Pooja Khedkar IAS: महाराष्ट्र कैडर की 2022 बैच की आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पिछली दो दिनों से चर्चा में हैं. पूजा खेडकर ने पहली बार मीडिया के सामने अपना पहला बयान दिया है. पुणे कलेक्टरेट में सुर्खियों में रही प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर का तबादला वाशिम कर दिया गया था. पूजा खेडकर ने गुरुवार को वाशिम में अपना पदभार संभाला. इस मौके पर उन्होंने पहली बार मीडिया से बातचीत में लग रहे आरोपों पर बातचीत की. यह भी पढ़ें:- कौन हैं पूजा खेडकर? 6 बार झूठ बोलकर बनीं IAS! ऑडी पर लाल बत्ती, गाड़ी के VIP नंबर से हुआ खुलासा और फिर...
- आईएएस पूजा खेडकर का पहला बयान: मीडिया कर्मियों ने जब पूजा खेडकर से उनके खिलाफ चल रही चर्चाओं और आरोपों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "मुझे अभी कुछ भी कहने की इजाजत नहीं है. मैं वाशिम से जुड़कर खुश हूं और मुझे अब से वाशिम के साथ काम करना अच्छा लगेगा. सरकार ने मुझे कुछ भी कहने की इजाजत नहीं दी है."
सर्टिफिकेट विवाद पर क्या कहा: पूजा खेडकर से उनके इनकम और बको लेकर चल रहे विवाद के बारे में भी पूछा गया. इस पर पूजा खेडकर ने कहा, "मैं आपको कुछ नहीं बता सकती, सरकार ने मुझे इस मामले में कुछ भी कहने की इजाजत नहीं दी है." इसके बाद वह वहां से चली गईं.
- कौन हैं पूजा खेडकर: आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर इन दिनों सुर्खियों में छाई हुई हैं. उनके आईएएस चयन को लेकर ही सवाल उठने शुरू हो गए हैं. दरअसल सिविल सेवा परीक्षा के दौरान पूजा खेडकर ने दावा किया था कि वह मानसिक रूप से दिव्यांग हैं और उन्हें देखने में भी समस्या है, लेकिन हैरानी है कि बिना जांच के ही उनका प्रशासनिक सेवा में चयन हो गया, जिस पर अब विवाद हो रहा है. 8 जुलाई को पूजा खेडकर का पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया था. ट्रांसफर ऑर्डर के मुताबिक, उन्हें तुरंत ज्वाइन करने का आदेश दिया गया था. 9 तारीख को वाशिम कलेक्टोरेट में इस संबंध में एक पत्र प्राप्त हुआ. पूजा खेडकर ने वाशिम जिला अधिकारी भुवनेश्वरी एस से मुलाकात की और आधिकारिक तौर पर प्रशिक्षु का पद ग्रहण किया. गुरुवार को पूजा खेडकर लोक निर्माण विभाग में प्रशिक्षु अभ्यर्थी के रूप में कार्यभार संभाली.
- ऑडी में लाल-नीली बत्ती: पूजा खेडकर महाराष्ट्र कैडर की 2022 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, उन्हें पुणे में प्रोबेशनरी अधिकारी के रूप में तैनात किया गया था. इस दौरान, पूजा खेडकर ने अपनी निजी लाल-नीली बत्ती लगी ऑडी कार और महाराष्ट्र सरकार की नेमप्लेट का उपयोग किया, जिससे वह चर्चा में रहीं. पूजा पुणे कलेक्टरेट में एक वरिष्ठ अधिकारी के सामने वाले कक्ष पर कब्जा करने को लेकर भी सुर्खियों में रहीं. इस ऑफिस का फर्नीचर भी उन्होंने बदल दिया था. इन सब कारणों से, वह सरकारी अधिकारियों के बीच चर्चा का विषय बन गईं और अंततः पुणे जिला कलेक्टर ने उनके तबादले की सिफारिश की थी.
- ओबीसी वर्ग के दावे पर भी उठे सवाल: आरटीआई कार्यकर्ता विजय कुंभार का दावा है कि पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर भी एक पूर्व प्रशासनिक अधिकारी रहे हैं और हाल ही में उन्होंने लोकसभा चुनाव भी लड़ा था, अपने नामांकन के दौरान दिए हलफनामे में दिलीप खेडकर ने अपनी संपत्ति 40 करोड़ रुपये बताई थी. वहीं पूजा खेडकर ने खुद को ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर स्टेटस के लिए पात्र बताया था. यही वजह है कि आईएएस पूजा खेडकर के पिता की संपत्ति को देखते हुए उनके ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर स्टेटस को लेकर भी विवाद हो गया है.