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नई दिल्ली: भारतीय सेना (Indian Army) और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने LAC पर किसी भी तरह की झड़प से बचने के लिए रविवार को उत्तरी सिक्किम क्षेत्र में एक हॉटलाइन स्थापित करेन की घोषणा की है. भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि सीमाओं पर विश्वास और सौहार्दपूर्ण संबंधों की भावना को आगे बढ़ाने के लिए उत्तरी सिक्किम के कोंगरा ला में भारतीय सेना और तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र के खंबा जोंग में चीनी सेना पीएलए के बीच में यह हॉटलाइन स्थापित की गई है.
A hotline was established between the Indian Army in Kongra La, North Sikkim & People's liberation Army (PLA) at Khamba Dzong in Tibetan Autonomous Region to further the spirit of trust and cordial relations along the borders: Indian Army
— ANI (@ANI) August 1, 2021
यह आयोजन 1 अगस्त, 2021 को पीएलए दिवस के साथ हुआ. आज ही के दिन 1927 में PLA की स्थापना हुई थी. यह दोनों देशों के बीच छठी हॉटलाइन है. भारतीय सेना ने कहा कि दोनों देशों के सशस्त्र बलों के पास जमीनी कमांडर स्तर पर संचार के लिए अच्छी तरह से स्थापित तंत्र हैं. विभिन्न क्षेत्रों में ये हॉटलाइन इसे बढ़ाने और सीमाओं पर शांति बनाए रखने में एक लंबा सफर तय करती हैं. उद्घाटन में संबंधित सेनाओं के ग्राउंड कमांडरों ने भाग लिया और हॉटलाइन के माध्यम से मित्रता और सद्भाव के संदेश का आदान-प्रदान किया गया.
इस साल की शुरूआत में 20 जनवरी को, भारतीय और चीनी सैनिक उत्तरी सिक्किम के नकु ला के ऊंचाई वाले इलाके में भिड़ गए थे, जिसमें भारतीय सैनिकों द्वारा चीनी सैनिकों के भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने के प्रयास को विफल कर दिया था. PLA, LAC पर मुखरता दिखा रहा है तो भारतीय सेना आक्रामक कार्रवाई का लगातार जवाब दे रही है. पिछले साल 9 मई को नाकू ला में भी दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों के कई सैनिक घायल हो गए थे. हालांकि बीते दिनों हुए प्रयासों से तनाव कुछ कम है.
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15 जून, 2020 की रात गलवान में हुए संघर्ष ने 20 भारतीय सैनिकों और चार चीनी सैनिकों की जान ले ली. भारत के लिए ट्राई-जंक्शन सहित सिक्किम बॉर्डर बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील है. ऐसा इसलिए है क्योंकि अगर यहां एक चीनी फौज सफल होती है, तो वे सिलीगुड़ी कॉरिडोर तक पहुंच सकते हैं. सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर चीनी नियंत्रण पूरे पूर्वोत्तर को काट सकता है. इसे रोकने के लिए, भारत सिक्किम को दो पर्वतीय डिवीजनों के साथ भारी सुरक्षा देता है.
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