नकल बिजनेस का भंडाफोड़, रसिया के हैकर्स ऐसे कराते थे एग्जाम में चीटिंग
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नकल बिजनेस का भंडाफोड़, रसिया के हैकर्स ऐसे कराते थे एग्जाम में चीटिंग

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने देश के अलग-अलग राज्यों में छापेमारी के दौरान 6 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो JEE और GMAT जैसे Competitive Exams को ऑनलाइन हैक करके छात्रों को ना सिर्फ पास कराते थे बल्कि उन्हें 1 से 100 के बीच रैंक भी दिलाते थे.

नकल बिजनेस का भंडाफोड़, रसिया के हैकर्स ऐसे कराते थे एग्जाम में चीटिंग

नई दिल्ली: भारत में JEE, GMAT, SSC और सेना की ऑनलाइन परीक्षाओं में रूस के हैकर्स (Russian Hackers) के जरिए नकल कराने की नई साजिश के बारे में जानते हैं. इस बार नकल कराने वाले एक गिरोह ने Russian हैकर्स से संपर्क किया और उन्होंने ऑनलाइन परीक्षा देने वाले छात्रों के लैपटॉप का Remote Access ले लिया और वहीं से सारे सवालों के सही-सही जवाब फीड कर दिए. पिछले 3 वर्षों में ऐसे बहुत सारे मामले हुए हैं, जब बहुत सारे भ्रष्ट छात्रों ने लाखों रुपये देकर इसी तरह से ये बड़ी-बड़ी परीक्षाएं पास की हैं. जबकि वो इसके असली हकदार नहीं थे. ये भारत के उन तमाम मेहनती और ईमानदारी छात्रों और उनके परिवारों के साथ एक धोखा है, जो पास होने के लिए बेईमानी का रास्ता नहीं अपनाते.

  1. ऑनलाइन एग्जाम में फ्रॉड का भंडाफोड़
  2. JEE, GMAT के पेपर पास करवाते थे हैकर्स
  3. सिस्टम को रिमोट पर लेकर करते थे काम

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने देश के अलग-अलग राज्यों में छापेमारी के दौरान 6 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो JEE और GMAT जैसे Competitive Exams को ऑनलाइन हैक करके छात्रों को ना सिर्फ पास कराते थे बल्कि उन्हें 1 से 100 के बीच रैंक भी दिलाते थे.

क्या है JEE और GMAT?

JEE की परीक्षा इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए होती है और GMAT यानी Graduate Management Admission Test है, जिसे पास करके छात्र भारत और दूसरे देशों के प्रतिष्ठित Business Schools में Admission ले सकते हैं. पुलिस के मुताबिक जिन 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, ये सभी लोग Russian Hackers की मदद से इन परीक्षाओं में चीटिंग कराते थे और ये पूरा खेल इतना खतरनाक है कि आपके होश उड़ जाएंगे.

सिस्टम को रिमोट पर लेकर कराते थे चीटिंग

Russian Hackers ने इस गैंग के लिए एक ऐसा Sofware बनाया था, जिसकी मदद से किसी भी लैपटॉप का Remote Access लिया जा सकता है. Remote Access को आप इस तरह से समझिए कि आप किसी लैपटॉप पर या Computer पर Exam Site खोल कर बैठे हैं और उसी दौरान दूर बैठा कोई व्यक्ति आपके लैपटॉप का कंट्रोल लेकर उसे चलाने लगता है. वैसे आमतौर पर जब ऐसा होता है तो परीक्षा कराने वाले विभाग और संस्था को इसके बारे में पता चल जाता है. लेकिन इस मामले में परीक्षा कराने वाले विभाग और संस्था को इसका पता ही नहीं चलता था.

चालाक सॉफ्टवेयर के जरिए होता था एग्जाम

वो इसलिए क्योंकि Russian Hackers ने एक ऐसा Software विकसित किया था, जो किसी भी लैपटॉप के Remote Access के दौरान इसकी जानकारी को गुप्त रखता था. इस Software के जरिए जिस छात्र का Exam है, वो सिर्फ अपना लैपटॉप और कम्प्यूटर खोल कर बैठा रहता था और दूर बैठा एक व्यक्ति उसके Laptop का कंट्रोल लेकर Online सारे सवालों के जवाब लिख देता था और इसके बदले में ऐसे भ्रष्ट छात्रों से 3-3 लाख रुपये तक लिए जाते थे.

इतने लोगों को पास कराई परीक्षा

आपको बता दें कि ये गैंग Russian हैकर्स की मदद से पिछले तीन साल में 18 छात्रों को GMAT और 500 छात्रों को भारतीय सेना, नौसेना और SSC के Online Exams में पास करा चुका था. ये कितना खतरनाक है कि सेना और सिस्टम में ऐसे लोग घुस पा रहे हैं, जो सही मायनों में योग्य ही नहीं हैं. 

