद श्रीनगर को पहला निजी सिनेमा हॉल आईनॉक्स मिला और यह कश्मीर में मनोरंजन के मामले में एक बड़ी सफलता साबित हुआ है. इसके अलावा आम लोगों को बुनियादी मनोरंजन सुविधाएं देने के लिए सरकार ने पूरे जम्मू कश्मीर में 18 मुक्ति थिएटर बनाए हैं.

श्रीनगर को एक स्मार्ट शहर में बदल दिया गया है और इसके बड़े हिस्से को ऐतिहासिक लाल चौक और उसके क्लॉक टॉवर और प्राचीन पोलो व्यू मार्केट और झेलम रिवर फ्रंट का विकास किया गया है. इसने कश्मीर के लोगों और कश्मीर आने वाले पर्यटकों को नाइट लाइफ दी है. इसके अलावा आम लोगों की डेली यात्रा आसान बनाने के लिए श्रीनगर में स्मार्ट बसें भी शुरू की गई हैं.

कश्मीर घाटी के टूरिज्म में भी बड़ा बदलाव दिखा है. आजादी के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर में दो करोड़ पर्यटक आए. सरकार ने कहा कि 2021 और 2022 की तुलना में 2023 में कुल पर्यटकों में 155 परसेंट का इजाफा हुआ है. इस साल अब तक हजारों विदेशी पर्यटक घाटी आए हैं. यह मुख्य रूप से तब हुआ जब G20 सम्मेलन की मेजबानी कश्मीर में की गई थी. पर्यटन में उछाल ने कश्मीर की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ाया है.

 

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