LAC पर चीन की नई चाल, पैंगोंग झील में चुपके से दे रहा इस साजिश को अंजाम!
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LAC पर चीन की नई चाल, पैंगोंग झील में चुपके से दे रहा इस साजिश को अंजाम!

पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में भारत और चीन (India-China) के बीच जारी सैन्य तनाव में नया मोड़ आ गया. बातचीत की आड़ में चीन पैंगोंग झील के इलाके में एक बड़ी साजिश को अंजाम देने में जुटा है.

LAC पर चीन की नई चाल, पैंगोंग झील में चुपके से दे रहा इस साजिश को अंजाम!

लद्दाख: पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में भारत और चीन (India-China) के बीच जारी सैन्य तनाव में नया मोड़ आ गया. सैटेलाइट इमेज से पता चला है कि पैंगोंग इलाके (Pangong Tso Lake) में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए चीन तेजी के साथ झील पर पुल बनाने में लगा है.

  1. भारत ने 29 अगस्त 2020 को किया था बड़ा ऑपरेशन
  2. पैंगोंग इलाके में भौंचक्का रह गया था चीन
  3. झील के ऊपर पुल बना रहा ड्रैगन

भारत ने 29 अगस्त 2020 को किया था बड़ा ऑपरेशन

रिपोर्ट के मुताबिक चीन (China) की चालबाजियों के खिलाफ भारत ने 29 अगस्त 2020 को पैंगोंग इलाके (Pangong Tso Lake) में बड़ा ऑपरेशन किया था. भारतीय सेना ने रातोंरात ऑपरेशन कर पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे की पहाड़ियों को अपने कब्जे में ले लिया था. जिससे चीन भौंचक्का रह गया था. 

पैंगोंग इलाके में कमजोरी दूर करने में जुटा चीन

चूंकि उस वक्त चीन (China) की सेना झील (Pangong Tso Lake) के उत्तरी किनारे पर जमी थीं. इसलिए वह चाहकर भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर सकी और भारत को सामरिक बढ़त मिल गई. अब अपनी इस कमजोरी को दूर करने के लिए चीन पैंगोंग झील पर पुल बना रहा है. इसके लिए उसने ऐसी जगह भी ढूंढ ली है, जहां पर झील काफी संकरी है.

झील के ऊपर पुल बना रहा ड्रैगन

ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस की रिपोर्ट ने उस क्षेत्र की सैटेलाइट इमेज जारी की है. जिसमें पैंगोंग झील के दोनों किनारों को जोड़ने वाली एक पुल जैसी संरचना दिख रही है. सूत्रों के मुताबिक भारी बर्फबारी और खराब मौसम के बावजूद भी चीन (China) इस पुल को पूरा करने में जुटा हुआ है. इस पुल की लंबाई 400 मीटर है. माना जा रहा है कि जल्द ही इस पुल का निर्माण पूरा हो जाएगा. इसके बनने से चीन को इलाके में सामरिक बढ़त मिल जाएगी और वह अपनी सेनाओं को जब चाहे उत्तर से दक्षिणी छोर पर मूव कर सकेगा. 

चीन को मिल जाएगी सामरिक बढ़त!

रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल चीन (China) को झील (Pangong Tso Lake) के उत्तरी इलाकों पर बने अपने बेस कैंप से दक्षिण के रुतोग में बने बेस कैंप तक पहुंचने में करीब 200 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है. इस पुल के बनने से यह दूरी करीब 150 किलोमीटर कम हो जाएगा. इससे इलाके में चीन की सैन्य स्थिति और मजबूत हो जाएगी. साथ ही पैंगोंग झील के दक्षिण इलाकों में उसकी पकड़ और पुख्ता हो जाएगी. 

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चीन का इलाके से हटने का प्लान नहीं?

स्वीडन के उप्साला यूनिवर्सिटी में पीस एंड कंफ्लिक्ट रिसर्च डिपार्टमेंट के प्रमुख प्रोफेसर अशोक स्वैन इस स्थिति को चिंताजनक मानते हैं. उनके मुताबिक पैंगोंग इलाके में तेजी से पुल का निर्माण कर चीन (China) साफ संकेत दे रहा है कि उसका इलाके से हटने का कोई प्लान नहीं है. वह बातचीत की आड़ में केवल अपनी सैन्य स्थिति मजबूत करने में जुटा है. जिससे हालात खराब होने पर वह अच्छी पोजिशन में रहे. 

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