Pooja Khedkar: IAS पूजा खेडकर 22 करोड़ की मालकिन, 42 लाख सालाना कमाई, कुल संपत्ति जानकर आंखें फट जाएंगी
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Pooja Khedkar: IAS पूजा खेडकर 22 करोड़ की मालकिन, 42 लाख सालाना कमाई, कुल संपत्ति जानकर आंखें फट जाएंगी

Ias pooja khedkar property: महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी आईएएस अफसर पूजा खेडकर से जुड़ें अब कई खुलासे हो रहे हैं. पूजा खेडकर की संपत्ति जानकर आप हैरान हो जाएंगे. 

Pooja Khedkar: IAS पूजा खेडकर 22 करोड़ की मालकिन, 42 लाख सालाना कमाई,  कुल संपत्ति जानकर आंखें फट जाएंगी

IAS Pooja Khedkar controversy:  आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मुसीबतें अब बढ़ने वाली हैं, केंद्र ने प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर से जुड़े विवाद की जांच के लिए गुरुवार को एक सदस्यीय समिति का गठन किया है. सूत्रों ने बताया कि कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के अतिरिक्त सचिव इस मामले की जांच करेंगे. समिति दो हफ्ते में अपनी रिपोर्ट देगी. पूजा खेडकर से जुड़े कई सारे खुलासे हो रहे हैं. चयन प्रकिया पर तो सवाल उठ ही रहा था कि संपत्ति के जो खुलासे हुए तो लोग हैरान रह गए. आइए जानते हैं ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की संपत्ति के बारे में....

22 करोड़ की मालिकन
पूजा खेडकर की कुल संपत्ति की जो ‌डिटेल्स सामने आई है, उससे हर कोई हैरान है. पूजा के पास 22 करोड़ की संपत्ति है, उनकी सालाना आय 42 लाख है. 2023 बैच की अधिकारी ने 28 जनवरी, 2023 को सेवा में शामिल होने से पहले सरकार को सौंपे गए वित्तीय खुलासे में 42 लाख की वार्षिक आय की भी सूचना दी है.

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पुणे और अहमदनगर में जमीन, फ्लैट, प्लॉट ही प्लॉट
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DOPT) पोर्टल पर पूजा के बारे में लिखा है कि 2023 में पूजा खेडकर के पास सात अचल संपत्तियाँ हैं, जिनमें तीन प्लॉट, तीन ज़मीन के टुकड़े और एक फ़्लैट शामिल हैं, जो ज़्यादातर पुणे और अहमदनगर ज़िलों में हैं.

लग्जरी कारें, सोना, हीरा
इसके अलावा पूजा के पिता और सेवानिवृत्त आधिकारी दिलीप खेडकर के पास तो और भी संपत्ति है.  लोकसभा चुनावों के दौरान भारत के चुनाव आयोग के साथ जमा किए गए एक अन्य हलफ़नामे के अनुसार उनके पास लग्जरी कारें, सोना और हीरे हैं और दो निजी कंपनियों में उनकी साझेदारी है.

ओबीसी कोटे से मिली नौकरी पर सवाल?
32 साल की पूजा खेडकर ने ओबीसी और बेंचमार्क विकलांग (पीडब्ल्यूबीडी) कोटे के माध्यम से भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में नौकरी हासिल की. ​​उसने जिस ओबीसी श्रेणी को चुना है, उसकी सीमा 8 लाख रुपये प्रति वर्ष है. इस सीमा से ऊपर कोई भी व्यक्ति नौकरी के लिए कोटा लाभ नहीं उठा सकता. फिर अब सवाल यह उठ रहा है कि पूजा को कैसे नौकरी इस कोटे में मिल गई.

6 बार बोला झूठ
वाशिम में अपनी ड्यूटी पर आने के बाद पूजा ने कहा, "मैं सवालों पर टिप्पणी नहीं कर सकती, क्योंकि नियम मुझे बोलने की अनुमति नहीं देते." पूजा खेडकर से पीडब्ल्यूबीडी कोटा का लाभ उठाने के लिए पूछताछ की जा रही है, क्योंकि उसने अपनी विकलांगता का पता लगाने और अपने द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रमाण पत्र को सत्यापित करने के लिए नई दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में चिकित्सा जांच के लिए उपस्थित होने से पहले छह बार बहाना बनाया था, कभी उन्होंने कोविड तो कभी  एमआरआई करवाने में परेशान होने का बहाना दिया. 

