विजिबिलिटी पर प्रदूषण का भयानक असर, बिछी धुंध की चादर; सड़क पर चलना हुआ मुश्किल
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विजिबिलिटी पर प्रदूषण का भयानक असर, बिछी धुंध की चादर; सड़क पर चलना हुआ मुश्किल

Delhi Pollution News: खेतों में धुंध की चादर बिछी है. दूर तक देखने में लोगों को समस्या हो रही है. ठंड बढ़ने के साथ लोगों की परेशानी बढ़ गई है.

फाइल फोटो | फोटो साभार- ANI

नई दिल्ली: उत्तर भारत (North India) के कई राज्यों में जैसे-जैसे ठंड (Winter) बढ़ रही है वैसे-वैसे प्रदूषण (Pollution) और विजिबिलिटी (Visibility) आम लोगों की परेशानी लगातार बढ़ा रही है. मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, आज (गुरुवार को) सुबह दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के कई इलाकों में विजिबिलिटी 600 से 1000 मीटर दर्ज की गई. जिसकी वजह से दिल्ली-एनसीआर के लोगों को एक से दूसरे शहर आने-जाने में काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को अपनी हेडलाइट जलाकर आगे बढ़ना पड़ रहा है. वहीं खेतों में भी धुंध की चादर बिछ जाने से ग्रामीणों को भी तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है.

  1. दिल्ली में आज सुबह PM 2.5 लेवल 346 रहा
  2. नोएडा में PM 2.5 लेवल 335 दर्ज किया गया
  3. नौकरशाही को लकवा मार चुका है- सुप्रीम कोर्ट

लगातार खतरनाक श्रेणी में बना हुआ है प्रदूषण का स्तर

वहीं अगर न्यूनतम तापमान (Minimum Temperature) की बात करें तो दो दिनों बाद आज सुबह न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इससे पहले मंगलवार को न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था जो साल 2013 के बाद नवंबर महीने में सबसे कम था. हालांकि ठंड से तो अभी दिल्ली-एनसीआर के लोगों की इतनी मुश्किलें नहीं बढ़ी हैं लेकिन प्रदूषण अब भी खतरनाक श्रेणी में बना हुआ है और विजिबिलिटी अब आम लोगों की परेशानी को लगातार बढ़ा रही है.

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सीपीसीबी ने जारी किया डेटा

सीपीसीबी (CPCB) के डेटा के मुताबिक, दिल्ली में आज सुबह PM 2.5 लेवल 346 था. वहीं नोएडा में PM 2.5 लेवल 335, गाजियाबाद में PM 2.5 लेवल 362 और गुरुग्राम में PM 2.5 लेवल 329 रिकॉर्ड हुआ. पिछले कई दिनों से दिल्ली-एनसीआर में PM 2.5 लेवल खतरनाक स्तर पर बना हुआ है.

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र और राज्य सरकारों को राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के खतरे से निपटने के लिए एक स्पष्ट रास्ता पेश करने में असमर्थता के लिए फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नौकरशाही आलस्य का शिकार हो चुकी है और वे कुछ भी नहीं करना चाहते हैं. नौकरशाही के रवैये की आलोचना करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नौकरशाही को लकवा मार चुका है. हमें ये सारी बातें कहनी हैं- स्प्रिंकलर का इस्तेमाल कैसे करना है, वाहनों को कैसे रोकना है. वे कोई फैसला नहीं लेना चाहते हैं. किसी को जिम्मेदारी लेनी होगी और न्यायिक आदेश से सब कुछ नहीं किया जा सकता है. प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली में पटाखे जलाए गए.

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