उत्तर प्रदेश में दोबारा से योगी आदित्यनाथ की सरकार का आगाज हो चुका है. उन्होंने लखनऊ के इकाना स्टेडियम में अपने 52 मंत्रियों के साथ शपथ ली.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दोबारा से योगी आदित्यनाथ की सरकार का आगाज हो चुका है. उन्होंने लखनऊ के इकाना स्टेडियम में अपने 52 मंत्रियों के साथ शपथ ली. योगी कैबिनेट 2.0 में तमाम नए चेहरे भी शामिल किए गए हैं और कई पुराने लोगों पर फिर से भरोसा जताया गया है.
कैबिनेट में मंत्री बनाते समय पार्टी के सामने कई बड़ी चुनौतियां थीं. ऐसे में क्षेत्र, जाति और रुतबे सब का ख्याल रखा जाता है. ऐसे में भाजपा ने योगी कैबिनेट 2.0 के लिए 52 मंत्रियों में से पिछड़ी जाति के 20 मंत्री, 8 दलित, 7 ब्राह्मण, 6 ठाकुर, 4 बनिया, 2 भूमियार, 1 कायस्थ, 1 सिख, 1 मुस्लिम, 1 खतरी पंजाबी, 1 आदिवासी चेहरे को शामिल किया गया है.
इसके अलावा क्षेत्र के हिसाब से देखें तो पश्चिमी यूपी से 16 मंत्री, पूर्वांचल से 15, अवध से 6, रुहेलखंड से 5, मध्य यूपी से 6, बुंदेलखंड से 4 मंत्रियों पर पार्टी ने भरोसा जताया है.
योगी कैबिनेट में इस बार मोहसिन रजा की छुट्टी की गई है, उनकी जगह दानिश आजाद योगी मंत्रिमंडल का मुस्लिम चेहरा बनाए गए हैं.
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योगी आदित्यनाथ- सीएम पद, लगातार दूसरी बार
केशव मौर्य- डिप्टी सीएम, दूसरी बार, सिराथू से चुनाव हार गए थे
बृजेश पाठक- डिप्टी सीएम, पिछली सरकार में कानून मंत्री थे
सुरेश कुमार खन्ना- कैबिनेट मंत्री- 9वीं बार विधायक बने हैं, पिछली कैबिनेट में वित्त मंत्री थे.
सूर्य प्रताप शाही- पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पिछली सरकार में कृषि मंत्री थे.
स्वतंत्र देव सिंह- प्रदेश अध्यक्ष, पिछली सरकार में भी मंत्री रहे थे.
बेबी रानी मौर्य- उत्तराखंड में राज्यपाल रह चुकी हैं.
लक्ष्मी नारायण चौधरी- मथुरा जिले की छाता सीट से विधायक, जाट नेता, पहले बसपा में थे.
जयवीर सिंह- मैनपुरी से जीतकर आए हैं. मैनपुरी सपा का गढ़ है.
धर्मपाल सिंह- रुहेलखंड के आंवाला से विधायक हैं. पिछली सरकार में सिंचाई मंत्री थे.
नंद गोपाल नंदी- प्रयागराज से विधायक हैं. पिछली सरकार में भी मंत्री थे. सबसे अमीर मंत्रियों में भी इनका नाम शुमार है.
भूपेद्र चौधरी- बिजनौर से आते हैं, ये MLC हैं. पिछली सरकार में पंचायती राज मंत्री थे.
अनिल राजभर- शिवपुर से विधायक हैं. पिछली सरकार में भी मंत्री थे. पहले सपा सरकार में थे.
जितिन प्रसाद- ब्राह्मण चेहरा, MLC हैं. एक साल पहले कांग्रेस से भाजपा में आए थे.
राकेश सचान- कानपुर देहात जिले की भोगनीपुर सीट से विधायक हैं. पहली बार मंत्री बन रहे हैं.
अरविंद कुमार शर्मा- मोदी के खास ब्यूरोक्रेट्स में शुमार, आईएएस की नौकरी छोड़कर दो साल पहले राजनीति में आए थे.
योगेंद्र उपाध्याय- आगरा दक्षिणी से विधायक हैं. लगातार तीसरी बार चुनाव जीता है.
आशीष पटेल- केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति हैं. अपना दल के प्रदेश अध्यक्ष और एमएलसी भी हैं.
संजय निषाद- निषाद पार्टी के अध्यक्ष हैं, एमएलसी हैं और निषाद जातियों पर अच्छी पकड़ रखते हैं.
असीम अरुण- पूर्व आइपीएस, कन्नौज से विधायक चुने गए हैं.
धर्मवीर प्रजापति- एमएलसी हैं. पिछली सरकार में भी मंत्री थे.
नितिन अग्रवाल- एक साल पहले सपा से भाजपा में आए थे.
कपिलदेव अग्रवाल- मुजफ्फरनगर से भाजपा विधायक हैं.
संदीप सिंह लोधी- पिछली सरकार में भी मंत्री थे.
रवीद्र जायसवाल- वाराणसी से विधायक हैं, पिछली सरकार में भी मंत्री थे.
गुलाब देवी- भाजपा की वरिष्ठ नेता, चंदौसी से विधायक हैं.
गिरीश चंद्र यादव - जौनपुर से विधायक हैं.
जयंत राठौर- नया चेहरा.
दयाशंकर सिंह- बलिया से विधायक, पूर्व मंत्री स्वाति सिंह के पति हैं.
दिनेश प्रताप सिंह- रायबरेली से विधायक हैं.
नरेश कश्यप- भाजपा पिछड़ा मोर्चा के अध्यक्ष हैं.
दया शंकर दयालु- कांग्रेस से भाजपा में आए थे.
अरुण कुमार सक्सेना- बरेली से विधायक हैं और पेशे से डॉक्टर हैं.
मयंकेश्वर सिंह
दिनेश खटीक- मेरठ से विधायक.
संजीव कुमार गौड़- पिछली सरकार में मंत्री थे.
बलदेव सिंह औलख- 307 वोटों से जीते थे.
अजीत पाल
जसवंत सैनी- पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष रहे.
मनोहर लाल पंथ- महरौली से विधायक.
राकेश निषाद
संजय गंगवार- पीलीभीत से विधायक.
बृजेश सिंह- देवबंद से विधायक.
कृष्ण पाल मलिक- बरौत से विधायक.
अनूप प्रधान वाल्मीकी
प्रतिभा शुक्ला- अकबरपुर रानिया से विधायक.
सोमेंद्र तोमर
सुरेश राही
राकेश राठौर
रजनी तिवारी
सतीश शर्मा
दानिश आजाद
विजय लक्ष्मी गौतम
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