खुद कितना पढ़ा है मास्टरमाइंड?

इस मामले में जो बात सबसे ज्यादा हैरान करती है, वो ये कि इस पूरे गैंग का मास्टरमाइंड राज तेवतिया नाम का एक व्यक्ति है, जिसने Graduation की पढ़ाई भी पूरी नहीं की है. 33 साल के इस व्यक्ति ने आगरा, मुम्बई और दिल्ली समेत कई बड़े शहरों में Computer Lab खोली हुई थीं, जहां वो ऐसे लोगों को लेकर आता था, जो छात्रों की जगह वहां से बैठ कर उनके लिए परीक्षा देते थे. इन्हें Solvers भी कहा जाता है. इसके अलावा इस आरोपी पर हरियाणा में कई मामले दर्ज हैं. इस पर एक लाख का इनाम भी हरियाणा पुलिस ने घोषित किया हुआ है. 

लॉकडाउन में बढ़ा शख्स का धंधा

अभी पुलिस को इस गैंग के पास से 15 Laptop और 9 मोबाइल फोन बरामद हुए हैं और ये भी पता चला है कि ये आरोपी, कई वर्षों से Russian हैकर्स के संपर्क में था और इन हैकर्स से ये मुलाकात उसकी Russian Girlfriend ने कराई थी, जिससे वो 2017 में गोवा में मिला था. इसके बाद ये व्यक्ति 2018 में एक बार Russia भी गया और वर्ष 2020 में जब भारत में लॉकडाउन लगा हुआ था, उस समय Russia के दो हैकर्स इसके पास भारत में रुके हुए थे.

इस तरह करते थे छात्रों से संपर्क

अब आपको बताते हैं कि परीक्षा देने वाले छात्र इस गैंग के संपर्क में कैसे आते थे. दरअसल इसके दो तरीके थे, जिनमें पहला तरीका, काफी चौंकाने वाला है. इन लोगों के साथ कई शहरों के कोचिंग सेंटर्स मिले हुए थे, जहां बच्चे Competitive Exams की तैयारी करने के लिए लाखों रुपये की फीस भरते हैं. ये कोचिंग सेंटर्स ऐसे बच्चों की जानकारी जुटाते थे, जो पास होने के लिए लाखों रुपये खर्च कर सकते हैं. दूसरा तरीका, ये लोग Dark Web Internet के जरिए छात्रों से सम्पर्क करते थे. Dark Web में ऐसी Websites होती हैं, जो हर कोई नहीं देख सकता. क्योंकि इनकी IP address Details को जानबूझकर छिपा कर रखा जाता है.

ये खबर देशभर के उन छात्रों के साथ एक भद्दा मजाक है, जो परीक्षाओं में पास होने के लिए काफी परिश्रम करते हैं. जो पास होने के लिए बेईमानी का रास्ता नहीं अपनाते.

चीटिंग के भरोसे स्टूडेंट्स!

गौरतलब है कि पिछले साल भारत में एक सर्वे हुआ था, जिसमें 66 प्रतिशत छात्रों ने माना था कि वो परीक्षा में पास होने के लिए नकल करते हैं. जबकि बहुत सारे छात्रों ने ये कहा था कि वो नकल करने के लिए या प्रश्न पत्र लीक करवाने के लिए पैसा भी दे सकता हैं. वर्ष 2018 में जब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने यूपी की 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में सख्ती कर दी थी तो 10 लाख छात्रों ने परीक्षा ही नहीं दी थी.

पहले चलता था फर्रे का जमाना

एक जमाना था जब परीक्षाओं में छात्र फर्रे चला कर पास होने की कोशिश करते थे. जब Competitive Exams में सख्ती बढ़ गई और फर्रे चलाना मुश्किल हो गया तो परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्र लीक होने लगे. एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में वर्ष 2007 से 2012 के बीच 5 वर्षों में 70 से ज्यादा परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक हुए, जिसके बाद कई Exams को रद्द भी करना पड़ा.

प्रश्न पत्र को लीक होने से रोकने के लिए जब सरकारी विभागों में निगरानी और सख्ती बढ़ी तो छात्रों ने तकनीक का सहारा लिया और Bluetooth चप्पलें आ गईं और अब इनकी जगह भी हैकर्स ने ले ली है, जिन्होंने Online Competitive Exams के पूरे तंत्र का मजाक बना कर रख दिया है. Dark Web के जरिए पुलिस ने इस गैंग से सम्पर्क किया. GMAT की परीक्षा दी थी. 800 में 780 अंक आए. 97 Percentile आ गए.

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