चीन के दावे को भारत ने नकारा, डोकलाम में नहीं घटाए सैनिक
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चीन के दावे को भारत ने नकारा, डोकलाम में नहीं घटाए सैनिक

डोकलाम में भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच भारत सरकार ने चीन के उस दावे का खंडन किया है, जिसमें चीन की तरफ से कहा गया था कि जिस स्थान पर तीनों देशों की सीमा मिलती है वहां पर भारत ने जवानों की संख्‍या घटाई है. भारत की तरफ से वरिष्‍ठ अधिकारियों ने जोर देकर यह कहा कि बीते छह हफ्तों से डोकलाम में यथास्थिति बनी हुई है.

चीनी विदेश मंत्रालय ने 15 पन्नों की ‘फैक्ट शीट’ जारी की है. (file pic)

नई दिल्‍ली : डोकलाम में भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच भारत सरकार ने चीन के उस दावे का खंडन किया है, जिसमें चीन की तरफ से कहा गया था कि जिस स्थान पर तीनों देशों की सीमा मिलती है वहां पर भारत ने जवानों की संख्‍या घटाई है. भारत की तरफ से वरिष्‍ठ अधिकारियों ने जोर देकर यह कहा कि बीते छह हफ्तों से डोकलाम में यथास्थिति बनी हुई है.

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चीन के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक दस्तावेज जारी करते हुए कहा था कि जुलाई के अंत में भारतीय सैनिकों की संख्या घटकर 40 रह गई जबकि जून में यह आंकड़ा 400 था. चीन के इस दावे का भारत की तरफ से खंडन कर दिया गया है. चीनी विदेश मंत्रालय ने 16 जून से शुरू हुए इस गतिरोध के बारे में 15 पन्नों का एक ‘फैक्ट शीट’ मानचित्रों और दूसरे विवरणों के साथ जारी किया है.

‘फैक्ट शीट’ में कहा गया कि 18 जून को करीब 270 भारतीय सैनिक हथियार लेकर दो बुलडोजरों के साथ सिक्किम सेक्टर के डोकलाम दर्रे को पार कर गए और ‘चीन की तरफ बन रही सड़क को बाधित करने के लिये उसके क्षेत्र में 100 मीटर से ज्यादा अंदर आ गये, जिससे इलाके में तनाव हो गया था.’ इसमें दावा किया गया, ‘दो बुलडोजरों के अलावा, अतिक्रमण करने वाले भारतीय सीमा सैनिकों की संख्या एक समय 400 से ज्यादा हो गई थी, उन्होंने तीन तंबू लगा दिये थे और चीनी क्षेत्र में 180 मीटर से ज्यादा अंदर आ गये थे.’

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दस्तावेज में कहा गया है कि ‘जुलाई के अंत तक वहां अब भी करीब 40 भारतीय सीमा सैनिक और एक बुलडोजर अवैध रूप से चीनी क्षेत्र में मौजूद हैं.’ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पिछले महीने कहा था कि किसी भी बातचीत से पहले दोनों पक्षों को अपने सैनिक वापस बुलाने होंगे. भारत ने चीन की सरकार को बता दिया है कि सड़क निर्माण का मतलब है यथास्थिति में उल्लेखनीय बदलाव जिसके सुरक्षा संबंधी गंभीर प्रभाव हो सकते हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पिछले महीने ब्रिक्स एनएसए बैठक में शामिल होने बीजिंग गए थे.

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