अगर हम सच्चे देशभक्त बनना चाहते हैं तो हमें प्लास्टिक से बने झंडों को अब हमेशा के लिए ना कहना होगा. ये झंडे देश के सम्मान को नुकसान पहुंचाने के साथ ही पर्यावरण को भी बहुत हानि पहुंचाते हैं.
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नई दिल्ली: हर साल हम स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) और गणतंत्र दिवस पर दुकानों या फुटपाथ पर में तिरंगे (Tricolour) झंडों की बिक्री होते हुए देखते हैं. उन झंडों को देखते ही हमारे अंदर भी देशभक्ति की भावना आ जाती है.
हालांकि हममें से बहुत कम लोग जानते हैं कि इस दिन बिक रहे प्लास्टिक के झंडे (Plastic Flags) खरीदकर हम देशभक्ति का नहीं बल्कि पर्यावरण के नुकसान के साझीदार बन जाते हैं. चूंकि इस बार भारत आजादी के 75 साल पूरे कर रहा है. इसलिए सभी देशवासियों की जिम्मेदारी बन जाती है कि वे प्लास्टिक के झंडों को बॉय-बॉय बोलकर कपड़े या कागज के बने झंडे खरीदें. ये झंडे पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाते और इन्हें आसानी से रिसाइकल किया जा सकता है.
इस बार केंद्र सरकार ने भी राज्य और केंद्र सरकारों को एडवाइजरी जारी करके यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि लोग प्लास्टिक से बने झंडे (Plastic Flags) न खरीद पाएं. सरकार का कहना है कि तिरंगा हमारे देश की शान है. ऐसे में जब प्लास्टिक का झंडा खराब होता है तो उसे डिस्पोज नहीं किया जा सकता. जिससे देश के सम्मान को नुकसान पहुंचने के साथ ही पर्यावरण को भी हानि होती है.
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यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोगों से प्लास्टिक झंडों (Plastic Flags) का इस्तेमाल न करने की अपील की. कू ऐप पर सीएम योगी ने लिखा, अपनी सुंधर वसुधा, पालनहार प्रकृति और पर्यावरण की सुरक्षा हेतु प्लास्टिक का प्रयोग बंद करने में ही भलाई है. स्वतंत्रता दिवस पर प्लास्टिक के तिरंगे का प्रयोग कदापि न करें.'
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