माकपा में शुरू हुई सीताराम येचुरी बनाम प्रकाश करात की जंग
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माकपा में शुरू हुई सीताराम येचुरी बनाम प्रकाश करात की जंग

माकपा ने राज्यसभा सांसद रीताब्रता बनर्जी को निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही ये तय हो गया है कि अगले साल होने वाले पार्टी कन्क्लेव से पहले सीताराम येचुरी और प्रकाश करात कैंप के बीच टकराव और तेज होगा.

अगले साल होना है माकपा का राष्‍ट्रीय कॉन्‍क्‍लेव. (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली : अपने लगातार सिकुड़ते जनाधार के कारण संकट झेल रही माकपा में जल्‍द एक और बड़ी तकरार देखने को मिल सकती है. ये तकरार पार्टी के दो बड़े नेताओं सीताराम येचुरी और प्रकाश करात के बीच है. इस तकरार के पीछे एक राज्‍यसभा सांसद का निलंबन है. दरअसल माकपा ने राज्यसभा सांसद रीताब्रता बनर्जी को पार्टी से निलंबित कर दिया है. एसएफआई के इस पूर्व महासचिव के निलंबन के साथ ही ये तय हो गया है कि अगले साल होने वाले पार्टी के राष्ट्रीय कन्क्लेव से पहले सीपीएम में सीताराम येचुरी और प्रकाश करात कैंप के बीच टकराव और तेज होगा. येचुरी कैंप के माने जाने वाले रीताब्रता बनर्जी ने कहा कि उनकी लड़ाई प्रकाश करात और वृंदा करात के खिलाफ है, पार्टी के खिलाफ नहीं.

  1. पार्टी के राज्‍यसभा सांसद रीताब्रत बनर्जी के निलंबन से बढ़ी रार
  2. सीताराम येचुरी गुट के माने जाते हैं निलंब‍ित सांसद बनर्जी
  3. प्रकाश करात के खिलाफ बयान दिया था एक टीवी इंटरव्‍यू में

इंडियन एक्‍सप्रेस के मुताबिक उन्‍होंने कहा कि‍ , ‘ कभी-कभी ऐसे मुश्किल हालात बन जाते हैं जब पार्टी कमेटी अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर पार्टी के खिलाफ गतिविधियों के लिए पार्टी के सदस्यों को निलंबित करती है.’ रीताब्रता बनर्जी का निलंबन उनके एक इंटरव्यू के बाद आया है. इस टीवी इंटरव्यू में वह पार्टी के आलाकमान पर जमकर बरसे थे. रीताब्रता बनर्जी ने अपने खिलाफ जांच के लिए मोहम्मद सलीम के नेतृत्व में बनाये गये 3 सदस्यीय कमेटी पर जमकर हमला बोला. उन्‍होंने इसे ‘कंगारु कमीशन; बताया.  

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दिल्ली में पार्टी के एक नेता ने बताया कि रीताब्रता बनर्जी के निलंबन का पिछले विवादों से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन उनके टीवी इंटरव्यू ने उनकी किस्मत तय कर दी. इस वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्होंने पार्टी लीडरशिप के खिलाफ इतना कुछ कहा इसके बाद पार्टी नेतृत्व के पास कोई विकल्प नहीं बच जाता था. रीताब्रता बनर्जी राज्य कमेटी के सदस्य थे. पार्टी के सूत्रों ने बताया कि इस फैसले को केन्द्रीय कमेटी से भी मंजूरी लेनी पड़ेगी.  रीताब्रता येचुरी के नजदीकी माने जाते हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई को सीताराम येचुरी और प्रकाश करात के बीच बढ़ते जंग के रूप में देखा जा रहा है.

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रीताब्रता ने कहा कि, ‘ये 21 सालों का साथ था, मैं तड़प रहा हूं, मुझे बेहद दुख है क्योंकि ये जड़ों का सवाल है. मैंने पार्टी के सिवा कुछ भी नहीं जाना है, मेरी लड़ाई कुछ लोगों के खिलाफ है. दिल्ली में प्रकाश करात और वृंदा करात के खिलाफ तो पश्चिम बंगाल में उनके एजेंट मोहम्मद सलीम के खिलाफ. उन्होंने कहा कि मैं एक निर्दलीय एमपी के रूप में पश्चिम बंगाल के मुद्दों को उठाना रहेगा.

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