कोरोना: जीनोम सिक्वेंसिंग की जरूरत नहीं! खुद करें ओमिक्रॉन की पहचान, ICMR ने दी मंजूरी
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कोरोना: जीनोम सिक्वेंसिंग की जरूरत नहीं! खुद करें ओमिक्रॉन की पहचान, ICMR ने दी मंजूरी

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने चेन्नई की नई RT-PCR किट को मंजूरी दी है. ये किट 45 मिनट में कोरोना के डेल्टा और ओमिक्रॉन सहित हर वैरिएंट का पता लगा लेती है. इस लेटेस्ट और एडवांस किट को कृविडा नोवस आरटी-पीसीआर किट (KRIVIDA Novus RT-PCR kit) नाम दिया गया है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: पूरे देश के हर शहर में भले ही कोरोना की जांच के उम्दा इंतजाम हों लेकिन ओमिक्रॉन जैसे किसी वैरिएंट का पता लगाने के लिए अभी भी देश में सिर्फ चंद ऐसी लैब ही हैं जहां पर जीनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट के जरिए कोरोना के हर चेहरे की पहचान होती है. हालांकि इस काम में सैंपल लेने से लेकर रिपोर्ट आने तक करीब 7 दिन का वक्त लग जाता है. वहीं इस खास टेस्टिंग में को कराने में करीब 5 हजार का खर्च आता है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. क्योंकि अब नई RT-PCR किट से ओमिक्रॉन वैरिएंट का पता भी आसानी से चल जाएगा.

ICMR ने दी मंजूरी

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने चेन्नई की नई RT-PCR किट को मंजूरी दी है. ये किट मात्र 45 मिनट में कोरोना के डेल्टा और ओमिक्रॉन सहित सभी वैरिएंट का लगा लेती है. इस लेटेस्ट और एडवांस किट को कृविडा नोवस आरटी-पीसीआर किट (KRIVIDA Novus RT-PCR kit) नाम दिया गया है.

ImmuGenix Bioscience के संस्थापक, निदेशक और इस किट को बनाने वाले डॉ. एन के वेंकटेशन के मुताबिक, कृविडा नोवस किट S-Gene टारगेट फेल्योर स्ट्रैटजी के जरिए ओमिक्रॉन वैरिएंट का पता लगाती है. इस किट से ओमिक्रॉन (B.1.1.529) के सभी सब-वैरिएंट BA.1, BA.2 और BA.3 का भी पता लगा सकता है.

'S-Gene टारगेट फेल्योर स्ट्रैटजी'

दरअसल वायरस में मौजूद S-Gene के जरिए ही ओमिक्रॉन की पहचान की जा रही है. कई वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि ओमिक्रॉन में S-Gene नहीं है. अगर किसी व्यक्ति के सैंपल में S-Gene मिसिंग है, तो वो ओमिक्रॉन संक्रमित है. सैंपल में S-Gene मौजूद है. रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव है. इसका मतलब है कि कोरोना के किसी दूसरे वैरिएंट का संक्रमण है.

कृविडा नोवस आरटी-पीसीआर इसी S-Gene और 5 अलग जीन का पता लगाता है. इस किट को ImmuGenix Bioscience के सहयोग से बनाया गया है. डॉक्टरों के मुताबिक नई RT-PCR किट SARS-COV-2 के 4 जीन और एक ह्यूमन जीन को डिटेक्ट करती है. जबकि पुरानी सभी RT-PCR किट SARS-COV-2 के ज्यादा से ज्यादा तीन जीन का पता लगाती थीं.

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टेस्ट करने का तरीका पुराना या बदल गया?

डॉक्टर वेंकटेशन के अनुसार, इस किट से वैसे ही टेस्ट किया जा सकता है, जैसे अब तक पुराने किट से किया जाता है. सैंपल के लिए आप नाक या गले से स्वैब लेकर किट की मदद से टेस्ट कर सकते हैं. वहीं मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि अब तक बाजार में बिकने वाली सभी RT-PCR किट की तुलना में ये नई किट किफायती होगी.

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