Knowledge: सैकड़ों टन का हवाई जहाज करता है तूफान की स्पीड से लैंड, फिर भी क्यों नहीं फटते टायर?
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Knowledge: सैकड़ों टन का हवाई जहाज करता है तूफान की स्पीड से लैंड, फिर भी क्यों नहीं फटते टायर?

Airplane Facts: क्या कभी आपने सोचा है कि सैकड़ों टन वजनी हवाई जहाज लैंड करता है, तो उनके टायर क्यों नहीं फटते. दरअसल, इसके पीछे साइंस और तकनीक का कमाल है. आइए इसके बारे में बताते हैं.

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली: सभी वाहनों में टायर लगे रहते हैं, फिर चाहे वो सड़क पर चलने वाली साइकिल हो या हवा में उड़ने वाला हवाई जहाज. आपने देखा होगा कि सड़क पर चलते वक्त कई बार वाहनों के टायर फट जाते हैं. कभी-कभी इस वजह से बड़ी दुर्घटना भी हो जाती है. अगर वाहन पर ज्यादा वजन लोड किया जाए, तो भी टायर फट जाते हैं. वहीं, अगर ज्यादा स्पीड हो तो घर्षण से टायर में आग भी लग जाती है. लेकिन आपने कभी सोचा है कि टन भर वजन के साथ जब हवाई जहाज लैंड करता है, तो उनके टायर क्यों नहीं फटते. दरअसल, इसके पीछे साइंस और तकनीक का कमाल है. आइए जानते हैं...

  1. 250 से 300 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से होती है लैंडिंग
  2. टायर में रबड़ के साथ एल्युमीनियम और स्टील को भी मिक्स किया जाता है
  3. आग से बचाने के लिए एयरप्लेन के टायरों में नाइट्रोजन गैस भरी जाती है

खास तरह से तैयार किए जाते हैं टायर

बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हवाई जहाज जब जमीन पर उतरता है, यानी लैंडिंग के दौरान उसकी स्पीड 250 से 300 किलोमीटर प्रति घंटा होती है. लेकिन उसका टायर इसलिए नहीं फटता, क्योंकि उसके टायर गाड़ियों के टायर से अलग बनाए जाते हैं. हवाई जहाज के टायर में रबड़ के साथ एल्युमीनियम और स्टील को भी मिक्स किया जाता है. इन सभी को मिलाकर हवाई जहाज के टायर को तैयार किया जाता है और इसमें कार के टायर की बजाय 6 गुना ज्यादा प्रेशर से हवा भरी जाती है. इसलिए ये अधिक वजन के भार को सहन कर पाता है.

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टायरों में इस वजह से नहीं लगती आग

आपने देखा होगा कि कई बार घर्षण की वजह से टायरों में आग लग जाती है. इससे बचने के लिए एयरप्लेन के टायरों में नाइट्रोजन गैस भरी जाती है. नाइट्रोजन अन्य गैसों की तुलना में सूखी और हल्की भी होती है. इस पर तापमान का असर नहीं पड़ता है और आग नहीं लगती है. ये गैस ऑक्सीजन से क्रिया भी नहीं करती. इसलिए तेज रफ्तार के बाद भी गर्म हो कर नहीं फटते हैं. आजकल हाईवे पर ड्राइव करने वाले वाहन भी अपने टायरों में नाइट्रोजन गैस भरवाते हैं.

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500 बार तक कराई जा सकती है लैंडिंग

प्लेन की टायर का निर्माण बहुत ही मजबूती से किया जाता है. इसके एक टायर को लगभग 38 टन वजन संभालने के लिए तैयार किया जाता है. सिर्फ एक टायर की मदद से लगभग 500 बार तक लैंडिंग और टेकऑफ हो सकता है. इसके टायर इस लिए मजबूत होतें हैं क्योंकि इस पर ग्रिप चढ़ाया जाता है. जिस कारण यह अधिक बार इस्तेमाल में लाया जा सके. एक टायर में कम-से-कम 7 बार ग्रिप चढ़ाया जा सकता है. इस हिसाब से एक टायर से 3500 बार तक लैंडिंग और टेकऑफ हो सकता है.

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