पिता भी करोड़पति
पूजा के पिता दिलीप जो महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) से सेवानिवृत्त वरिष्ठ क्षेत्रीय अधिकारी हैं. उन्होंने हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों के लिए अपने हलफनामे में 43 लाख की वार्षिक आय और 40 करोड़ की अनुमानित संपत्ति घोषित की है.

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जांच की मांग
आम आदमी पार्टी (आप) के राज्य उपाध्यक्ष विजय कुंभार ने ओबीसी कोटा दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए पूजा द्वारा नौकरी हासिल करने की जांच की मांग करते हुए कहा, “पूजा के माता-पिता के पास गैर-क्रीमी लेयर प्रमाणपत्र है, उनके पास 110 एकड़ कृषि भूमि सहित संपत्ति है, जो कृषि भूमि सीलिंग अधिनियम का उल्लंघन है. पूजा खुद करोड़पति हैं. 

आईएएस पूजा खेडकर का पूरा मामला क्या है?
पूजा खेडकर ने साल 2019 में जनरल कैटेगरी के तहत यूपीएससी सिविल सेवा एग्जाम दिया था, जिसमें कम मार्क्स आने पर उनका चयन आईएएस पद के लिए नहीं हो पाया था. उन्होंने दोबारा दिव्यांग कैटेगरी के तहत यूपीएससी की परीक्षा दी, जिसमें उन्हें कामयाबी मिल गई, लेकिन उन्हें फरवरी 2022 को नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दी गई थी. इस रोक के बाद उन्होंने कोर्ट में मामला दर्ज करते हुए खुदको दृष्टिबाधित और मानसिक रूप से बीमार होने का दावा पेश किया था. इसके बाद कोर्ट ने सितंबर 2022 के बीच उन्हें मेडिकल जांच के लिए चार मरतबा आदेश दिया था. साल 2023 में आखिरकार कोर्ट में विकलांग अधिकार अधिनियम 2016 के तहत, अपनी विकलांगता साबित कर नियुक्ति पत्र पाने में वह सफल रहीं. पूजा ने यूपीएससी एग्जाम ऑल इंडिया रैंक में 841वां स्थान प्राप्त किया था.

पूजा का तबादला
पूजा खेडकर का तबादला प्रोबेशन के बीच ही उनका तबादला पुणे से वाशिम कलेक्ट्रेट कर दिया गया है. पूजा खेडकर की लाल-नीली बत्ती वाली ऑडी कार की तस्वीर इंटरनेट पर वायरल होने के बाद उनकी लैविश लाइफस्टाइल से लेकर कथित तौर पर फेक विकलांगता प्रमाण पत्र और फेक ओबीसी-एनसीएल सर्टिफिकेट तक की चर्चा हो रही है.

विकलांग बोलकर ली नौकरी?
पूजा खेडकर ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को सौंपे गए हलफनामे में दृष्टिबाधित और मानसिक रूप से बीमार होने का दावा किया था. पूजा को दिव्यांगता की पुष्टि के लिए मेडिकल टेस्ट से गुजरना पड़ा. लेकिन पूजा ने 6 अलग-अलग मौकों पर इन मेडिकल जांच प्रक्रिया में शामिल होने से इनकार कर दिया था. 

पिता अधिकारी
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में उन्होंने अखिल भारतीय रैंक 841 हासिल की थी. खेडकर की मां अहमदनगर जिले के भालगांव की निर्वाचित सरपंच हैं. उनके पिता और दादा सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी रह चुके हैं. उन्हें पुणे में सहायक कलेक्टर के तौर पर पहली नियुक्ति मिली थी. आरोप है कि उनके पिता भी जिलाधिकारी पर उनकी बेटी को सुविधाएं देने के लिए दबाव बनाते थे.

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